UP Elections 2022: ‘दस्यु रानी’ फूलन देवी के सहारे चुनावी नैया पार लगाने की तैयारी में निषाद पार्टी, ट्रस्ट भी बनाने का ऐलान

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UP Elections 2022: ‘दस्यु रानी’ फूलन देवी के सहारे चुनावी नैया पार लगाने की तैयारी में निषाद पार्टी, ट्रस्ट भी बनाने का ऐलान

हाइलाइट्स

  • निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉ संजय निषाद ने मिर्जापुर के चौबेघाट इलाके में ‘दस्यु रानी’ के समाधि स्थल का क‍िया दौरा
  • संजय न‍िषाद ने समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद के नाम पर एक अंतरराष्ट्रीय ट्रस्ट स्थापित करने की भी ऐलान क‍िया
  • फूलन देवी को 25 जुलाई 2001 को दिल्ली में उनके घर के बाहर गोली मार दी गई थी, जब वह मिजार्पुर से सांसद थीं

लखनऊ
यूपी में अगले साल होने वाले व‍िधानसभा चुनाव को लेकर राजनीत‍िक सरगर्मी तेज हो गई है। उत्तर प्रदेश में फूलन देवी की विरासत का दावा करने के लिए निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉ संजय निषाद ने मंगलवार को मिर्जापुर के चौबेघाट इलाके में ‘दस्यु रानी’ के समाधि स्थल का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद के नाम पर एक अंतरराष्ट्रीय ट्रस्ट स्थापित करने की भी घोषणा की। दरअसल फूलन देवी निषाद समुदाय से थीं।

निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉ संजय निषाद ने कहा कि मैं केंद्र और राज्य सरकारों से भी अपील करता हूं कि उनकी (फूलन देवी) मृत्यु के बाद उनकी संपत्ति की स्थिति का पता लगाने के लिए उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया जाए। उनकी मां जालौन में दयनीय स्थिति में रहती हैं। फूलन देवी को 25 जुलाई 2001 को दिल्ली में उनके आवास के बाहर गोली मार दी गई थी, जब वह मिजार्पुर से समाजवादी पार्टी की सांसद थीं। उनके समर्थकों की ओर से इस दिन को हर साल ‘शहदत दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।

18 जिलों में फूलन देवी के 18 फीट की प्रतिमा स्थापित करने की योजना
संजय निषाद ने कहा कि पार्टी के सत्ता में आने पर मिजार्पुर में महिलाओं के लिए आत्मरक्षा प्रशिक्षण केंद्र भी स्थापित किया जाएगा। विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) ने दिवंगत नेता की शहादत दिवस पर 18 जिलों में उनकी 18 फीट की प्रतिमा स्थापित करने की भी योजना बनाई थी। हालांकि, पुलिस ने योजना को विफल कर दिया और पार्टी कार्यकताओं की ओर से बिहार से लाई गई दर्जनों मूर्तियों को जब्त कर लिया।

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फूलन देवी को बताया ‘वीरांगना’

इसके बाद बिहार में एनडीए सरकार में मंत्री और पार्टी अध्यक्ष मुकेश साहनी ने कहा कि राज्य में सत्ता में आने के बाद पार्टी मूर्तियों को स्थापित करेगी। पार्टी ने उन्हें ‘वीरांगना’ (बहादुर महिला) के रूप में बताया है और एक पंक्ति ली, ‘फूलन अभी जिंदा है’, हमारे और आपके विचारो में, माता बहनों के संघर्षों में। वीआईपी ने उनके शहादत दिवस पर जो पैम्फलेट छापा था, उसमें ज‍िक्र किया गया है कि गांव में एक ‘विशिष्ट समुदाय’ की ओर से उन्हें बिना रुके उत्पीड़न का शिकार बनाया गया था, लेकिन वह नहीं झुकीं और अंतत: संसद के लिए अपना रास्ता बना लिया। निषाद-केंद्रित पार्टियां इस तथ्य को भी उजागर करती हैं कि टाइम पत्रिका ने उन्हें अपनी 16 महिलाओं की सूची में दुनिया की चौथी सबसे क्रांतिकारी महिला के रूप में रखा था।



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