व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ने के लिए ‘यूजर की सहमति ज़रूरी’

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लोकसभा चुनाव से पहले, फेक न्यूज़ पर रोक लगाने के लिए व्हाट्सएप कंपनी ने एक अहम क़दम उठाया है। अब व्हाट्सएप ग्रुप का एडमिन यूजर की सहमति के बिना उसको किसी भी ग्रुप में जोड़ नहीं पाएगा। व्हाट्सएप ने कहा कि लोगों की निजता के मद्देनज़र प्राइवेसी सेटिंग में एक नए फीचर की शुरूआत की गई है, जिसके तहत यूजर की अनुमति के बिना ग्रुप एडमिन ग्रुप में जोड़ नहीं पाएगा।

व्हाट्सएप ने आम चुनावों में पारदर्शिता लाने के मद्देनज़र एक नई पहल की शुरूआत की है, जिसके तहत व्हाट्सएप ने एक नए फीचर की शुरूआत करते हुए ग्रुप में जोड़ने के नियम को सख़्त कर दिया गया है। व्हाट्सएप ने प्राइवेसी के सेटिंग में एक नए फीचर की शुरूआत की और कहा कि इस फीचर के ज़रिए यूजर ये तय कर सकते हैं कि उन्हें किसी व्हाट्सएप ग्रुप में कौन जोड़ सकता है। इसके लिए तीन विकल्प दिए हैं। पहला, यूजर को कोई नहीं जोड़ सकता। दूसरा, वे लोग ग्रुप में जोड़ सकते हैं कॉन्टैक्ट लिस्ट में हैं और तीसरा, कोई भी ग्रुप में नहीं जोड़ सकता।

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बता दें पिछले कुछ समय में सोशल मीडिया के ज़रिए फैली झूठी ख़बरों से व्यापक पैमाने पर हिंसा की घटनाएं हुईं और देश में एक नया तंत्र ‘भीड़तंत्र’ के नाम पैदा हुआ, जिसने न जाने कितने बेगुनाह लोगों की जान सिर्फ़ झूठी ख़बरों के आधार पर ले ली। नियमों को सख़्त करने का व्हाट्सएप द्वारा उठाया गया क़दम झूठी ख़बरों को रोकने की दिशा में बेहतरी की उम्मीद करता है।