सोशल मीडिया पर भारत बंद की वायरल हो रही तस्वीरों का सच आपको सचमुच चौंका देगा

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सोमवार 2 अप्रैल को दलित समाज की तरफ से हुए भारत बंद के दौरान कई जगह हिंसा हुई थी, लेकिन कई शहरों में अब हालात सामान्य हैं. पर स्थिति के अनुकूल होने के बाद भी सोशल मीडिया पर कई झूठी तस्वीरें और अफवाहें तेज़ी से वायरल हो रही हैं.

कुछ खुराफाती तत्व भारत बंद की हिंसा से जुड़ी तस्वीर, वीडियो और मैसेज शेयर कर लोगों को भ्रमित कर रहे हैं. news4social.com की आपसे अपील है कि आप भूल कर भी इन झूठे मैसेजों और अफवाहों के बहकावे में ना आए. आइये हम आपको बताते हैं कि सोशल मीडिया पर कौनसे संदेश वायरल रहे हैं और उनके पीछे की सच्चाई क्या है.

  • फेसबुक और सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर की जा रही है जिसमें एक ही शख्स करणी सेना और भीम सेना की तरफ से लड़ता हुआ दिख रहा है.. इसके बारे में कहा जा रहा है कि पहले यह युवक करणी सेना के हिंसक प्रदर्शन के दौरान हाथ में तलवार लेकर सड़कों पर उतरा था. अब वही शख्स दलितों के आंदोलन के दौरान भीम सेना का कार्यकर्ता बनकर सड़कों पर उतरा है. लेकिन यह अब तक पुष्टि नहीं हो पाई है कि तस्वीर में दिखाई दे रहा युवक कौन है और क्या यह एक ही शख्स है.
  • एक दूसरी तस्वीर में दलित प्रदर्शनकारियों द्वारा पुलिस को पीटते हुए देखा जा सकता है. लेकिन यह तस्वीर जून 2017 की है. कानपुर में आईसीयू में रेप मामले में भीड़ ने पुलिस पर हमला कर दिया था. इसे अब दलित प्रदर्शन का बताकर वायरल किया जा रहा है.

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  • इस वक़्त सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हो रहा है कि दलित आंदोलन के खिलाफ अब जनरल वर्ग के लोग 10 अप्रैल को भारत बंद करेंगे. यह सभी आरक्षण के विरोध में किया जाएगा. लेकिन सच ये है कि यह मैसेज पूरी तरह गलत है. इस तरह का कोई आंदोलन नहीं हो रहा है ना ही किसी संगठन ने 10 अप्रैल को भारत बंद का ऐलान किया है.
  • एक और वायरल हो रहे मेसेज के तहत दलितों का आरक्षण खत्म किया जा रहा है. इस मैसेज में कहा जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण खत्म कर दिया है, लेकिन यह झूठ है. कोर्ट ने तो यह कहा है कि एससी-एसटी एक्ट में दर्ज होने वाले केसों में तत्काल गिरफ्तारी करने के बजाय जांच की जाए.
  • एक सन्देश में कहा जा रहा है कि दलित संगठनों ने किया हनुमानजी की फोटो का अपमान किया है. सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है इसमें कुछ युवक दलित संगठन के बैनर तले हनुमानजी की फोटो का अपमान कर रहे हैं. बता दें कि यह वीडियो दक्षिण भारत में 27 मई 2017 को हुए एक प्रदर्शन के दौरान का है. इसका भारत बंद से कोई लेना-देना नहीं था.
  • झूठे संदेशों की सबसे चर्चित तस्वीर एक बच्ची की है. जिसमे कहा जा रहा है कि भारत बंद में हुए पथराव में बच्ची का सिर फूटा. लेकिन सच ये है कि यह फोटो बिहार के मुजफ्फरपुर के माड़ीपुर का है. मगर इस फोटो को  कभी हापुड़ तो कभी बांसवाड़ा का बताकर वायरल किया गया था.