UP Nikay Chunav की अधिसूचना जारी होने से लेकर OBC आयोग की रिपोर्ट तक… जानिए कब क्‍या हुआ

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UP Nikay Chunav की अधिसूचना जारी होने से लेकर OBC आयोग की रिपोर्ट तक… जानिए कब क्‍या हुआ

UP Nikay Chunav की अधिसूचना जारी होने से लेकर OBC आयोग की रिपोर्ट तक… जानिए कब क्‍या हुआ


संदीप त‍िवारी, लखनऊ: सीएम योगी आदित्‍यनाथ (Yogi Adityanath) की अध्‍यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में निकाय चुनाव (Nikay Chunav) को लेकर गठित पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिशों को मंजूरी दे दी। यह आयोग ओबीसी आरक्षण तय करने के लिए गठित हुआ था। इस रिपोर्ट के आधार पर ही निकाय चुनाव में अन्‍य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण तय किया जा सकेगा। योगी सरकार के इस कदम के बाद से स्‍थानीय निकाय के चुनाव में अब कोई रुकावट नहीं है। चर्चा है कि अप्रैल में स्‍थानीय निकाय चुनाव करवाए जा सकते हैं।

यूपी में स्‍थानीय निकायों के अध्‍यक्षों का कार्यकाल जनवरी में पूरा हो चुका है। हालांकि, पिछले साल दिसंबर में स्‍थानीय निकाय चुनाव की अध‍िसूचना योगी सरकार ने जारी कर दी थी। लेकिन इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट में कुछ याचिकाएं दाखिल की गईं। इन पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण तय करने के लिए ओबीसी आयोग गठित करने का आदेश दिया था। आइए नजर डालते हैं कि अब तक इस मामले में कब क्‍या हुआ:

– योगी सरकार ने 5 दिसंबर 2022 को शहरी निकायों में ओबीसी आरक्षण को लेकर ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया था
– लेकिन ट्रिपल टेस्ट मानकों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी
– हाईकोर्ट ने 27 दिसंबर को ड्राफ्ट नोटिफिकेशन रद्द करते हुए 31 जनवरी तक बिना आरक्षण के चुनाव करवाने के निर्देश दिए थे
– लेकिन सरकार ने स्पष्ट किया था कि बिना आरक्षण के चुनाव नहीं करवाया जाएगा – 28 दिसंबर को प्रदेश सरकार ने सेवानिवृत जस्टिस रामअवतार सिंह की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय ‘उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग’ का गठन किया
– इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा दिए गए फैसले के खिलाफ चुनौती देते हुए यूपी सरकार 2 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई।
– उत्तर प्रदेश सरकार की दलीलों पर 4 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने यूपी सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी थी। जिसमें कहा गया था कि यूपी में जल्द से जल्द निकाय चुनाव कराए जाएं।
– 4 जनवरी की सुनवाई के दौरान यूपी सरकार की तरफ से कहा गया कि निकाय चुनाव के लिए उनकी तरफ से जारी आरक्षण सूची में कोई विसंगति नहीं थी। निकाय चुनाव के लिए वॉर्डों और सीटों के आरक्षण में सभी नियमों का पालन किया गया।
– सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए 31 मार्च तक कमीशन की रिपोर्ट पेश करने को कहा था।
– OBC आरक्षण आयोग ने निर्धारित समय से पहले ही 9 मार्च को यूपी सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी।
– यूपी की योगी आदित्‍यनाथ सरकार ने आयोग की रिपोर्ट पर अपनी मुहर लगा दी।

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