Uddhav Thackeray: हाई कोर्ट जा सकती है शिवाजी पार्क को लेकर जंग, क्या है ठाकरे गुट का प्लान बी, जानिए

79
Uddhav Thackeray: हाई कोर्ट जा सकती है शिवाजी पार्क को लेकर जंग, क्या है ठाकरे गुट का प्लान बी, जानिए

Uddhav Thackeray: हाई कोर्ट जा सकती है शिवाजी पार्क को लेकर जंग, क्या है ठाकरे गुट का प्लान बी, जानिए

मुंबई: दशहरा रैली को लेकर शिवसेना के उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट के आवेदनों पर तकरीबन एक महीने से बीएमसी कोई फैसला नहीं ले पाई है। ऐसे में ठाकरे गुट ने ऐतिहासिक शिवाजी पार्क में दशहरा रैली को सुनिश्चित करने के लिए अब दोतरफा योजना बनाई है। अगर बीएमसी आवेदन रद्द करती है या विलंब करती है तो ठाकरे गुट बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख कर सकता है। वहीं दूसरी योजना बिना इजाजत के शिवाजी पार्क में रैली करने की है।

पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया, हमने 22 अगस्त को शिवाजी पार्क में रैली के लिए आवेदन किया था और तबसे एक महीना होने को आ रहा है। बीएमसी ने शुरुआत में दावा किया कि आवेदन को गणपति उत्सव के बाद देखा जाएगा लेकिन उसे खत्म हुए 10 दिन हो चुके हैं लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं लिया गया। यह कुछ और नहीं बल्कि देरी करने की साजिश है। हम जल्द ही हाई कोर्ट जाएंगे अगर आवेदन रद्द होता है या जानबूझकर देरी की जाती है।

किसने कब किया आवेदन?
शिवाजी पार्क में शिवसेना की वार्षिक दशहरा रैली को लेकर राजनीति और गर्माती जा रही है। उद्धव ठाकरे गुट की तरफ से सांसद विनायक राउत ने 22 अगस्त को बीएमसी की इजाजत मांगी थी जबकि सीएम एकनाथ शिंदे गुट की तरफ से माहिम से विधायक सदा सर्वांकर ने 30 अगस्त को आवेदन किया था।

दूसरी ओर बीएमसी ने दोनों आवेदनों पर अपने कानूनी विभाग से राय मांगी है। वरिष्ठ निकाय अधिकारियों का कहना है कि बीएमसी के जी नॉर्थ वार्ड से एक फैक्चुअल रिपोर्ट मांगी गई है। इसमें यह देखा जाएगा कि पिछली दशहरा रैलियों के लिए किस तरह इजाजत दी गई थी। जी नॉर्थ वार्ड के अंतर्गत ही शिवाजी पार्क आता है।

इस हफ्ते आ सकता है फैसला

वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दोनों में से किस गुट को रैली की इजाजत मिलनी चाहिए इस पर इस हफ्ते विचार किया जा सकता है। अधिकारी का कहना है कि एक ओर बीएमसी ‘पहले आओ पहले पाओ’ नीति के तहत उद्धव कैंप को रैली की इजाजत देने पर विचार कर रही थी वहीं दूसरी ओर यह भी कहा जा रहा है कि सेना के स्थानीय विधायक को इजाजत मिलनी चाहिए जिसने पूर्व में दशहरा रैली के लिए सफलतापूर्वक आवेदन किया था। इस मामले में सदा सर्वांकर विधायक हैं जो शिंदे गुट से जुड़े हुए हैं।

बीकेसी से शिंदे गुट को दी इजाजत
शिंदे गुट ने बांद्रा कुर्ला परिसर (बीकेसी) में MMRDA मैदान के लिए भी आवेदन किया था। MMRDA ने शिंदे गुट को दशहरा रैली के लिए अपनी मंजूरी दे दी है जबकि ठाकरे गुट के आवेदन को यह कहते हुए ठुकरा दिया गया कि जिस भूखंड के लिए उसने इजाजत मांगी उसे पहले ही लिया जा चुका है।

‘बालासाहेब के बाद सिर्फ उद्धव ने की यहां रैली’
शिवसेना के सांसद एवं प्रवक्ता अरविंद सावंत ने कहा कि शिंदे समूह को बीकेसी के एमएमआरडीए मैदान में रैली करने की अनुमति देते समय ‘पहले आओ-पहले पाओ’ के सिद्धांत को लागू किया गया। सावंत ने कहा, ‘अब हमारे लिए (शिवाजी पार्क में रैली की अनुमति) आसान होगा। उन्हें (शिंदे गुट को) पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर अनुमति मिली है। शिवाजी पार्क के संदर्भ में भी यही सिद्धांत लागू होना चाहिए।’ एमएमआरडीए मैदान पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निजी आवास ‘मातोश्री’ से मामूली दूरी पर स्थित है।

अरविंद सावंत ने कहा, ‘इस तरह की राजनीति महाराष्ट्र का कल्चर बन गई है। बालासाहेब के बाद सिर्फ उद्धव जी ने यहां रैली संबोधित की थी। अभी भी वक्त है और हमें भरोसा है कि हमें इजाजत मिलेगी।’ पिछले हफ्ते उद्धव ठाकरे ने फिर दोहराया था कि शिवसेना ही शिवाजी पार्क में दशहरा रैली करेगी जबकि बागी विधायक भरत गोगावले ने कहा था कि अगर उन्हें शिवाजी पार्क नहीं मिला तो वे बीकेसी में रैली करेंगे।

राजनीति की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – राजनीति
News