चार लोगो को बचाने के लिए जान की परवाह किये बिना रासायनिक नाले में कूद गया सिपाही

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ताजनगरी आगरा में एक पुलिसकर्मी ने चार लोगों की जान बचाने के लिए जिस वीरता का परिचय दिया है, वह मिसाल पेश करने वाला है. आगरा के सिकंदरा थाने पर तैनात सिपाही उमैद अली की पुलिस महकमे में ही नहीं, हर जगह तारीफ़ हो रही है. उत्तर प्रदेश के DGP ओपी सिंह ने उमैद अली को उनकी बहादुरी के लिए कमेंडेशन डिस्क से नावज़ने की घोषणा की है.

इतना ही नही उमैद अली को ‘कॉप ऑफ द मंथ’ पुरस्कार भी प्रदान किया जाएगा. उमैद को यह पुरस्कार और तारीफें चार जिंदगियों को बचाने के लिए अपनी जान दांव पर लगा देने के चलते मिल रही हैं.

सूझबूझ से बचायी जान

दरअसल सिकंदरा के इंडस्ट्रियल एरिया में एक कार दुर्घटनाग्रस्त हो गहरे गंदे नाले में जा गिरी. कार में चार लोग सवार थे. एक प्रत्यक्षदर्शी ने सिपाही उमैद अली को इसकी सूचना दी. घटनास्थल से थोड़ी ही दूर चीता मोबाइल पर तैनात सिपाही उमैद अली घटना के बारे में सुन पैदल ही दौड़ पड़े. घटनास्थल पर पहुंचकर उमैद ने बिना समय गंवाए अपने कपड़े उतारे, एक रस्सी नाले में लटकाई और वहां मौजूद स्थानीय लोगों को रस्सी पकड़ा नाले में छलांग लगा दी. नाले में इंडस्ट्रीज़ का कचरा बहता है, जिससे नाले का पानी रसायनों के चलते जानलेवा है.

नाले में प्राणघातक रसायनों, बदबू और दम घोंटने वाली गंदगी की परवाह न कर अपनी जान पर खेलकर उमैद  अली ने नाले में डुबकी लगा दी. उन्होंने ईंट से कार का शीशा तोड़कर दो युवकों और दो युवतियों को रस्सी के सहारे नाले से बाहर निकाला.

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इस दौरान उमैद की मदद के लिए पुलिस नहीं पहुंच सकी थी. उमैद की हिम्मत देख स्थानीय लोगों ने उनकी मदद की. उन्होंने एक-एक कर घायलों को बाहर कार से बाहर निकाला और वहां मौजूद लोगों ने घायलों को अस्पताल पहुंचाया.

पर किस्मत के आगे हारे उमैद

हालांकि हादसे के शिकार चारों लोगों की जान नहीं बचाई जा सकी. उल्टे सिपाही उमैद अली की भी तबीयत बिगड़ गई. पुलिस ने घटना में मृत चारों व्यक्तियों की पहचान बोदला निवासी 20 वर्षीय प्रमोद मिश्रा, सेक्टर 1 निवासी 23 वर्षीय गौरव वर्मा, बोदला निवासी ज्योति और महर्षिपुरम निवासी साक्षी कुशवाहा के रूप में की है. चारों बीए फाइनल ईयर के स्टूडेंट थे.

अधिकारियों ने की सराहना

सिकंदरा थाने के प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि उमैद अली का नाम उनकी बहादुरी के लिए अवॉर्ड के लिए भेजा जाएगा, उन्होंने सराहनीय कार्य किया है.

प्रदेश के नवनियुक्त डीजीपी ने भी ट्वीट कर उमैद अली को कमेंडेशन डिस्क दिए जाने की घोषणा की है. उधर नाले की गंदगी और खतरनाक रसायनों से बिगड़ी उमैद अली को भी अस्पताल में भर्ती करना पड़ा, जहां बुधवार की देर रात उनकी सेहत में सुधार हुआ.

हालत में सुधार आने के बाद सिपाही उमैद  अली ने कहा कि उसे सिर्फ इस बात का मलाल है कि उन्हें सूचना देर से मिली. अगर समय पर सूचना मिल जाती तो चारों की जान बच जाती.