Varanasi News: यूपी साइबर फ्रॉड का जामताड़ा मॉडल, बीएचयू छात्रा की शिकायत पर दो लोग झांसी से गिरफ्तार

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Varanasi News: यूपी साइबर फ्रॉड का जामताड़ा मॉडल, बीएचयू छात्रा की शिकायत पर दो लोग झांसी से गिरफ्तार

Varanasi News: यूपी साइबर फ्रॉड का जामताड़ा मॉडल, बीएचयू छात्रा की शिकायत पर दो लोग झांसी से गिरफ्तार

वाराणसी: वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस की तत्परता और काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) की छात्रा की हिम्मत ने दो साइबर फ्रॉड को जेल पहुंचा दिया। साइबर फ्रॉड के जामताड़ा मॉडल की तर्ज पर गिरोह बना कर लोगों से पैसे ऐंठने वाले गिरोह पर वाराणसी पुलिस ने खुलासा किया।

दरअसल, वॉट्सऐप वीडियो कॉल कर बीएचयू की छात्रा की न्यूड तस्वीर दिखाकर फ्रॉड ब्लैकमैल कर रहा था।
छात्रा ने हिम्मत दिखाकर इस बात की शिकायत लंका थाने पर की, जिसके बाद वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस ने पूरी तत्परता दिखाते हुए पहले टारगेट को चिह्नित किया। उसके बाद झांसी से गिरफ्तार कर लिया। आमतौर पर लड़कियों द्वारा लोकलाज के भय से पुलिस में शिकायत न करना ऐसे अपराधियों का हौसला बढ़ा देता है, लेकिन इस मामले में बीएचयू की छात्रा ने हिम्मत दिखाकर कई और लड़कियों को इस जालसाज का शिकार होने से बचा लिया। क्यों खास है ये गिरफ्तारी जानिए पूरी कहानी…

ये है पूरा मामला

लंका थाने में सोमवार रात बीएचयू की एक छात्रा ने पांच मोबाइल नम्बर के साथ एक अकाउंट नम्बर देकर शिकायत दर्ज कराई। शिकायत थी कि पुलिस जांच के नाम पर एक अश्लील वीडियो से छात्रा का बॉडी मैच कराना है। घबराहट में वॉट्सऐप वीडियो कॉल पर छात्रा ने बात मान ली। उसके बाद फोटो दिखा कर पैसे मांगने का सिलसिला शुरू हो गया। बॉडी मैच कराने के नाम पर छात्रा का फोटो उसके दोस्तों को भी भेजा जाने लगा। डर की वजह से छात्रा ने बताए हुए अकाउंट में 2400 रुपये भी ट्रांसफर कर दिए थे। लगातार पैसे की डिमांड को देखते हुए छात्रा ने इसकी शिकायत अपने प्रिंसिपल से की। प्रिंसिपल ने एफआईआर दर्ज कराने से पहले इसकी सूचना लंका थाने में दर्ज कराई। बीएचयू के छात्रा की इस शिकायत को कमिश्नरेट पुलिस ने गंभीरता से लेते हुए तत्काल कार्यवाही शुरू कर द।

एफआईआर दर्ज करने से पहले ही पुलिस ने कर लिया था होम वर्क

वाराणसी पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने एनबीटी ऑनलाइन को बताया कि एफआईआर दर्ज होने के कुछ दिनों पहले ही इस मामले की सूचना मौखिक तौर पर उन्हें मिली थी। लोकलाज के डर से प्रिंसिपल और छात्रा लिखित में शिकायत करने से घबरा रहे थे। महिला अपराध के मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए सूचना के आधार पर पुलिस टीम को टारगेट को स्पॉट करने के काम पर लगा दिया गया। ऐसा इसलिए किया गया, क्योंकि एफआईआर दर्ज होते ही अपराधी अलर्ट हो सकते थे। सूचना के तौर पर कुछ मोबाइल नम्बर और एक बैंक अकाउंट की डिटेल ही पुलिस के पास थी। इन्हीं नम्बरों के आधार पर इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस से अपराधियों को ट्रैक करके स्पॉट कर लिया गया। कार्रवाई करने के लिए एफआईआर दर्ज करना जरूरी था, इसके लिए उन्होंने खुद प्रिंसिपल और छात्रा से बात की, जिसके बाद सोमवार रात में मुकदमा दर्ज कर इन अपराधियों को झांसी से गिरफ्तार कर लिया गया।

क्या था मोड्स ऑपरेंडी

पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने बताया कि ये अपराधी ट्रूकॉलर के जरिए रैंडम नम्बर सेलेक्ट करते थे। ट्रूकॉलर के प्रोफइल में लड़कियों की फोटो देखकर उन्हें ये वॉट्सऐप पर पुलिस अधिकारी बनकर कॉल करते थे। पुलिस अधिकारी बनकर लोगो को धमकाया जाता था कि आपकी वीडियो वायरल हुई है और उसके बाद महिला पुलिस कर्मी के सामने बॉडी मैच कराने को कहा जाता था। एक बार वीडियो कॉल पर स्क्रीन शॉट और वीडियो रिकॉर्ड कर ये लोग पैसे की डिमांड करते थे।

लगेगा गैंगस्टर ऐक्ट

पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने बताया कि इतनी प्लानिंग के साथ फ्रॉड करना महज दो लोगों का काम नहीं हो सकता। गिरफ्तारी के बाद शुरुआती पूछताछ में और भी कई लोगों के इस गैंग में शामिल होने की जानकारी मिली है। जल्द ही इस पूरे नेटवर्क को क्रैकडाउन किया जाएगा। फिलहाल झांसी से गुरसराय थाना क्षेत्र के रहने वाले चंद्रपाल परिहार और मोहम्मद नासिर को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है।

कमिश्नर ने की अपील

पुलिस कमिश्नर ने लोगों से अपील की कि अगर और भी कोई इन लोगों का शिकार हुए हैं तो बेझिझक अपनी शिकायत दर्ज कराएं। उनकी तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा। साथ ही अनजान नम्बर से आने वाले किसी भी वीडियो कॉल को रिसीव करने से परहेज करें।
इनपुट- अभिषेक कुमार झा

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