UP Assembly: स्‍पीकर, नेता प्रतिपक्ष या फिर संसदीय कार्यमंत्री…यूपी विधानसभा में कब बढ़ेगी आधी आबादी की हिस्‍सेदारी?

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UP Assembly: स्‍पीकर, नेता प्रतिपक्ष या फिर संसदीय कार्यमंत्री…यूपी विधानसभा में कब बढ़ेगी आधी आबादी की हिस्‍सेदारी?

UP Assembly: स्‍पीकर, नेता प्रतिपक्ष या फिर संसदीय कार्यमंत्री…यूपी विधानसभा में कब बढ़ेगी आधी आबादी की हिस्‍सेदारी?

सूर्य प्रकाश शुक्ला, लखनऊ: यूपी विधानसभा में पहली बार 22 सितंबर को सदन का एक दिन महिलाओं के नाम होगा। सदन में महिला विधायक बोलेंगी, महिलाओं के मुद्दे उठेंगे। इस बार विधानसभा में भी सबसे ज्यादा 47 यानी 10.90% महिलाएं जीतकर पहुंची हैं। हालांकि, अतीत पर नजर डालें तो पहले ऐसा नहीं था। यूपी की पहली विधानसभा में महिला विधायकों की भागीदारी महज 2.55% थी। दूसरी विधानसभा में यह आंकड़ा 6% हुआ तो चौथी विधानसभा में आंकड़ा घटकर 1.64% पर आ गया। स्पीकर, सभापति, दलों की नेता और संसदीय कार्यमंत्री भी महिलाएं नहीं थीं। अब यूपी की विधानसभा बदल रही है तो महिलाएं चाहती हैं उनकी जिम्मेदारी भी बढ़े।

सिर्फ एक दल की नेता महिला
इस विधानसभा में भी सिर्फ एक दल (कांग्रेस) ने अपना नेता महिला विधायक को बनाया है। हालांकि, सीएम योगी ने 22 सितंबर को महिलाओं को ही पीठासीन अधिकारी बनाए जाने का अनुरोध किया है। अब तक विधानसभा में 28 नेता विरोधी दल बनाए जा चुके हैं, पर इनमें एक भी महिला नहीं है। विधान परिषद में भी 20 नेता विरोधी दल बने। उनमें भी महिलाओं को जगह नहीं मिली।

दो महिलाएं सीएम बनीं, स्पीकर बनना बाकी
महिलाओं की हिस्सेदारी विधानसभा में बढ़ने के बाद उन्हें दो बार यूपी का सीएम बनने का मौका मिला तो कई बार मंत्री भी बनाया गया। पर अब तक विधानसभा के 18 स्पीकर बनाए जा चुके हैं, जिनमें एक भी महिला नहीं है। विधान परिषद में भी 13 सभापति हुए, पर इनमें भी कोई महिला नहीं रही। एक अक्टूबर 1963 को तत्कालीन सीएम चंद्रभान गुप्त के इस्तीफे के बाद सुचेता कृपलानी को यूपी का सीएम बनाया गया था। वह यूपी की ही नहीं, देश की पहली महिला मुख्यमंत्री थीं। उनके बाद बसपा प्रमुख मायावती चार बार सीएम रह चुकी हैं। प्रदेश की पहली और चौथी विधानसभा के अलावा कोई ऐसी विधानसभा नहीं रही, जिसके मंत्रिमंडल में महिलाओं की भागीदारी न रही हो। दूसरी विधानसभा में दो महिलाएं मंत्री थीं, तो तीसरी में तीन महिला मंत्री। पांचवीं विधानसभा में सात, छठी में तीन, सातवीं में तीन, आठवीं में छह, नवी में दस, दसवीं में एक, 11वीं में दो, 12वीं में एक महिला मंत्री रही। 13वीं विधानसभा में छह, 14वीं में सात, 15वीं और 16वीं में दो-दो, 17वीं में तीन और वर्तमान की 18वीं विधानसभा में चार महिलाएं मंत्री हैं।

दम दिखाया, छह-छह बार जीतीं

यूपी की महिला विधायकों ने अपना दम भी दिखाया। कई महिलाएं तो चार से छह बार जीतकर विधानसभा पहुंचीं। पहली विधानसभा से अब तक 20 ऐसी महिला विधायक हैं, जो चार से छह बार विधानसभा पहुंच चुकी हैं। छह बार चुनाव जीतने वाली विधायकों में विमला राकेश और बेनी बाई शामिल हैं। शकुंतला देवी, शारदा देवी, राजपत देवी, प्रेमलता कटियार, गुलाब देबी (वर्तमान सरकार में मंत्री) पांच बार विधानसभा पहुंच चुकी हैं।

इस तरह बढ़ा प्रतिनिधित्व

विधानसभा महिलाएं जीतीं
पहली 11 (2.55%)
दूसरी 26 (6.04%)
तीसरी 19 (4.65%)
चौथी 07 (1.64%)
पांचवी 19 (4.23%)
छठी 21 (5.17%)
सातवीं 13 (2.83%)
आठवीं 23 ‌‌‌‌‌‌(5.41%)
नौवीं 31 (7.30%)
दसवीं 19 (4.47%)
11वीं 10 (2.35%)
12वीं 16 (3.79%)
13वीं 20 (4.47%)
14वीं 32 (7.92%)
15वीं 30 (7.44%)
16वीं 40 (9.90%)
17वीं 44 (10.06%)
18वीं 47 (10.90%)

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