Veer Savarkar: नाथूराम गोडसे को बंदूक दिलाने में सावरकर ने की थी मदद, महात्‍मा गांधी के प्रपौत्र तुषार का दावा

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Veer Savarkar: नाथूराम गोडसे को बंदूक दिलाने में सावरकर ने की थी मदद, महात्‍मा गांधी के प्रपौत्र तुषार का दावा

Veer Savarkar: नाथूराम गोडसे को बंदूक दिलाने में सावरकर ने की थी मदद, महात्‍मा गांधी के प्रपौत्र तुषार का दावा

मुंबई: भारत जोड़ो यात्रा के दौरान स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के बारे में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बयान पर बवाल मच गया। राहुल गांधी के बयान के विरोध में बीजेपी, एमएनएस और शिंदे गुट सड़कों पर है। इस बीच राहुल गांधी के बयान का समर्थन करते हुए अब महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने भी सावरकर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। तुषार गांधी ने दावा किया है कि सावरकर ने गांधी की हत्या में नाथूराम गोडसे को बंदूकों की सप्‍लाई में मदद की थी।

तुषार गांधी ने एक इंटरव्यू में कहा कि जिस बंदूक से महात्मा गांधी की हत्या की गई थी। सावरकर ने इसे सप्‍लाई करने में मदद की। कपूर आयोग की रिपोर्ट पढ़ें। इसमें उन्होंने तमाम जांचों, सबूतों का अध्ययन किया था और उन्हें रिकॉर्ड पर लाया था। इस रिपोर्ट में इसका साफ जिक्र किया गया है। सावरकर ने 26-27 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे से मुलाकात की। उन्होंने जोर देकर कहा कि तब तक उनके (गोडसे) पास बंदूक नहीं थी। इसके साथ ही यह बंदूक हत्या के 2 दिन पहले मिली थी। इसके बाद वह यही बंदूक लेकर दिल्ली आया और 30 जनवरी को बापू की हत्या कर दी।

तुषार गांधी ने कहा कि बंदूक लेने वाले और बंदूक चलाने वाले दोनों ही सावरकर के अनुयायी थे। इसके साथ ही अगर कोई मेरे बयान के आधार पर कोर्ट जाना चाहता है तो उसे जरूर जाना चाहिए। तुषार गांधी ने सावरकर के पौत्र सात्यकी सावरकर को जवाब देते हुए कहा है कि मेरे पास जो भी जानकारी है उसे लाने का मुझे उतना ही अधिकार है जितना कि उन्हें कोर्ट जाने का।

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सात्यकी सावरकर ने क्या कहा था?
सावरकर के पोते सात्यकी सावरकर ने तुषार गांधी पर पलटवार करते हुए कहा है कि वह अदालत में भागेंगे। उन्‍होंने कहा क‍ि तुषार गांधी जो कुछ भी कह रहे हैं वह बहुत झूठ है। यह झूठा आरोप है। दरअसल, अगर अदालत या पुलिस को पता होता तो मुकदमे में ही तात्या राव को आरोपी बना दिया जाता। यदि तात्या सावरकर नाथूराम की सहायता करने वाले होते तो उन पर षड्यंत्र में मिलीभगत का आरोप लगाया जाता। लेकिन अदालत ने सावरकर को बरी कर दिया।

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उन्‍होंने कहा क‍ि उन्हें याद रखना चाहिए कि तुषार गांधी जो कह रहे हैं वह कोर्ट की अवमानना है। मैं इस बारे में कोर्ट जाने की सोच रहा हूं। न्याय एक बार होना चाहिए। एक बार चापलूसी करने के बाद, बाकी शांत हो जाएंगे।

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