UP Elections: असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM के बाद शिवसेना भी लड़ेगी 100 सीटों पर चुनाव, यूपी चुनाव में ताल ठोकते इन दलों के दावों में कितना दम?
हाइलाइट्स
- यूपी की 100 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ने का शिवसेना ने किया ऐलान
- शिवसेना से पहले एआईएमआईएम ने भी 100 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की
- ओम प्रकाश राजभर ने किया दावा शिवसेना भी होगी उनकी भागीदारी संकल्प मोर्चा का हिस्सा
- यूपी में सपा का मुस्लिम वोट काट सकते हैं ओवैसी तो बीजेपी का हिंदू वोट शिवसेना को
लखनऊ
उत्तर प्रदेश के 2022 विधानसभा चुनावों में शिवसेना चुनाव लड़ेगी। प्रदेश की 100 सीटों पर शिवसेना अपने प्रत्याशी उतारेगी। शिवसेना से पहले AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी भी यूपी की 100 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं। यूपी में दोनों पार्टियों के दावे कितने सफल होंगे, यह चुनाव का रिजल्ट ही बताएगा।
गुजरात में सीएम विजय रुपाणी के इस्तीफे के सवाल पर शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि यह बीजेपी का आंतरिक मामला है। उन्होंने कहा कि शिवसेना यूपी की 403 सीटों में से 100 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयीरी कर रही है। उन्होंने बताया कि पार्टी चुनाव से पहले गठबंधन भी कर सकती है।
शिवसेना कर रही तैयारी
शिवसेना के यूपी चीफ अनिल सिंह ने कहा कि यूपी की सभी विधानसभा सीटों पर संगठन को मजबूत करने के लिए को-ऑर्डिनेटर नियुक्त किए जा रहे हैं। जल्द ही प्रदेश प्रतिनिधिमंडल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिलकर चुनाव और संगठन की रिपोर्ट देगा।
2017 के चुनाव में कैसा रहा था शिवसेना और AIMIM का प्रदर्शन?
यूपी में हुए 2017 के विधानसभा चुनाव में शिवसेना 50 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, हालांकि पार्टी को किसी सीट पर जीत नहीं मिली। वहीं, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने 38 सीटों पर अपनी दावेदारी पेश की थी, लेकिन वह भी कोई सीट नहीं जीत पाई। इन सीटों पर AIMIM को केवल 2 लाख वोट मिले थे।
…तो ओवैसी के गठबंधन में शामिल होगी शिवसेना?
यूपी सरकार में पूर्व मंत्री रहे ओमप्रकाश राजभर ने संकल्प भागीदारी मोर्चा तैयार किया है। उन्होंने हाल ही में दावा किया कि यूपी विधानसभा चुनाव में ओवैसी के अलावा शिवसेना, टीएमसी और आम आदमी पार्टी भी उनके मोर्चे में शामिल होगी।
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद संजय सिंह से उनकी बात हुई है। इसके अलावा शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत और टीएमसी की राष्ट्रीय अध्यक्ष से भी उनकी बातचीत चल रही है। ये सभी मिलकर यूपी में भागीदारी संकल्प मोर्चा का हिस्सा बनकर 2022 यूपी विधानसभा चुनाव में उनके साथ चुनाव लड़ेगी।
ओवैसी काटेंगे एसपी का वोट बैंक!
उत्तर प्रदेश चुनाव में एआईएमआईएम की एंट्री के एलान से सबसे बड़ा खतरा समाजवादी पार्टी को है। प्रदेश में 19 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं। ये मुख्य रूप से सपा को वोट देते आए हैं। सपा ने मुस्लिम और यादव वोटरों को थाम प्रदेश में कई बार सत्ता का स्वाद चखा है।
मुस्लिम वोटरों की खास बात यह है कि यह एकजुट होकर किसी भी दल को समर्थन देते आए हैं। जिस ओर यह गिरता है सत्ता का रुख पलट देता है। बसपा और कांग्रेस को भी मुस्लिम वोट मिलते रहे हैं। लेकिन, हाल के समय में सपा पर ही मुसलमानों ने सबसे ज्यादा भरोसा जताया है।
अगले यूपी चुनाव में यह गणित बदलने के आसार हैं। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी मुस्लिमों को यह एहसास दिलाने की कोशिश कर रहे हैं कि उनको सिर्फ दूसरी पार्टियों ने ठगने का काम किया है। सच तो यह है कि उनके असली मसीहा वह हैं।
बीजेपी का हिंदू वोट बैंक बटेगा शिवसेना से?
बीजेपी का कोर वोटर हिंदू माना जाता है। वहीं शिवसेना भी हिंदूवादी पार्टी होने का दावा करती है। उत्तर प्रदेश में सौ सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही शिवसेना बीजेपी का वोट बैंक प्रभावित करेगी। अयोध्या के राम मंदिर का श्रेय बीजेपी के पास है।
शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दावा किया था कि अयोध्या कांड के जनक शिवसेना ही थी। शिवसैनिकों ने ही राम जन्मभूमि की जमीन होने का दावा किया था और वहां मंदिर बनवाने की मांग की थी। अब देखना होगा कि शिवसेना बीजेपी का हिंदू वोट बैंक कितना प्रभावित करेगी?
संजय राउत और ओवैसी
हाइलाइट्स
- यूपी की 100 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ने का शिवसेना ने किया ऐलान
- शिवसेना से पहले एआईएमआईएम ने भी 100 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की
- ओम प्रकाश राजभर ने किया दावा शिवसेना भी होगी उनकी भागीदारी संकल्प मोर्चा का हिस्सा
- यूपी में सपा का मुस्लिम वोट काट सकते हैं ओवैसी तो बीजेपी का हिंदू वोट शिवसेना को
उत्तर प्रदेश के 2022 विधानसभा चुनावों में शिवसेना चुनाव लड़ेगी। प्रदेश की 100 सीटों पर शिवसेना अपने प्रत्याशी उतारेगी। शिवसेना से पहले AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी भी यूपी की 100 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं। यूपी में दोनों पार्टियों के दावे कितने सफल होंगे, यह चुनाव का रिजल्ट ही बताएगा।
गुजरात में सीएम विजय रुपाणी के इस्तीफे के सवाल पर शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि यह बीजेपी का आंतरिक मामला है। उन्होंने कहा कि शिवसेना यूपी की 403 सीटों में से 100 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयीरी कर रही है। उन्होंने बताया कि पार्टी चुनाव से पहले गठबंधन भी कर सकती है।
शिवसेना कर रही तैयारी
शिवसेना के यूपी चीफ अनिल सिंह ने कहा कि यूपी की सभी विधानसभा सीटों पर संगठन को मजबूत करने के लिए को-ऑर्डिनेटर नियुक्त किए जा रहे हैं। जल्द ही प्रदेश प्रतिनिधिमंडल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिलकर चुनाव और संगठन की रिपोर्ट देगा।
2017 के चुनाव में कैसा रहा था शिवसेना और AIMIM का प्रदर्शन?
यूपी में हुए 2017 के विधानसभा चुनाव में शिवसेना 50 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, हालांकि पार्टी को किसी सीट पर जीत नहीं मिली। वहीं, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने 38 सीटों पर अपनी दावेदारी पेश की थी, लेकिन वह भी कोई सीट नहीं जीत पाई। इन सीटों पर AIMIM को केवल 2 लाख वोट मिले थे।
…तो ओवैसी के गठबंधन में शामिल होगी शिवसेना?
यूपी सरकार में पूर्व मंत्री रहे ओमप्रकाश राजभर ने संकल्प भागीदारी मोर्चा तैयार किया है। उन्होंने हाल ही में दावा किया कि यूपी विधानसभा चुनाव में ओवैसी के अलावा शिवसेना, टीएमसी और आम आदमी पार्टी भी उनके मोर्चे में शामिल होगी।
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद संजय सिंह से उनकी बात हुई है। इसके अलावा शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत और टीएमसी की राष्ट्रीय अध्यक्ष से भी उनकी बातचीत चल रही है। ये सभी मिलकर यूपी में भागीदारी संकल्प मोर्चा का हिस्सा बनकर 2022 यूपी विधानसभा चुनाव में उनके साथ चुनाव लड़ेगी।
ओवैसी काटेंगे एसपी का वोट बैंक!
उत्तर प्रदेश चुनाव में एआईएमआईएम की एंट्री के एलान से सबसे बड़ा खतरा समाजवादी पार्टी को है। प्रदेश में 19 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं। ये मुख्य रूप से सपा को वोट देते आए हैं। सपा ने मुस्लिम और यादव वोटरों को थाम प्रदेश में कई बार सत्ता का स्वाद चखा है।
मुस्लिम वोटरों की खास बात यह है कि यह एकजुट होकर किसी भी दल को समर्थन देते आए हैं। जिस ओर यह गिरता है सत्ता का रुख पलट देता है। बसपा और कांग्रेस को भी मुस्लिम वोट मिलते रहे हैं। लेकिन, हाल के समय में सपा पर ही मुसलमानों ने सबसे ज्यादा भरोसा जताया है।
अगले यूपी चुनाव में यह गणित बदलने के आसार हैं। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी मुस्लिमों को यह एहसास दिलाने की कोशिश कर रहे हैं कि उनको सिर्फ दूसरी पार्टियों ने ठगने का काम किया है। सच तो यह है कि उनके असली मसीहा वह हैं।
बीजेपी का हिंदू वोट बैंक बटेगा शिवसेना से?
बीजेपी का कोर वोटर हिंदू माना जाता है। वहीं शिवसेना भी हिंदूवादी पार्टी होने का दावा करती है। उत्तर प्रदेश में सौ सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही शिवसेना बीजेपी का वोट बैंक प्रभावित करेगी। अयोध्या के राम मंदिर का श्रेय बीजेपी के पास है।
शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दावा किया था कि अयोध्या कांड के जनक शिवसेना ही थी। शिवसैनिकों ने ही राम जन्मभूमि की जमीन होने का दावा किया था और वहां मंदिर बनवाने की मांग की थी। अब देखना होगा कि शिवसेना बीजेपी का हिंदू वोट बैंक कितना प्रभावित करेगी?
संजय राउत और ओवैसी