UP Nikay Chunav: कानपुर में सपा प्रत्याशी को जारी रेड कार्ड लिया वापस, 12 घंटे के अंदर ही बैकफुट पर क्यों आ गई पुलिस h3>
गौरव राठौर, कानपुर देहात: उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव (UP Nagar Nikay Chunav 2023) में पुलिस ने बड़ी संख्या में लोगों को शांतिभंग में पाबंद किया है। रेड कार्ड भी जारी किए गए हैं। मतदान से पहले अकबरपुर के सपा प्रत्याशी और उनके पति को पुलिस ने रेड कार्ड जारी किया। इसके बाद 12 घंटे के अंदर ही पुलिस ने कार्ड वापस ले लिया। ये चर्चा का विषय बना है कि आखिर पुलिस 12 घंटे के अंदर ही बैकफुट पर क्यों आ गई?
अकबरपुर से समाजवादी पार्टी ने दीपाली सिंह को प्रत्याशी बनाया है। कोतवाल अकबरपुर ने बुधवार रात दीपाली सिंह और उनके पति पूर्व चेयरमैन जितेंद्र सिंह गुड्डन को रेड कार्ड जारी किया। गुरुवार सुबह दोनों को घर में ही नजरबंद कर दिया। कुछ ही घंटे में मामले ने तूल पकड़ लिया। बता दें कि गुड्डन सिंह लंबे समय तक भाजपा में ही थे। सूत्रों की माने तो आज भी उनके कई भाजपा नेताओं से अच्छे संबंध हैं। एक भाजपा नेता के कहने पर ही पुलिस ने रेड कार्ड वापस लिया।
कोतवाल अकबरपुर अनिल कुमार का कहना है कि मतदान के दौरान सपा प्रत्याशी से गड़बड़ी की आशंका थी लेकिन बाद ऐसा नहीं लगा तो रेड कार्ड वापस ले लिया गया लेकिन ये बात किसी के गले नहीं उतर रही है कि मतदान से पहले रेड कार्ड जारी किया फिर कुछ ही घंटे में इसे ले लिया जाए। पुलिस की ये कार्रवाई फिलहाल जनपद में चर्चा की विषय बनी है।
जानिए क्या होता है रेड कार्ड
किसी भी चुनाव में मतदान से पहले पुलिस उन लोगों को रेड कार्ड जारी करती जिनसे मतदान में व्यवधान उत्पन्न होने की आशंका रहती है। ऐसे लोगों पर पुलिस की विशेष नजर रहती है। जरूरत समझने पर पुलिस ऐसे लोगों को हिरासत में ले लेती है या फिर घर में ही नजर बंद कर देती है। रेड कार्ड का मतलब है कि जिनसे गड़बड़ी का आशंका है वह पुलिस के रडार पर है। अगर कोई गड़बड़ी होती है तो पुलिस पहले रेड कार्ड वालों को ही पकड़ती है। अगर उसकी भूमिका पाई जाती है तो नियमानुसार कार्रवाई होती है।
अकबरपुर में सपा प्रत्याशी व उसके पति से पुलिस को गड़बड़ी का आशंका थी लेकिन 12 घंटे में ये आशंका दूर हो गई पुलिस ने उनसे कार्ड वापस लेकर ये साबित किया कि कार्रवाई में या तो जल्दबाजी की गई या फिर किसी के दबाव में हुई।
जिलाध्यक्ष बोले सपाई रहे पुलिस के निशाने पर
सपा जिलाध्यक्ष अरूण कुमार यादव ने कहा कि पुलिस के निशाने पर सपा कार्यकर्ता और प्रत्याशी रहे। रूरा नगर पंचायत में सपा प्रत्याशी व उनके पति को पुलिस ने नजरबंद किया। रनियां में, अमरौधा, अकबरपुर में सपा प्रत्याशियों को पुलिस ने कई घंटे तक बाहर नहीं निकलने दिया। उन्हें घरों में ही कैद रखा। जबकि प्रत्याशी को वोटिंग वाले दिन मतदान केंद्रों में जाने का अधिकार होता है। ताकि वह देख सकें कोई गड़बड़ी नहीं की जा रही है।
राज्यमंत्री बूथ पर पहुंची तो शुरु हो गया हंगामा
रनियां नगर पंचायत में एक बूथ पर भाजपा सरकार की राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला पहुंची। कुछ ही देर में अन्य विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं ने फर्जी वोटिंग कराने का आरोप लगाया। इस पर हंगामा होने लगा। मामला बढऩे पर पुलिस आ गई। पुलिस ने सपा प्रत्याशी व कार्यकर्ताओं को खदेड़ दिया। वहीं जनसत्ता दल के जिलाध्यक्ष देवराज सिंह सेंगर को तत्काल रेड कार्ड जारी कर दिया। देवराज सिंह सेंगर ने कहा राज्यमंत्री के इशारे पर रेड कार्ड जारी किया गया है। कहा कि पुलिस पूरी तरह से दबाव में रही। वहीं राज्यमंत्री से बात करने की कोशिश की गई तो बताया गया कि एक मीटिंग में हैं।
सपा-भाजपा समर्थकों में पथराव, चौकी इंचार्ज हटाए गए
अकबरपुर नगर पंचायत में भाजपा व सपा प्रत्याशियों के समर्थकों के बीच बुधवार रात मारपीट व पथराव हो गया था। सपा प्रत्याशी के एक समर्थक की सफारी कार टूट गई। जिसे पुलिस ने कब्जे में लिया है। चर्चा है कि गुरुवार सुबह भाजपा के एक नेता ने अकबरपुर पहुंच कर कस्बा चौकी इंचार्ज राकेश कुमार को जमकर फटकार लगाई। साथ ही उन्होंने चौकी इंचार्ज पर कार्रवाई के लिए एसपी से कहा। एसपी ने तत्काल चौकी इंचार्ज को हटा दिया है। एसपी बीबीजीटीएस मूर्ति ने बताया कि चौकी इंचार्ज पर पक्षपात का आरोप लगा था इसलिए हटा दिया गया है।
अकबरपुर से समाजवादी पार्टी ने दीपाली सिंह को प्रत्याशी बनाया है। कोतवाल अकबरपुर ने बुधवार रात दीपाली सिंह और उनके पति पूर्व चेयरमैन जितेंद्र सिंह गुड्डन को रेड कार्ड जारी किया। गुरुवार सुबह दोनों को घर में ही नजरबंद कर दिया। कुछ ही घंटे में मामले ने तूल पकड़ लिया। बता दें कि गुड्डन सिंह लंबे समय तक भाजपा में ही थे। सूत्रों की माने तो आज भी उनके कई भाजपा नेताओं से अच्छे संबंध हैं। एक भाजपा नेता के कहने पर ही पुलिस ने रेड कार्ड वापस लिया।
कोतवाल अकबरपुर अनिल कुमार का कहना है कि मतदान के दौरान सपा प्रत्याशी से गड़बड़ी की आशंका थी लेकिन बाद ऐसा नहीं लगा तो रेड कार्ड वापस ले लिया गया लेकिन ये बात किसी के गले नहीं उतर रही है कि मतदान से पहले रेड कार्ड जारी किया फिर कुछ ही घंटे में इसे ले लिया जाए। पुलिस की ये कार्रवाई फिलहाल जनपद में चर्चा की विषय बनी है।
जानिए क्या होता है रेड कार्ड
किसी भी चुनाव में मतदान से पहले पुलिस उन लोगों को रेड कार्ड जारी करती जिनसे मतदान में व्यवधान उत्पन्न होने की आशंका रहती है। ऐसे लोगों पर पुलिस की विशेष नजर रहती है। जरूरत समझने पर पुलिस ऐसे लोगों को हिरासत में ले लेती है या फिर घर में ही नजर बंद कर देती है। रेड कार्ड का मतलब है कि जिनसे गड़बड़ी का आशंका है वह पुलिस के रडार पर है। अगर कोई गड़बड़ी होती है तो पुलिस पहले रेड कार्ड वालों को ही पकड़ती है। अगर उसकी भूमिका पाई जाती है तो नियमानुसार कार्रवाई होती है।
अकबरपुर में सपा प्रत्याशी व उसके पति से पुलिस को गड़बड़ी का आशंका थी लेकिन 12 घंटे में ये आशंका दूर हो गई पुलिस ने उनसे कार्ड वापस लेकर ये साबित किया कि कार्रवाई में या तो जल्दबाजी की गई या फिर किसी के दबाव में हुई।
जिलाध्यक्ष बोले सपाई रहे पुलिस के निशाने पर
सपा जिलाध्यक्ष अरूण कुमार यादव ने कहा कि पुलिस के निशाने पर सपा कार्यकर्ता और प्रत्याशी रहे। रूरा नगर पंचायत में सपा प्रत्याशी व उनके पति को पुलिस ने नजरबंद किया। रनियां में, अमरौधा, अकबरपुर में सपा प्रत्याशियों को पुलिस ने कई घंटे तक बाहर नहीं निकलने दिया। उन्हें घरों में ही कैद रखा। जबकि प्रत्याशी को वोटिंग वाले दिन मतदान केंद्रों में जाने का अधिकार होता है। ताकि वह देख सकें कोई गड़बड़ी नहीं की जा रही है।
राज्यमंत्री बूथ पर पहुंची तो शुरु हो गया हंगामा
रनियां नगर पंचायत में एक बूथ पर भाजपा सरकार की राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला पहुंची। कुछ ही देर में अन्य विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं ने फर्जी वोटिंग कराने का आरोप लगाया। इस पर हंगामा होने लगा। मामला बढऩे पर पुलिस आ गई। पुलिस ने सपा प्रत्याशी व कार्यकर्ताओं को खदेड़ दिया। वहीं जनसत्ता दल के जिलाध्यक्ष देवराज सिंह सेंगर को तत्काल रेड कार्ड जारी कर दिया। देवराज सिंह सेंगर ने कहा राज्यमंत्री के इशारे पर रेड कार्ड जारी किया गया है। कहा कि पुलिस पूरी तरह से दबाव में रही। वहीं राज्यमंत्री से बात करने की कोशिश की गई तो बताया गया कि एक मीटिंग में हैं।
सपा-भाजपा समर्थकों में पथराव, चौकी इंचार्ज हटाए गए
अकबरपुर नगर पंचायत में भाजपा व सपा प्रत्याशियों के समर्थकों के बीच बुधवार रात मारपीट व पथराव हो गया था। सपा प्रत्याशी के एक समर्थक की सफारी कार टूट गई। जिसे पुलिस ने कब्जे में लिया है। चर्चा है कि गुरुवार सुबह भाजपा के एक नेता ने अकबरपुर पहुंच कर कस्बा चौकी इंचार्ज राकेश कुमार को जमकर फटकार लगाई। साथ ही उन्होंने चौकी इंचार्ज पर कार्रवाई के लिए एसपी से कहा। एसपी ने तत्काल चौकी इंचार्ज को हटा दिया है। एसपी बीबीजीटीएस मूर्ति ने बताया कि चौकी इंचार्ज पर पक्षपात का आरोप लगा था इसलिए हटा दिया गया है।
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