Uddhav Thackeray Facebook Live: मुझे मुख्यमंत्री पद का मोह नहीं, इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं… फेसबुक लाइव कर बोले उद्धव ठाकरे

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Uddhav Thackeray Facebook Live: मुझे मुख्यमंत्री पद का मोह नहीं, इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं… फेसबुक लाइव कर बोले उद्धव ठाकरे

मुंबई: महाराष्‍ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार (Uddhav Thackeray Government) में घमासान मचा है। ऐसे में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार शाम पांच बजे महाराष्‍ट्र की जनता को फेसबुक लाइव के जर‍िए संबोध‍ित क‍िया। उद्धव ठाकरे ने श‍िवसेना नेता एकनाथ शिंदे की बगावत पर कहा क‍ि मेरे सामने कोई व‍िधायक आकर अपनी बात कहे। मुझे मुख्यमंत्री पद का कोई मोह नहीं है। मैं अपना इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं। मैं मुख्यमंत्री आवास वर्षा बंगलो भी छोड़ने के लिए तैयार हूं लेकिन यह सभी बातें मुझसे सामने आकर कहनी चाहिए दूर से बैठ कर बात करना ठीक नहीं है।

उद्धव ठाकरे ने कहा क‍ि कई लोग कहते हैं कि मैंने हिंदुत्व छोड़ दिया मैं लोगों से मिलता नहीं लेकिन यह सब बिल्कुल भी ठीक नहीं है बीच के समय में मेरी सर्जरी हुई थी इसलिए मैं लोगों से मिलजुल नहीं पा रहा था यह बात सच है लेकिन अब मैं लोगों से मिल रहा हूं हिंदुत्व तो हमारी चांस है जिसे हम कभी छोड़ नहीं सकते यह आरोप बेबुनियाद हैं।


‘मैं अपना इस्तीफा रेडी रखता हूं’

उद्धव ठाकरे ने कहा क‍ि मुझे इस बात का दुख नहीं है कि मुझ पर आरोप लग रहे हैं या मेरे ऊपर हमला किया जा रहा है लेकिन मुझे दुख इस बात का है कि यह हमला करने वाला कोई और नहीं मेरा अपना ही शख्स है जो मुझे अंदर तक तोड़ रहा है जो विधायक गायब हैं या जी ने गायब किया गया है मैं अपना इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं मैं अपना इस्तीफा रेडी रखता हूं।

‘श‍िवसेना ने कभी हिंदुत्व को नहीं छोड़ा’

उद्धव ठाकरे ने अपनी बात की शुरुआत कोरोना महामारी से की। उन्‍होंने कहा क‍ि कोरोना महामारी के समय मैंने डटकर सामना क‍िया। हालांक‍ि मैं कोरोना की बात लेकर आपके सामने नहीं आया हूं। उद्धव ठाकरे ने कहा क‍ि श‍िवसेना और हिंदुत्व एक ही स‍िक्‍के के दो पहलू हैं। कुछ लोग कह रहे हैं क‍ि श‍िवसेना हिंदुत्व को लेकर भटक गई है। इस पर मैं कहना चाहता हूं क‍ि श‍िवसेना ने कभी हिंदुत्व को नहीं छोड़ा है।

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‘इस्तीफा देना मेरी कोई राजनीतिक मजबूरी नहीं’

श‍िवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा क‍ि इस्तीफा देना मेरी कोई राजनीतिक मजबूरी नहीं है अगर आपको राज्यपाल बुलाते हैं तो आप जाइए और हम भी जाएंगे। मैं श‍िवसेना पक्ष प्रमुख का पद भी छोड़ने को तैयार हूं। अगर मेरे शिवसैनिकों को यह लगता है कि मैं इस पार्टी को चलाने में सक्षम नहीं हूं या मैं नालायक हूं तो मैं इस पद से भी इस्तीफा दे सकता हूं लेकिन यह बोलने वाला भी मेरा अपना शिवसैनिक होना चाहिए। कोई विरोधी पार्टी का नेता या अन्य व्यक्ति नहीं जो मेरे अपने हैं। अगर उन्हें लगता है कि मैं इस पद के काबिल नहीं हूं तो वह मुझे आकर बताएं। मैं इस पद से भी इस्तीफा दे दूंगा।

‘मुझे सत्ता का लालच नहीं’

उद्धव ठाकरे ने कहा क‍ि मुख्यमंत्री पद बिल्कुल अप्रत्याशित रूप से मेरे पास आया था। मुझे इसकी कल्पना भी नहीं थी और मुझे इस की लालसा भी नहीं है। जीवन में सत्ता आती और जाती रहती है। मुझे सत्ता का लालच नहीं है। यह लोकतंत्र है और जनता मेरा परिवार है। मुझे जनता के बारे में सोचना है। सत्ता से मुझे कोई लेना देना नहीं है।

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‘मुझे मुख्यमंत्री पद पर रहने की कोई इच्छा नहीं’

उन्‍होंने कहा क‍ि महाराष्ट्र की जनता माताओं बहनों से मेरी अपील है कि जो प्यार आपने मुझे अभी तक दिया है। वह आगे भी देते रहें। मुझे मुख्यमंत्री पद पर रहने की कोई इच्छा नहीं है। मैंने इस्तीफा तैयार करके रखा है। बस लोग आकर मुझसे सामने से मिले और कहे कि हां मैं इस पद के काबिल नहीं हूं तो मैं इस्तीफा तुरंत दे दूंगा।

महाराष्‍ट्र का क्‍या है स‍ियासी गण‍ित
महाराष्ट्र विधानसभा में सदस्यों की संख्या 287 है। बहुमत के लिए 144 सदस्यों का समर्थन जरूरी है। महाविकास अघाड़ी सरकार को 169 विधायकों को समर्थन हासिल है। उधर बीजेपी+ के पास 113 सदस्य हैं। अगर 30 विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे भाजपा के साथ जाते हैं तो उद्धव सरकार अल्पमत में आ सकती है।

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