आज शाम चार बजे मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को साबित करना होगा बहुमत, बस ये है चार रास्ते

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आज शाम कर्नाटक में बीजेपी सरकार सत्ता में बनी रहेगी या जाएगी, इसका फैसला करीब चार बजे तक पूरा हो जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राज्यपाल के फैसले को पलटते हुए कहा कि शनिवार शाम चार बजे तक विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराया जाए ताकि यह साबित हो जाए कि मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के पास पर्याप्त बहुमत है या नहीं. राज्यपाल ने भाजपा को 15 दिन का बहुमत साबित करने तक का समय दिया था. जिसे सुप्रीम कोर्ट ने घटाकर एक दिन का कर दिया.

अगर मुख्यमंत्री येदियुरप्पा आज विधानसभा में बहुमत नहीं साबित कर पाए तो उन्हें कर्नाटक मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना होगा. आज बेंगलूरु में कर्नाटक विधानसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू होगी. उसके बाद प्रोटेम स्पीकर सभी सदस्यों को शपथ दिलाएंगे.

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने 17 मई को शपथ ली थी. पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने 15 दिन में पेश करने वाली बहुमत परीक्षण को घटाकर एक दिन कर दिया था. आज यह साबित हो जाएगा कि कांग्रेस और जेडीएस के पास बहुमत है या फिर बीजेपी के येदुरप्पा के पास. जानकारी से यह पता चला कि दोनों पार्टियों के विधायकों को एक बार फिर से बेंगलुरू लाया जा चुका है. इन सभी को हैदराबाद के होटल ताज में रुकाया गया था. आज यह सभी बहुमत परीक्षण में शामिल होंगे. वहीं जेडीस मुखिया कुमारस्वामी ने कहा कि बहुमत उनके पास ही है, और हार सिर्फ भाजपा की होगी. उन्होंने दावा किया कि उनके विधायक इनके पास ही है.

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कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में डाली अर्जी

आपको बता दें कि कांग्रेस ने बोपैय्या को प्रोटेम स्पीकर बनाए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की है. उन्होंने यह बोला कि परंपरा के अनुसार सबसे वरिष्ठ सदस्य को प्रोटेम स्पीकर के रूप में नियुक्त किया जाता है. कांग्रेस के मुताबिक, कांग्रेस के विधायक आर वी देशपांडे सबसे सीनियर हैं. अब यह देखना है कि सुप्रीम कोर्ट कांग्रेस द्वारा डाली गई अर्जी को स्वीकार करती है या नहीं. अगर नहीं करती तो प्रोटेम स्पीकर बोपैय्या ही विधायक बने रहेगें.

भाजपा मुख्यमंत्री येदियुरप्पा कैसे साबित करेंगें बहुमत

बता दें कि कर्नाटक में 224 सीटों में से 222 सीटों पर वोटिंग हुई थी. बीजेपी के पास कुल 104 विधायक है. जबकि कांग्रेस के पास 78 और जेडीस के पास 37 विधायक है. और दो निर्दलीय विधायक भी है. बस अब यह देखना होगा कि मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को सात ओर विधायकों की जरूरत है, ऐसे में विधानसभा में वो कैसे बहुमत साबित करेंगे. अब बीजेपी को बहुमत साबित करने के लिए चार विकल्प है.

पहला विकल्प ये है कि भाजपा अब कांग्रेस और जेडीस के 14 विधायकों को इस्तीफा दिला दे. ऐसे में सदन के कुल सदस्य की संख्या 221 से 207 हो जाएगी. और इस आंकड़े पर बीजेपी की 104 सीटें ही बहुमत के लिए काफी होंगी.

दूसरा विकल्प ये है कि अगर कांग्रेस और जेडीस के 14 विधायक वोटिंग के समय सदन में अनुपस्थित होते है तो बीजेपी 104 सीटों से बहुमत हासिल कर सकती है.

तीसरा विकल्प ये है कांग्रेस और जेडीस के सात सदस्य विधायक बीजेपी के हित में वोट करें.  ऐसे में उनकी विधायक की सदस्यता चली जाएगी पर भाजपा 111 वोट से बहुमत साबित कर पाएगी.

चौथा विकल्प ये है कि बीजेपी अगर कांग्रेस और जेडीएस के दो तिहाई विधायकों को तोड़ लेने में कामयाब हो जाती है तो वो दल-बदल कानून से बच जाएगी. पर इसके लिए कांग्रेस के 52 और जेडीएस के 26 विधायकों को राजी करना होगा.