UP Election 2022: यूपी में मुफ्त राशन भी लड़ रहा चुनाव, बीजेपी मान रही ताकत तो विपक्ष ढूंढ रहा काट

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UP Election 2022: यूपी में मुफ्त राशन भी लड़ रहा चुनाव, बीजेपी मान रही ताकत तो विपक्ष ढूंढ रहा काट

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) में इस बार ‘मुफ्त अनाज’ में मैदान में है। सत्तारूढ़ भाजपा इसे अपनी सबसे बड़ी ताकत मान रही है, वहीं विरोधी इसकी काट निकालने की जुगत में लगे हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) और बीजेपी के सभी नेता अपने भाषण में इस मुफ्त राशन वितरण योजना का जिक्र जरूर करते हैं। वहीं विपक्ष के नेता इस पर सवाल खड़ा करते चुनाव बाद इस व्यवस्था बंद होने की बात कहते हैं, पर साथ ही इसी तरह की योजना लाने का वादा भी करते हैं। दरअसल केन्द्र सरकार की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना से यूपी के करोड़ों लोगों को महीनों से मुफ्त अनाज वितरित किया जा रहा है। सरकारी आंकड़ों पर न नजर डालें तो प्रदेश के सभी 75 जिलों में इस योजना का लाभ 14.96 करोड़ से अधिक लोगों को मिल रहा है। केन्द्र सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान 26 मार्च 2020 को 21 दिन के लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए जिस योजना को गरीब जनता के लिए शुरू किया था, उसका लाभ यूपी की जनता को मार्च, 2022 तक मिलता रहेगा।

बीजेपी इस बता दें महामारी के दौर में शुरू हुई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना पिछले साल (नवंबर, 2021) में खत्म हो रही थी। इसको देखते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने केन्द्र सरकार की योजना के साथ भागीदार बनकर यूपी की जनता के लिए 3 नवंबर, 2021 को अयोध्या से राज्य सरकार की ओर से होली तक मुफ्त राशन वितरण किये जाने का ऐलान किया। उसके बाद से यूपी के पात्र कार्ड धारकों को हर महीने डबल डोज के रूप में 10 किलो राशन मुफ्त दिया जाने लगा। केंद्र ने भी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को मार्च 2022 तक बढ़ा दिया। सरकार की योजना का सीधा लाभ अंत्योदय और पात्र घरेलू राशन कार्ड धारकों को मिला। गरीबों, मजदूरों और किसानों को बड़ा सहारा देने के लिए शुरू हो रहे इस अभियान की निगरानी अफसरों के साथ सांसद और विधायकों को दी गई।

यूपी सरकार राशन कार्ड धारकों को महीने में दो बार गेहूं और चावल मुफ्त दे रही है। साथ ही दाल, खाद्य तेल और नमक भी मुफ्त मिल रहा है। यूपी में केन्द्र की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत वितरित किये जा रहे मुफ्त राशन कार्ड धारकों की कुल संख्या 3.62 करोड़ है और इस योजना से लाभान्वित होने वालों की सख्या 14.96 करोड़ है। जानकारी के अनुसार प्रदेश में एक महीने में 4.46 एलएमटी गेहं का वितरण और 2.97 एलएमटी चावल वितरित किया जाता है। आधार अधारित 3.61 करोड़ कुल राशन कार्ड धारकों के माध्यम से 14.88 करोड़ लोगों को जबकि 0.41 करोड़ AAY (अन्त्योदय अन्न योजना) कार्ड धारक भी इसका लाभ उठा रहे हैं। प्रदेश में अन्त्योदय अन्न योजना के लाभार्थियों की संख्या 1.32 करोड़ है। यूपी में कुल 3.21 करोड़ PHH (पात्र गृहस्थी कार्ड धारक) हैं। जिनके 13.64 करोड़ से अधिक लाभार्थी योजना का लाभ उठा रहे हैं।
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विपक्ष भी ढूंढ रहा काट
उधर विपक्ष इस मुफ्त अनाज योजना की काट तलाशने में लगा है। समाजवादी पार्टी से लेकर तमाम विपक्षी दल इसी तरह के वादे कर रहे हैं। पिछले दिनों सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि इस समय गरीबों को जो राशन मिल रहा है, वह केवल चुनाव तक मिलने वाला है। चुनाव के बाद यह नहीं मिलेगा। पहले इसे नवंबर तक दिया जाना था, लेकिन जब उत्तर प्रदेश चुनाव की घोषणा की गई, तो उन्होंने कहा कि मुफ्त राशन मार्च तक मिलेगा। दिल्ली के बजट में राशन का पैसा नहीं रखा है, क्योंकि वह जानते हैं कि मार्च में चुनाव खत्म हो जाएगा।

अखिलेश ने कहा सपा की सरकार में हम हम गरीबों को राशन देंगे। हम एक साल में सरसों का तेल के साथ-साथ दो सिलेंडर भी देंगे और गरीबों के स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए उन्हें एक किलोग्राम घी भी दिया जाएगा। भाजपा सरकार द्वारा वितरित किए जा रहे राशन की गुणवत्ता खराब थी और नमक में कांच के कण पाए जाने की भी खबरें आई थीं।
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उत्तर प्रदेश में महीने में दो बार मुफ्त राशन

अंत्योदय कार्डधारक
– प्रति राशनकार्ड 35 किलो खाद्यान्न दिया जा रहा है, जिसमें (20 किलो गेहूं व 15 किलो चावल) निःशुल्क दिया जा रहा है

पात्र गृहस्थी योजना के कार्डधारक
– प्रति राशनकार्ड 5 किलोग्राम खाद्यान्न जिसमें (3 किलोग्राम गेहूं और 2 किलोग्राम चावल) प्रति यूनिट निःशुल्क प्रदान किया जाएगा.

अंत्योदय एवं पात्र गृहस्थी कार्डधारकों को अन्य खाद्यान्न
– प्रति राशनकार्ड 1 किलोग्राम आयोडाइज्ड नमक, 1 किलोग्राम दाल (साबुत) चना एवं 1 लीटर खाद्य तेल (सरसों तेल/रिफाइंड ऑयल) निःशुल्क प्रदान किया जा रहा है

योजना पर आने वाला खर्च
शुरूआत में केन्द्र सरकार ने इस योजना के लिए 1.7 लाख करोड़ की बड़ी रकम आवंटित की। इस योजना की मार्च 2022 तक अवधि बढ़ाए जाने पर सरकार ने इस योजना पर 53,344 करोड़ रुपये और खर्च किये।

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यूपी विधानसभा चुनाव (सांकेतिक तस्वीर)

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