आज से ट्रांसपोर्टर्स ने शुरू की अनिश्चितकालीन हड़ताल, देशभर के करोबार पर पड़ेगा असर

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नई दिल्ली: ट्रांसपोर्टर्स ने आज से यानी 18 जून से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की है. इस दौरान ट्रांसपोर्टर्स खान-पान और कुछ अन्य आवश्यक चीजों की आपूर्ति जरी रहेगी, लेकिन सभी तरह के अन्य कमर्शियल और इंडस्ट्रियल सामानों की ढुलाई बंद की गई है. इस हड़ताल को ऑल इंडिया कन्फेडरेशन ऑफ गुड्स ऑपरेटर्स एसोसिएशन (AICOGOA) की अगुवाई पर हड़ताल का आह्वान किया गया है. जबकि, ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) जैसे अन्य संगठनों ने आज की जगह अगले महीने से हड़ताल शुरू करने का प्रस्ताव रखा था. जिसके चलते हड़ताल पर गए ट्रांसपोर्टर्स को मजबूती मिलती नहीं दिख रही है. लेकिन जानकारी के अनुसार, सप्लाई चेन के टूटने की वजह से पूरे देशभर में कारोबार प्रभावित हो सकता है.

क्या है हड़ताल का कारण

इस हड़ताल की मुख्य वजह डीजल और पेट्रोल की कीमतों में लगातार इजाफा, थर्ड पार्टी प्रीमियम में की गई बढ़ोत्तरी और जीएसटी से जुड़ी तमाम परेशानियों की वजह से इस हड़ताल को आज शुरू किया गया.

इस हड़ताल में 90 लाख ट्रक शामिल हो सकते है

ऑल इंडिया कन्फेडरेशन ऑफ गुड्स व्हीकल्स ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष चन्ना रेड्डी ने कहा कि डीजल-पेट्रोल में इजाफा और थर्ड पार्टी बीमा प्रीमियम में हुई बढ़ोत्तरी के खिलाफ आज सुबह बेमियादी हड़ताल शुरू हुई है. इस दौरान करीब 90 लाख ट्रकों सड़क में उतरने से वंचित नजर आ सकते है और देशभर में लगभग 60 फीसदी से ज्यादा ट्रक सड़कों पर नहीं उतरेंगे.

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किन राज्यों पर पड़ेगा हड़ताल का असर

ऑल इंडिया फाउंडेशन ऑफ ट्रांसपोर्ट रिसर्च एंड ट्रेनिंग की एक रिपोर्ट में पता चला कि हड़ताल का असर कर्नाटक, केरल, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल, उत्तराखंड और दिल्ली एनसीआर पर होगा. वहीं इस पर फाउंडेशन के कोऑर्डिनेटर एसपी सिंह ने कहा कि हड़ताल के चलते इसका असर कमर्शियल और इंडस्ट्रियल सप्लाई पर सबसे ज्यादा पड़ेगा. हालांकि, अगर हड़ताल लंबी चली तो कुछ श्रेणी के उपभोक्ताओं को सामान की किल्लत का भी सामना करना पड़ सकता है.

क्या है ट्रांसपोर्टर्स का सरकार पर आरोप

ट्रांसपोर्टर्स ने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार उनसे डीजल से रोड टैक्स के रूप में 8 रुपए प्रति लीटर और टोल टैक्स के रूप में 8 रुपए प्रति किलोमीटर वसूल रही है. इसके चलते ट्रांसपोर्ट और संबंधित उद्योगों को करीब 3,000 करोड़ का रोजाना नुकसान झेलना हो रहा है. बहरहाल, इस हड़ताल में ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस, दिल्ली गुड्स ट्रांसपोर्ट ऑर्गनाइजेशन, दिल्ली गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन जैसी कंपनियां शामिल नहीं है.

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गौरतलब है कि देशभर के ट्रांसपोर्टर्स पर एआईएएमटीसी का काफी अधिक दबदबा है, और उसने 20 जुलाई से हड़ताल करने का ऐलान किया है. जीएसटी लागू होने के बाद से ही ट्रांसपोर्टर्स और सरकार के बीच तकरार चल रही है, लेकिन एकजुट ना होने पर सरकार को इस हड़ताल को लेकर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता दिखाई दे रहा है.