UP Nikay Chunav: निकाय चुनाव से पहले अखिलेश-शिवपाल आए साथ, क्या शहरी चुनाव में सुधरेगा SP का ट्रैक रिकॉर्ड?

145
UP Nikay Chunav: निकाय चुनाव से पहले अखिलेश-शिवपाल आए साथ, क्या शहरी चुनाव में सुधरेगा SP का ट्रैक रिकॉर्ड?

UP Nikay Chunav: निकाय चुनाव से पहले अखिलेश-शिवपाल आए साथ, क्या शहरी चुनाव में सुधरेगा SP का ट्रैक रिकॉर्ड?

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में शहरी निकाय चुनाव का बिगुल बज चुका है। सीटों का फाइनल आरक्षण तय होने के साथ ही चुनाव की तारीखों का एलान होना रह गया है। राजनीतिक पार्टियां निकाय चुनाव की तैयारियों में जुट गई हैं। एक ओर जहां टिकट के दावेदार पार्टी दफ्तर से लेकर नेताओं की परिक्रमा कर रहे है, वहीं राजनीतिक पार्टियां उम्मीदवारों के चयन को लेकर माथापच्‍ची में जुटी हैं।

निकाय चुनाव में सपा का प्रदर्शन दमदार नहीं रहा

शिवपाल यादव के साथ आने के बाद मैनपुरी और खतौली उपचुनाव में मिली जीत से समाजवादी पार्टी निकाय चुनाव में बेहतर परफॉर्मेंस का दावा कर रही है। दूसरी ओर, बीजेपी भी निकाय चुनाव में अपने पिछले रिकॉर्ड को तोड़ने की बात कह रही है। निकाय चुनाव को लेकर जब वरिष्ठ पत्रकार राज कुमार सिंह से एनबीटी ऑनलाइन ने बात की तो उन्होंने बताया कि नगर निगम के चुनाव शहरी क्षेत्र के चुनाव होते है, जिनमें सभी बड़े शहर और नगर पंचायत आते हैं। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का परफॉर्मेंस पहले से ही बेहतर रहा है। बीजेपी पहले से ही मेयर का चुनाव जीतती आ रही है और उनकी बढ़त भी रहती है। वहीं अगर समाजवादी पार्टी की बात करे तो सपा इन चुनावों में अच्छा परफॉर्मेंस नहीं कर पाती है। वो ग्रामीण क्षेत्रों वाले पंचायत चुनाव में अच्छा परफॉर्मेंस करती है, लेकिन शहरी क्षेत्र के चुनाव में सपा का अभी ट्रैक रिकॉर्ड बहुत अच्छा नहीं रहा है।

शिवपाल के साथ आने का फायदा तो मिलेगा

वहीं, शिवपाल यादव के साथ आने पर निकाय चुनाव में सपा के ग्राफ पर क्या असर पड़ेगा, इसपर वरिष्ठ पत्रकार राजकुमार सिंह का कहना है कि शिवपाल के साथ आने से समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं का मनोबल तो बढ़ा है लेकिन उसका असर निकाय चुनाव में वोट में कन्वर्ट होगा, इस पर संदेह है। राजकुमार सिंह की मानें तो निकाय चुनाव में सपा की परफॉर्मेंस में थोड़ा सा सुधार देखने को मिल सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि शिवपाल यादव के आने से सपा कार्यकर्ताओं में ऊर्जा दिखेगी। टिकट लेने वाले नेताओं में भी ऊर्जा देखने को मिलेगी।

वरिष्ठ पत्रकार योगेश मिश्र का कहना है कि शिवपाल के साथ आने इनके कॉर्पोरेटर अच्छे से जीतेंगे, लेकिन मेयर पद पर ज्यादातर सीटें बीजेपी ही जीतेगी। कॉर्पोरेटर के चुनाव में शिवपाल का असर दिखाई देगा। उदाहरण के तौर पर उन्होंने समझाते हुए बताया कि अगर शिवपाल यादव हर जगह अपनी पार्टी का कॉर्पोरेटर लड़ाते तो और उनका कॉर्पोरेटर 100 वोट पाता तो वो किसका वोट काटते, बीजेपी का तो काटते नहीं। उन्होंने कहा कि एक और एक ग्यारह नहीं हो सकते लेकिन एक और एक 2 तो हो ही सकते हैं तो ऐसी सिचुवेशन में सपा को फायदा ही होगा।

पिछली बार से ज्‍यादा सीटें जीतेगी बीजेपी: राकेश त्रिपाठी

निकाय चुनाव को लेकर बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि निकाय चुनाव में बीजेपी की बादशाहत पहले भी थी। 16 नगर निगमों में से 14 सीटों पर हम पहले भी जीते थे। जब शिवपाल यादव सपा के प्रदेश अध्यक्ष थे, तब भी बीजेपी के लिये चुनौती नहीं बन पाए। तो निश्चित तौर पर इसबार भी चुनौती नहीं बन पाएंगे। अब तो केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की उपलब्धियों का लंबा खाका भी है। जनता एक बार फिर बीजेपी पर भरोसा करेगी और पिछली बार से भी ज्यादा सीटें बीजेपी जीतेगी।

इस बार जनता बीजेपी को सबक सिखाएगी: सपा

सपा प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने कहा कि बीजेपी के कुशासन से यूपी की जनता परेशान है। जिस तरीके से नगर निगमों के हालात है, पिछले 5 साल से सरकार ने फंड नहीं दिया और अगर कही दिया भी है तो वहां पर भ्रष्टाचार है। नगर निगम के जो मुद्दे है सड़क, गली को लेकर बीजेपी ने कोई काम नहीं किया है। नालों की सफाई नहीं होने से डेंगू विकराल रूप से फैल गया। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि सपा निकाय चुनाव में जनता से जुड़े सभी मुद्दों को उठाएगी और इस चुनाव में जनता बीजेपी को सबक सिखाने का काम करेगी।

गौरतलब है कि यूपी में कुल 17 नगर निगम, 200 नगर पालिका परिषद, 545 नगर पंचायत समेत कुल 762 नगरीय निकाय की सीटों पर चुनाव होना है। वर्तमान में नगरीय निकायों की कुल आबादी लगभग 4.85 करोड़ है जो वर्ष 2017 के निर्वाचन के सापेक्ष लगभग 70 लाख अधिक है। वहीं मेयर की सीटों पर आरक्षण की बात करे तो आगरा में अनुसूचित जाति महिला, झांसी में अनुसूचित जाति, मथुरा वृन्दावन और अलीगढ़ सीट अन्य पिछड़ा वर्ग महिला के लिये आरक्षित की गई है। मेरठ और प्रयागराज सीट अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित है। अयोध्या, सहारनपुर और मुरादाबाद सीट महिला के लिये रिजर्व है। इसी तरह फिरोजाबाद, गाजियाबाद, लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, वाराणसी, बरेली और शाहजहांपुर की मेयर सीट अनारक्षित यानी कि सामान्य है। फिलहाल अभी यह आरक्षण फाइनल नहीं है आपत्तियां दर्ज करने की समय सीमा तय की गई है।

(रिपोर्ट- अभय सिंह, लखनऊ)

राजनीति की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – राजनीति
News