UP Election 2022: न रैली, न रोड शो.. स्टार प्रचारकों ने घर-घर जाकर बांटे पर्चे, चुनाव में पहली बार दिखा ऐसा प्रचार

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UP Election 2022: न रैली, न रोड शो.. स्टार प्रचारकों ने घर-घर जाकर बांटे पर्चे, चुनाव में पहली बार दिखा ऐसा प्रचार
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UP Election 2022: न रैली, न रोड शो.. स्टार प्रचारकों ने घर-घर जाकर बांटे पर्चे, चुनाव में पहली बार दिखा ऐसा प्रचार

नवीन कृष्णा, नोएडा : यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election) में जिन 58 सीटों पर गुरुवार को वोटिंग (Voting) होनी है, वहां प्रचार का दौर मंगलवार को समाप्त हो गया। इनमें नोएडा, बुलंदशहर, गाजियाबाद और हापुड़ जिले की 18 सीटें भी शामिल हैं। कोरोना (Corona) के दौर में कई चुनाव हुए लेकिन यूपी में पहले चरण की सीटों के लिए हुआ इलेक्शन कैंपेन कई मामलों में अलग रहा।

जो सोशल मीडिया पर एक्टिव, उसकी बल्ले-बल्ले
जो पार्टियां सोशल मीडिया पर एक्टिव थीं, जिनके फॉलोअर्स बड़ी संख्या में पहले से थे, जिनके वॉर रूम में इसे लेकर काम हो रहा था, उन्हें समर्थकों तक अपनी बात पहुंचाने में दिक्कत नहीं हुई। हालांकि प्रचार के इस तरीके में निर्दलीय पिछड़ गए, क्योंकि उनके साथ संगठन का बैकअप नहीं था। जिन दलों ने पहले सोशल मीडिया की ताकत नहीं समझी, वे हकबका गए थे।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद कई बार वर्चुअल चौपाल लगाई और उसका लिंक पार्टी ने सर्कुलेट किया। सोशल मीडिया पर सक्रियता सोमवार रात वाक युद्ध में बदल गई, जब दो राज्यों दिल्ली और यूपी के मुख्यमंत्रियों के बीच ट्विटर वॉर चला। दोनों कोरोना काल में लगे लॉकडाउन के दौरान अफरातफरी और अव्यवस्था फैलाने और जिम्मेदारी से काम नहीं करने का आरोप एक दूसरे पर ताबड़तोड़ लगाते रहे।
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बड़े नेता छोटी गलियों में
ऐसा पहली बार हुआ कि स्टार प्रचारक, जिनमें सांसद ही नहीं, कई केंद्रीय मंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्री तक शामिल थे, ने डोर टु डोर कैंपेन किया। इससे पहले स्टार प्रचारक अधिकतर रैली या रोड शो ही करते थे। स्टार प्रचारकों को दर-दर जाकर पैंफ्लेट बांटते पहली बार देखा गया। कोरोना की पाबंदियों के कारण कई बार तो ऐसा हुआ कि स्टार प्रचारकों के साथ जितने समर्थक ले जाने की अनुमति थी, उससे अधिक तो उनके सुरक्षाकर्मी थे। हालांकि इस तरीके से उनकी बहुत अधिक मतदाताओं तक सीधी पहुंच नहीं हो सकी।

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इनका गुणा-गणित निकालते रहे लोग
बसपा प्रमुख मायावती का प्रोग्राम इस इलाके में सिर्फ गाजियाबाद के कविनगर स्थित रामलीला मैदान में हुआ। नोएडा उनका गृह जनपद है, लेकिन वह यहां नहीं आईं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का नहीं आना भी खटका, जबकि वह पार्टी के स्टार प्रचारकों में शामिल हैं और भट्टा-पारसौल कांड के समय जेवर इलाके में बाइक पर घूमकर उन्होंने सुर्खियां बटोरी थीं।

यूपी के अयोध्या की तीर्थयात्रा दिल्ली के बुजुर्गों को कराने वाले वहां के सीएम अरविंद केजरीवाल नोएडा-गाजियाबाद में नहीं पहुंचे। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर प्रधानमंत्री ने बिना नाम लिए अंधविश्वासी होने का आरोप लगाया था। अखिलेश पूरे चुनावी कैंपेन में नोएडा शहर से दूर रहे। एक बार बुलंदशहर से आते हुए देर रात यहां से गुजरे भी, लेकिन नोएडा की धरती पर कदम नहीं रखा। हालांकि सपा समर्थकों का कहना था कि आदर्श आचार संहिता लागू होने और लेट हो जाने से वह नोएडा में नहीं उतरे।



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