नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज जम्मू-कश्मीर में जोजिला सुरंग का शिलान्यास करेंगे. यह दौरा लेह से शुरू होगा और फिर श्रीनगर होते हुए जम्मू-कश्मीर में जाकर पूरा होगा. इस दौरे का सबसे अहम विकास प्रोजेक्ट जोजिला टनल होगा, जिसका का आज नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन किया जाना है. आपको बता दें कि यह दौरा काफी महत्वपूर्ण है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आज के दौरे के मद्देनजर राज्य में सुरक्षा व्यवस्था काफी ज्यादा बढ़ा दी गई है. पहले ही एसपीजी की दो टीमों ने जम्मू कश्मीर में डेरा डाल लिया है.
वहीं रिपोर्ट पर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि इस सुरंग के बनने से श्रीनगर, कारगिल और लेह के बीच सालभर सड़क संपर्क बनाए रखने में मदद मिलेगी. अभी दोनों जगहों के बीच का रास्ता करीब छह महीने बंर्फ से ढके रहने के कारण बंद रहता है.
पहले वह जम्मू-कश्मीर की यात्रा के दौरान पीएम मोदी का कटरा से अर्धकुमारी की ओर जाने वाली तारकोटे मार्ग और वैष्णो देवी मंदिर में सियार दाबरी से भवन तक रोप-वे का उद्घाटन करने का कार्यक्रम है. वह 1000 मेगावॉट की पाकल दुल एचइ परियोजना और जम्मू-कश्मीर विश्वविद्यालय में जनरल जोरवर सिंह ऑडोटोरियम से जम्मू रिंग रोड की आधारशिला रखेंगे.
श्रीनगर को लेह-लद्दाख क्षेत्र से जोड़ने वाली एशिया की सबसे लंबी टू-लेन जोजिला सुरंग परियोजना का शिलान्यास भी आज देश के प्रधानमंत्री द्वारा किया जाना है. इस सुरंग का शिलान्यास हो जाने से सबसे ज्यादा फायद सेना को होगा. बता दें कि इस 14.2 किलोमीटर लंबी सुरंग को बनाने में तकरीबन नौ हजार करोड़ रूपये की लागत लगी है. इस सुरंग के बन जाने से जोजिला से गुजरने में लगने वाला वक्त 3.5 घंटे से घटकर सिर्फ 15 मिनट रह जाएगा. बता दें कि आमतौर पर सर्दियों के मौसम में बर्फबारी व हिमस्खलन के चलते श्रीनगर व लेह-लद्दाख के बीच की कनेक्टिविटी ज्यादातर समय के लिए बाधित रहती है.
आज प्रधानमंत्री मोदी श्रीनगर शहर में ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए 42.1 किलोमीटर लंबी व चार लेन की रिंग रोड का भी शिलान्यास करेंगे. यह रिंग रोड पश्चिमी श्रीनगर के गालांदर से संभल को जोड़ेगी. इस परियोजन की में करीब 1860 रूपये खर्च हुए है. इस योजना के शुरू होने से श्रीनगर से कारगिल व लेह के बीच एक नया मार्ग बन जाएगा, जो सफर के दौरन लगने वाले वक्त को भी कम करेगा.
बता दें कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकार की अपील पर घोषणा की थी कि रमजान के महीने में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन नहीं चलाया जाएगा. पर इस फैसले पर कई इलाकों से आलोचना भी की जा रही है क्योंकि सीजफायर के बावजूद भी आतंकी गतिविधियों में कमी नहीं आई है.