शिवसेना का नाम जब भी जहन में आता है हिंदुत्व की तस्वीर अपने आप उभर आती है। अब इसी पार्टी के कर्ताधर्ता उद्धव ठाकरे ने हिंदुत्व को लेकर जो पछतावा किया उसे सुनकर सभी आश्चर्यचकित हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि यह उनकी पार्टी शिवसेना की “गलती” की कि उन्होंने राजनीति को धर्म के साथ मिलाया। आइये इस बारें में विस्तार से जानते हैं।
आपको बता दें कि उद्धव ठाकरे हिंदुत्ववादी राजनीति के लिए जाने जाते हैं लेकिन लगता है जब से भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ा है तब से वह हिंदुत्व से बिमुख हो गएँ हैं। इसलिए अभी तक उद्धव ने अयोध्या में मंदिर-मस्जिद विवाद जैसे विषयों पर अपने विचार नहीं रखे हैं।
यह बयान पिछले सप्ताह महाराष्ट्र विधानसभा में दिया गया था, जब उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में पहली बार प्रशासनिक भूमिका निभाई थी। वह अपने पूर्ववर्ती और भाजपा के पूर्व सहयोगी देवेंद्र फडणवीस को जवाब दे रहे थे।
ममता बनर्जी, रामविलास पासवान और यहां तक कि पीडीपी जैसी विपरीत विचारधारा वाली पार्टियों के साथ भाजपा को अपने गठबंधन की याद दिलाते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि धर्म और राजनीति को मिलाकर भाजपा के साथ रहना एक गलती थी।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दोहराया, “धर्म के बारे में केवल बात नहीं की जाती है। इसका पालन किया जाना चाहिए। धर्म केवल पुस्तकों में नहीं है। इसे वास्तविक जीवन में रहना चाहिए।”
इसके बाद उन्होंने कहा, “देवेंद्र-जी आपने मुझसे पूछा था कि क्या बाला साहेब ने वादा किया था कि मैं कांग्रेस के साथ सरकार बनाऊंगा। नहीं, मैंने ऐसा वादा नहीं किया था। मैंने ऐसा नहीं कहा। लेकिन मैंने जो भी वादा किया था उसे निभायाऔर जो भी वादे आगे करूँगा उसे निभाऊंगा।”
उन्होंने केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी पर कटाक्ष करते हुए कहा, “हमारी सरकार रिक्शा में यात्रा करने वालों के लिए है। बुलेट ट्रेन में यात्रा करने वालों के लिए नहीं।”
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शिवसेना द्वारा महाराष्ट्र में सत्ता में हिस्सेदारी को लेकर भाजपा के साथ अपने तीन दशक पुराने संबंधों को समाप्त करने के बाद उद्धव ठाकरे ने सत्ता संभाली और वैचारिक प्रतिद्वंद्वियों एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनायी है ।मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा, “हमारी सरकार नई है। कांग्रेस और एनसीपी में मेरे नए दोस्त हैं।”