Varanasi News: कर्नाटक के दंडी स्‍वामी ने दी शास्‍त्रार्थ की चुनौती, ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य पद को लेकर काशी में घमासान

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Varanasi News: कर्नाटक के दंडी स्‍वामी ने दी शास्‍त्रार्थ की चुनौती, ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य पद को लेकर काशी में घमासान

Varanasi News: कर्नाटक के दंडी स्‍वामी ने दी शास्‍त्रार्थ की चुनौती, ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य पद को लेकर काशी में घमासान

वाराणसी: द्वारकाधीश पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के ब्रह्मलीन होने के बाद दो पीठों के शंकराचार्य बनने पर काशी में घमासान मचा हुआ है। द्वारका और ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के ब्रह्मलीन होने के बाद उनके शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने खुद को ज्योतिष पीठ का शंकराचार्य घोषित कर दिया था। अब उनके ही गुरुभाई ने उन्‍हें शास्‍त्रार्थ की चुनौती देते हुए उन्‍हें कलयुग का दुर्योधन तक कह दिया। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को लेकर संत समाज में एक मत नहीं है।

स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के ही कर्नाटक के शिष्य स्वामी गोविंदानंद ने शनिवार को काशी विद्वत परिषद और स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को खुली चुनौती दे दी। स्वामी गोविंदानंद ने काशी विद्वत परिषद को शास्त्रार्थ की चुनौती देते हुए कहा कि काशी विद्वत परिषद में कोई भी धर्म, वेद पुराण और कर्मकांड का ज्ञाता नहीं है। उन्होंने खुद को शंकराचार्य घोषित कर चुके स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद पर भी निशाना साधा और उन्हें कलयुग का दुर्योधन तक कह दिया। स्वामी स्वामी गोविंदानंद ने अविमुक्तेश्वरानंद के जाति पर भी सवाल उठाए और कहा कि वह ब्राह्मण नहीं है और गैर ब्राह्मण शंकराचार्य नहीं बन सकता।

इससे पहले खुद को काशी विद्वत परिषद का पूर्व महामंत्री बताने वाले कमलाकांत त्रिपाठी ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्‍फ्रेंस की थी। इसमें उन्‍होंने इसमें काशी विद्वत परिषद के लेटर हेड पर स्‍वामी अविमुक्‍तेश्‍वरानंद को शंकराचार्य बनाए जाने का समर्थन किया था। लेकिन इसके बाद विद्वत परिषद के बाकी सदस्‍यों ने देर शाम काशी विद्वत परिषद के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ वशिष्ठ त्रिपाठी के आवास पर एक पत्रकार वार्ता बुलाई और इसे सिरे से खारिज किया।

पत्रकार वार्ता में डॉ. आशीष त्रिपाठी ने बताया कि ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में लंबित है ऐसे में जो सर्वोच्च अदालत का निर्णय होगा वह सर्वमान्य होगा। काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रोफेसर राम नारायण द्विवेदी ने कमलाकांत त्रिपाठी पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह कभी भी विद्वत परिषद में महामंत्री के पद पर नहीं रहे हैं और वर्तमान में भी वह विद्वत परिषद के सदस्य नहीं हैं। ऐसे में उन्होंने जिस फर्जी लेटर हेड का इस्तेमाल किया है इसके लिए उनके खिलाफ वैधानिक कार्यवाही भी की जाएगी।

सुप्रीम कोर्ट में 17 नवम्बर को है सुनवाई
ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य पद को लेकर स्वामी वासुदेवानंद और ब्रह्मलीन हो चुके स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के बीच कानूनी लड़ाई चल रही थी। स्वामी वासुदेवानंद के प्रतिनिधि अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद ने बताया कि शंकराचार्य पद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 17 नवंबर को सुनवाई है। इसी मामले की वजह से स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के पट्टाभिषेक कार्यक्रम पर भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रोक लगाई गई थी। ऐसे में कोई खुद को कैसे शंकराचार्य घोषित कर सकता है। वहीं दूसरी ओर काशी विद्युत परिषद में मचे घमासान को लेकर उन्होंने कहा कि काशी विद्वत परिषद ने कभी भी अपने आप को विवादों में नहीं रखा है। ऐसे में न्यायालय में चल रहे विवाद के ऊपर फर्जी तरीके से समर्थन देने की बात कहना कोर्ट की अवमानना है।
(रिपोर्ट: अभिषेक झा)

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