UP Chunav: एग्जिट पोल में ‘जीत’ के बाद बीजेपी में चर्चाएं तेज, इस बार दो ही रहेंगे या 4 हो सकते हैं डिप्टी सीएम h3>
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (UP Election 2022) की वोटिंग समाप्त होने के साथ ही तमाम राजनीतिक दल अपने अगले सरकार की रूपरेखा तैयार करने में जुट गए हैं। हालांकि, इसमें तमाम दलों को नहीं रखा जा सकता है। क्योंकि, चुनावी मैदान से मिल रहे संकेत और रस्मी तौर पर आने वाले एग्जिट पोल परिणाम भी उनके पाले में जाते नहीं दिख रहे। ऐसे में सरकार बनाने की रेस अगर होगी भी तो भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janata Party) और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के बीच। अगर एक्जिट पोल (UP Exit Poll) के नतीजे परिणामों में बदले तो फिर भाजपा की नई सरकार की रूपरेखा क्या होगी? यह सवाल अभी हर तरफ पूछा जा रहा है। चर्चा तेज है कि इस बार भाजपा सरकार बनने पर 4 डेप्युटी सीएम बनाए जा सकते हैं।
भाजपा के पक्ष में एग्जिट पोल के नतीजे की तर्ज पर परिणाम आते हैं तो इसका साफ मतलब होगा कि वर्तमान सरकार या इसमें मौजूद लोगों से जनता को किसी प्रकार की नाराजगी नहीं है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी अपने पुराने अंदाज के तहत बदलाव करती है या फिर योगी आदित्यनाथ अपनी पुरानी टीम के साथ ही दिखेंगे, इस पर भी चर्चा शुरू हो गई है। सबसे अधिक चर्चा सीएम योगी आदित्यनाथ के बाद के नामों की है। क्या केशव प्रसाद मौर्य और डॉ. दिनेश शर्मा एक बार फिर उप मुख्यमंत्री बनेंगे या फिर इसमें से एक नाम गायब हो सकता है। इस पर भी खासी चर्चा चल रही है। भाजपा चौंकाने वाले फैसलों के लिए जानी जाती है। इस बार भी कुछ ऐसे ही फैसले होते दिख सकते हैं।
भाजपा में चार या दो डिप्टी सीएम
भाजपा के सीनियर नेताओं के बीच चुनाव के दौरान चर्चा रही कि अगर अबकी बार सरकार बनी तो प्रदेश की तमाम जातियों को उचित प्रतिनिधित्व देने के लिहाज से चार डिप्टी सीएम बनाए जा सकते हैं। अचानक से करहल विधानसभा सीट पर अखिलेश यादव को टक्कर देने के लिए उतरे दलित नेता एसपी सिंह बघेल के भी डिप्टी सीएम बनाए जाने की चर्चा कुछ नेता कर रहे हैं, बशर्ते वे चुनाव में अखिलेश यादव को मात दे दें। अगर ऐसा होता है तो उनका कद प्रदेश की राजनीति में काफी बड़ा हो जाएगा। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य पार्टी में बड़ा नाम हैं और उन्हें किसी भी स्थिति में केंद्रीय नेतृत्व बैकस्टेज पर नहीं जाने देगा। ऐसे में पहले चुनाव लड़ने और फिर प्रचार अभियान में लगने वाले डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा पर तलवार लटक सकती है।
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भाजपा की ओर से अभी एक ब्राह्मण, एक ओबीसी, एक दलित और एक जाट नेता को डिप्टी सीएम बनाने की चर्चा चल रही है। हालांकि, माना जा रहा है कि आगे चलकर यह संख्या दो पर ही सिमट सकती है। ऐसे में किस जाति के प्रतिनिधित्व को छांटा जाता है, यह चुनाव परिणाम में उम्मीदवारों की जीत के बाद तय होगा।
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समाजवादी पार्टी की भी चल रही है तैयारी
देशबंधु के एग्जिट पोल से उत्साहित समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता भी अब खुलकर नई सरकार की चर्चा करने लगे हैं। उन्हें भरोसा है कि इस बार एक बार फिर सपा की सरकार बनेगी। अखिलेश यादव मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। ऐसे में अखिलेश अपने मातहत किस नेता को डिप्टी सीएम के पद पर रखते हैं, देखना दिलचस्प होगा। हालांकि, पार्टी की ओर से इस दिशा में कोई बात नहीं कही जा रही है। लेकिन, जयंत चौधरी, स्वामी प्रसाद मौर्य और ओम प्रकाश राजभर जैसे नेताओं का नाम इस पद से जोड़कर देखा जा रहा है।
भाजपा के पक्ष में एग्जिट पोल के नतीजे की तर्ज पर परिणाम आते हैं तो इसका साफ मतलब होगा कि वर्तमान सरकार या इसमें मौजूद लोगों से जनता को किसी प्रकार की नाराजगी नहीं है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी अपने पुराने अंदाज के तहत बदलाव करती है या फिर योगी आदित्यनाथ अपनी पुरानी टीम के साथ ही दिखेंगे, इस पर भी चर्चा शुरू हो गई है। सबसे अधिक चर्चा सीएम योगी आदित्यनाथ के बाद के नामों की है। क्या केशव प्रसाद मौर्य और डॉ. दिनेश शर्मा एक बार फिर उप मुख्यमंत्री बनेंगे या फिर इसमें से एक नाम गायब हो सकता है। इस पर भी खासी चर्चा चल रही है। भाजपा चौंकाने वाले फैसलों के लिए जानी जाती है। इस बार भी कुछ ऐसे ही फैसले होते दिख सकते हैं।
भाजपा में चार या दो डिप्टी सीएम
भाजपा के सीनियर नेताओं के बीच चुनाव के दौरान चर्चा रही कि अगर अबकी बार सरकार बनी तो प्रदेश की तमाम जातियों को उचित प्रतिनिधित्व देने के लिहाज से चार डिप्टी सीएम बनाए जा सकते हैं। अचानक से करहल विधानसभा सीट पर अखिलेश यादव को टक्कर देने के लिए उतरे दलित नेता एसपी सिंह बघेल के भी डिप्टी सीएम बनाए जाने की चर्चा कुछ नेता कर रहे हैं, बशर्ते वे चुनाव में अखिलेश यादव को मात दे दें। अगर ऐसा होता है तो उनका कद प्रदेश की राजनीति में काफी बड़ा हो जाएगा। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य पार्टी में बड़ा नाम हैं और उन्हें किसी भी स्थिति में केंद्रीय नेतृत्व बैकस्टेज पर नहीं जाने देगा। ऐसे में पहले चुनाव लड़ने और फिर प्रचार अभियान में लगने वाले डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा पर तलवार लटक सकती है।
भाजपा की ओर से अभी एक ब्राह्मण, एक ओबीसी, एक दलित और एक जाट नेता को डिप्टी सीएम बनाने की चर्चा चल रही है। हालांकि, माना जा रहा है कि आगे चलकर यह संख्या दो पर ही सिमट सकती है। ऐसे में किस जाति के प्रतिनिधित्व को छांटा जाता है, यह चुनाव परिणाम में उम्मीदवारों की जीत के बाद तय होगा।
समाजवादी पार्टी की भी चल रही है तैयारी
देशबंधु के एग्जिट पोल से उत्साहित समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता भी अब खुलकर नई सरकार की चर्चा करने लगे हैं। उन्हें भरोसा है कि इस बार एक बार फिर सपा की सरकार बनेगी। अखिलेश यादव मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। ऐसे में अखिलेश अपने मातहत किस नेता को डिप्टी सीएम के पद पर रखते हैं, देखना दिलचस्प होगा। हालांकि, पार्टी की ओर से इस दिशा में कोई बात नहीं कही जा रही है। लेकिन, जयंत चौधरी, स्वामी प्रसाद मौर्य और ओम प्रकाश राजभर जैसे नेताओं का नाम इस पद से जोड़कर देखा जा रहा है।