Unlucky Indian Cricketers: 5 बदकिस्मत क्रिकेटर, रनों का अंबार लगाने के बाद भी कभी नहीं मिला टीम इंडिया के लिए खेलने का मौका

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Unlucky Indian Cricketers: 5 बदकिस्मत क्रिकेटर, रनों का अंबार लगाने के बाद भी कभी नहीं मिला टीम इंडिया के लिए खेलने का मौका


Unlucky Indian Cricketers: 5 बदकिस्मत क्रिकेटर, रनों का अंबार लगाने के बाद भी कभी नहीं मिला टीम इंडिया के लिए खेलने का मौका

टीम इंडिया में जगह बनाने के लिए खिलाड़ियों को घरेलू मैचों में कमाल करना पड़ता है। वहां अच्छा खेल दिखाने के बाद टीम इंडिया में उनकी एंट्री होती है और इंटरनेशनल मैच में खेलने का मौका मिलता है। लेकिन कुछ ऐसे बदकिस्तम क्रिकेटर भी हैं, जिन्हें घरेलू मैचों में रनों का अंबार लगाने के बाद भी भारत के लिए खेलने का मौका नहीं मिला। उनसे कम बेहतर रिकॉर्ड वाले खिलाड़ी इंटरनेशनल मैच खेले लेकिन उन्हें कभी इंडिया का कैप नहीं मिला। हम आपको 5 ऐसे ही बल्लेबाजों के बारे में बताने जा रहे हैं।

धीरज जाधव

धीरज जाधव का नाम भारतीय क्रिकेट फैंस ने काफी कम सुना होगा लेकिन उनका घरेलू रिकॉर्ड दमदार है। महाराष्ट्र में जन्मे धीरज ने 111 फर्स्ट क्लास मैच में 50.85 की औसत से 7679 रन बनाए थे। लिस्ट ए में उन्हें पहला मैच ही इंडिया ए के लिए खेलने को मिला। 52 पारियों में उनके बल्ले से 43 की औसत से 2075 रन निकले। उन्होंने 2004-05 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मुंबई टेस्ट के लिए भारतीय टीम में शामिल किया गया था लेकिन कभी खेलने का मौका नहीं मिला।

श्रीधरन शरथ

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तमिलनाडु के बल्लेबाज श्रीधरन शरथ ने भी घरेलू क्रिकेट में रनों का अंबार लगाया था। 1992/93 सीजन में डेब्यू करने वाले शरथ ने 139 फर्स्ट क्लास मैच में 51.17 की औसत से 8700 रन बनाए। इसमें 27 शतक थे। लिस्ट ए में भी 44 की औसत से 3366 रन बनाए। अभी वह भारतीय क्रिकेट टीम के चयनकर्ता हैं।

यशपाल सिंह

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सेना के लिए खेलने वाले यशपाल सिंह भी बदकिस्तम भारतीय खिलाड़ियों में शामिल है। 134 मैचों के फर्स्ट क्लास करियर में उन्होंने 50 की औसत से 9777 रन बनाए। इसमें 24 शतक शामिल थे। लिस्ट ए में उनके बल्ले से 49 की औसत से 5012 रन निकले। इसके अलावा उनके नाम फर्स्ट क्लास में 74 और लिस्ट ए में 49 विकेट हैं। फिर भी कभी भारत के लिए खेलने का मौका नहीं मिला।

अमोल मजूमदार

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मुंबई के पूर्व बल्लेबाज अमोल मजूमदार को दुनिया का सबसे अनलकी क्रिकेटर कहा जाए तो गलत नहीं होगा। फर्स्ट क्लास क्रिकेट के डेब्यू में अमोल ने 260 रनों की पारी खेली थी। उस समय यह वर्ल्ड रिकॉर्ड था। 171 मैचों के फर्स्ट क्लास करियर में उनके बल्ले से 11167 रन निकले। इसमें 30 शतक और 60 फिफ्टी थी। मध्यक्रम में सचिन, गांगुली, द्रविड़ और लक्ष्मण जैसे बल्लेबाज होने की वजह से उन्हें कभी भारत के लिए खेलने का मौका नहीं मिला।

मिथुन मन्हास

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जम्मू में जन्मे मिथुन मन्हास ने भी घरेलू क्रिकेट में रनों का बरसात की थी। 157 प्रथम श्रेणी मैचों में मन्हास के बल्ले से 9714 रन निकले। लिस्ट ए में भी उन्होंने 4126 रन बनाए। वह दिल्ली के लिए घरेलू मैच खेलते थे। मध्यक्रम के वह बेजोड़ बल्लेबाज थे लेकिन कभी भी भारत के लिए मौक नहीं मिल पाया।



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