UPSC ने 3 बार खारिज कर दी राजस्थान सरकार की फाइल, वरना IAS बन जाता घूसखोर CEO सुरेन्द्र सिंह राठौड़

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UPSC ने 3 बार खारिज कर दी राजस्थान सरकार की फाइल, वरना IAS बन जाता घूसखोर CEO सुरेन्द्र सिंह राठौड़

रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर: पिछले सप्ताह को एसीबी के हत्थे चढे़ बायोफ्यूल ऑथोरिटी (biofuel authority rajasthan) के सीईओ सुरेन्द्र सिंह राठौड़ (surendra singh rathore) प्रकरण में बड़ा खुलासा हुआ है। 5 लाख रुपए की रिश्वत लेते पकड़े गए सुरेन्द्र सिंह राठौड़ के राजनीतिक रसुखात बहुत अच्छे थे। साथ ही प्राशसनिक पहुंच भी काफी ऊपर तक थी। यही वजह थी कि राजस्थान सरकार ने सुरेन्द्र सिंह राठौड़ को आईएएस (IAS) बनाने के लिए यूपीएससी को फाइल भेज दी थी। एक बार नहीं बल्कि तीन-तीन बार राज्य सरकार की ओर से यूपीएससी (UPSC) को फाइल भेजी गई थी। लेकिन तीनों ही बार यूपीएससी ने राज्य सरकार की फाइल को खारिज कर दिया। यूपीएससी अगर सुरेन्द्र सिंह की फाइल खारिज नहीं करती तो आज वह आईएएस अफसर बन किसी जिले का कलेक्टर या किसी विभाग का मुखिया होता। फिलहाल सुरेन्द्र सिंह राठौड़ को एसीबी की ओर से शनिवार को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है।
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कैरी फॉरवर्ड के जरिए अन्य सेवाओं के अफसरों को बनाया जाता है IAS
प्रदेश की अन्य सेवाओं में कार्यरत अफसरों को कैरी फॉरवर्ड नियम के तहत आईएएस में पदोन्न करने के लिए राज्य सरकार यूपीएससी को फाइल भेजती है। राज्य सरकार द्वारा भेजे गए नामों की सूची वाले अफसरों का यूपीएससी इंटरव्यू लेती है। इसके बाद रिक्त पदों के हिसाब से अन्य सेवाओं के अफसरों को आईएएस में पदोन्नती दी जाती है। इसी के तहत पिछले 11 साल में राज्य सरकार द्वारा तीन बार सुरेन्द्र सिंह राठौड़ का नाम आईएएस में पदोन्नत के लिए यूपीएससी को भेजे गए। यूपीएससी ने हर बार सुरेन्द्र सिंह राठौड़ के नाम को खारिज कर दिया। इसी वजह से वह आईएएस नहीं बन पाया।

कैरी फॉरवर्ड नियम के खिलाफ है RAS एसोसिएशन
अन्य सेवाओं से आईएएस में पदोन्नति पर राजस्थान एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेज के अधिकारी नाराज हैं। आरएएस एसोसिएशन ने राज्य सरकार के साथ केन्द्र सरकार को पत्र भेज कर इस नियम को गलत बताया है। केन्द्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण यानी सेन्ट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) में भी आरएएस एसोसिएशन ने केस दायर कर रखा है। एसोसिएशन का तर्क है कि आरएएस सेवाओं में कार्यरत सीनियर अधिकारियों को प्रमोशन करके आईएएस बनाए जाते हैं। अन्य सेवाओं से कैरी फॉरवर्ड के जरिए आईएएस में पदोन्नत करने से आरएएस अधिकारियों के हितों पर कुठाराघात होता है। हालांकि यह मामला फिलहाल कैट में लम्बित है।
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12 साल में 1000 करोड़ रुपए कमाए सुरेन्द्र सिंह राठौड़ ने
इंडियन एयरफोर्स में सामान्य सैनिक की पोस्ट से सेवानिवृत होने के बाद सुरेन्द्र सिंह राठौड़ बतौर संविदाकर्मी ग्रामीण विकास विभाग में मैनेजर लग गया। इसके बाद इसने राजनेताओं से संबंध बनाने शुरु किए। राजनैतिक रसूखात के चलते उसने बायोफ्यूल प्राधीकरण में मुखिया के पद पर पोस्टिंग करवा ली। इस प्राधीकरण में आने के बाद सुरेन्द्र सिंह हर महीनें करोड़ों रुपए की धांधली शुरू कर दी। बायोफ्यूल का कारोबार करने वालों से लाखों रुपए की वसूली करने लगा और प्रदेश में नकली बायोफ्यूल बेचने वालों को शह देनी शुरू कर दी। अन्य राज्यों से मिलावटी और घटिया बायोफ्यूल बेचने वालों से प्रतिदिन लाखों रुपए वसूल करके सुरेन्द्र सिंह राठौड़ ने बीते 12 साल में 1000 करोड़ रुपए कमा लिए। अधिकतर पैसा बेटे के माइनिंग के व्यापार में लगाया और करोड़ों रुपए की कई प्रोपर्टीज खरीद ली थी। एसीबी चल और अचल संपति का ब्योरा जुटा रही है।

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