Valentine Week: खुद साफ किए बर्तन, किराए के सामान से गुजारा…उस राजकुमारी की लव स्टोरी जो प्यार के लिए परिवार से भिड़ गई
माधवराव सिंधिया, यशोधरा राजे के बड़े भाई थे। यशोधरा राजे उन्हें दादा कहती थीं। एक दिन माधवराव ने यशोधरा राजे और सिद्धार्थ को मुंबई के विलिंगन क्लब में एक साथ चाय पीते हुए देख लिया था। दोनों को एक साथ देख माधवराव काफी नाराज हुए। माधवराव का कहना था कि सिंधिया राजघराने की लड़कियां कायदे-कानून से चलती हैं। गुस्से में माधवराव ने यशोधरा राजे को अगले ही दिन विशेष विमान से ग्वालियर भेज दिया।
राजमाता को मिली जानकारी
यशोधरा राजे के ग्वालियर पहुंचते ही राजमाता विजयाराजे सिंधिया को भी इस संबंध के बारे में जानकारी दी गई। वो दुविधा में थी। क्योंकि सिंधिया परिवार में अंतरजातीय विवाह स्वीकार्य नहीं किए जाते थे। माधवराव इस रिश्ते के खिलाफ थे। मां-बेटे ने यशोधरा राजे के लिए रिश्ता खोजना शुरू कर दिया। लेकिन यशोधरा केवल सिद्धार्थ से शादी करना चाहती थीं। इसलिए उन्होंने अपने परिवार को अपना फैसला सुनाया कि अगर उनकी शादी सिद्धार्थ से नहीं हुई तो सारी जिंदगी शादी नहीं करेंगी।
शादी में शामिल नहीं हुआ परिवार
आखिरकार यशोधरा राजे सिंधिया ने सिद्धार्थ से शादी कर ली। इस शादी में सिंधिया परिवार का कोई सदस्य शामिल नहीं हुआ। शादी के बाद 1977 में यशोधरा राजे सिंधिया अपने पति के साथ अमेरिका चली गईं। यहां सिद्धार्थ को इंटर्न के रूप में वेतन मिलता था। कम पैसे में घर चलाने की जिम्मेदारी एक राजकुमारी के लिए काफी मुश्किल था। यशोधरा राजे सिंधिया खुद खाना बनाती थी और बर्तन साफ करती थीं। किराये की मशीन लेकर वो सप्ताह में एक बार कपड़े साफ करती थीं। शादी के बाद एक राजकुमारी को सामान खरीदने के लिए हमेशा लाइन में लगना पड़ता था।
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1994 में हुआ तलाक
1994 में यशोधरा राजे सिंधिया और सिद्धार्थ भंसाली का तलाक हो गया। तलाक के बाद वो वापस इंडिया लौट गईं। भारत आते ही वो राजनीति में एक्टिव हो गईं। मौजूदा समय में यशोधरा राजे सिंधिया मध्यप्रदेश की शिवपुरी विधानसभा सीट से विधायक हैं और शिवराज सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। यशोधरा और सिद्धार्थ के तीन बच्चे हैं। तीनों बच्चे अमेरिका में रहते हैं। उनके बड़े अक्षय भंसाली, चुनाव के समय मां का प्रचार करने के लिए इंडिया आते हैं।