कासगंज: बरेली के डीएम के बयान पर डिप्टी सीएम ने कार्यवाही की मांग की

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उत्तर प्रदेश के कासगंज में हुई हिंसा को लेकर सरकार की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है. अब इस हिंसा को लेकर राज्य के एक ज़िलाधिकारी द्वारा फेसबुक पर किये गए एक पोस्ट ने विवाद बढ़ा दिया है. डीएम की बातों पर इसलिए भी बवाल हो रहा है क्यूँकी उन्होंने इस हिंसा के पीछे की मंशा पर सवाल खड़े कर दिए हैं. उन्होंने सीधे तौर पर तो कुछ नही कहा लेकिन इशारों-इशारों में तंत्र की कार्यप्रणाली की पोल खोल दी है.

दरअसल बरेली के ज़िलाधिकारी कैप्टन राघवेंद्र विक्रम सिंह ने कासगंज घटना पर फेसबुक पर एक पोस्ट किया है. रविवार की शाम 7:55 बजे किए गए 39 शब्दों के इस छोटे से पोस्ट के बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया. लेकिन उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को उनकी छोटी सी बात हज़म नहीं हो पायी. मौर्य ने कहा है कि डीएम के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

कड़ी कार्यवाही की चेतावनी

बरेली के ज़िलाधिकारी के इस पोस्ट पर भाजपा नेता विनय कटियार ने कहा है कि “कासगंज में अगर तुरंत कार्रवाई की होती तो दंगा नहीं भड़कता, प्रशासनिक विफलता की वजह से हिंसा भड़की. बरेली के डीएम की मानसिक स्थिति बिगड़ गई है उन्हें इलाज की ज़रूरत है. डीएम के खिलाफ करवाई होनी चाहिए.” कटियार ने कहा कि ऐसी मानसिकता वाले को पाकिस्तान जाना चाहिए, हिंदुस्तान में पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे नहीं लगेंगे तो क्या हिंदुस्तान मुर्दाबाद के नारे लगेंगे. ऐसे में अफसर पर एक्शन लिया जाना चाहिए.

विनय कटियार के अलावा उत्तरप्रदेश सरकार के प्रवक्ता और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों को माहौल ठीक करने में अपनी ताकत लगानी चाहिए न कि उसे बिगाड़ने में. उनका काम व्यवस्था ठीक करना है.

ये है वो पोस्ट

बरेली के ज़िलाधिकारी कैप्टन राघवेंद्र ने 28 जनवरी को अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा था, “अजब रिवाज बन गया है. मुस्लिम मुहल्लों में ज़बर्दस्ती जुलूस ले जाओ और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाओ. क्यों भाई वे पाकिस्तानी हैं क्या? यही यहां बरेली में खैलम में हुआ था. फिर पथराव हुआ, मुकदमे लिखे गए…”

गौरतलब है कि कैप्टन राघवेंद्र पूर्व सैन्य अफसर रहे हैं और इसी साल 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं. डीएम ने ये पोस्ट आर विक्रम सिंह नाम से बने फेसबुक पेज पर गणतंत्र दिवस के 2 दिन बाद किया था. बता दें कि कासगंज में ख़ास गणतंत्र दिवस के दिन ही हिंसा हुई थी.

BJP Politician 1 -

ये हैं आर विक्रंम सिंह

2005 बैच के प्रमोटी IAS कैप्टन राघवेंद्र विक्रम सिंह ने सेना से रिटायर होने के बाद यूपी प्रादेशिक सिविल सेवा में तैनाती ली थी. इससे पहले वह श्रावस्ती के जिलाधिकारी रहे हैं और कुछ महीनों में रिटायर भी होने वाले हैं. सेना की शॉर्ट सर्विस कमीशन के दौरान उन्होंने जम्मू-कश्मीर, रांची और हैदराबाद में अपनी सेवाएं दी हैं. इसके बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश कैडर में सिविल सर्विस में योगदान दिया. आर विक्रम सिंह बहराइच के रहने वाले हैं और गोरखपुर यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में एमए हैं.

बड़ी तादाद में लोगों ने प्रक्रिया दी

वहीँ उनकी इस पोस्ट पर 3 घंटे तक लोगों ने जमकर प्रतिक्रिया दी, जिसके बाद डीएम ने इस पोस्ट को एडिट कर दिया. हालांकि इस पोस्ट पर लोगों की चर्चा बढ़ने के बाद उन्होंने इसे एडिट करते हुए उसकी जगह 26 जनवरी को ऐतिहासिकता से जुड़ा कंटेंट डाल दिया. लेकिन इससे एडिट हिस्ट्री नहीं मिटी. अंततः विवाद बढ़ता देख उन्होंने इसे अपना निजी विचार क़रार दिया.

विवादों के बीच उन्होंने 10 घंटे पहले एक और पोस्ट किया है जिसमें उन्होंने लिखा, “कोई गलियों में तुम्हें खोज रहा है शायद, जाओ सो जाओ जमाना बड़ा जज्बाती हो गया है.” उनके इस पोस्ट पर भी लगातार प्रतिक्रिया आ रही है.