TMC नेता कुनाल घोष ने शुभेंदु अधिकारी पर किया पलटवार, कहा- अपने पिता को सिखाओ पहले
तृणमूल कांग्रेस के नेता कुनाल घोष ने रविवार को पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष शुभंदु अधिकारी के दलबदल विरोधी कानून के लेकर दिए उनके बयान पर पलटवार किया है। कुनाल घोष ने जवाब देते हुए कहा, “अपने पिता को सिखाओ पहले” दरअसल टीएमसी में मुकुल रॉल के वापस शामिल होने पर शुभेंदु अधिकारी ने मुकुल रॉय पर दलबद कानून के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कहा था कि वह राज्य में इस कानून को लागू करेंगे।
इस पर टीएमसी नेता कुनाल घोष ने कहा, “अगर शुभेंदु अधिकारी को दलबदल विरोधी कानून के बारे में पूरी जानकारी है तो उन्हें पहले अपने पिता शिशिर दा (शिशिर अधिकारी) को सिखाना चाहिए क्योंकि वह भी एक टीएमसी सांसद थे जो चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गए थे।”
शुभेंदु अधिकारी की दलबदल विरोधी कानून की टिप्पणी मकुल रॉय के टीएसमी के शामिल होने के बाद आई है। बता दें कि भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय और उनके बेटे सुभ्रांशु रॉय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मौजूदगी में शुक्रवार को कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए शुभेंदु अधिकारी ने कहा, “हमें मुकुल रॉय के पार्टी छोड़कर जाने से कोई फर्क नहीं पड़ा है। चूंकि भाजपा राज्य में एकमात्र विपक्षी दल है, इसलिए टीएमसी अब हमें निशाना बनाएगी। पश्चिम बंगाल में दलबदल विरोधी कानून पहले कभी लागू नहीं किया गया है, लेकिन विपक्ष के नेता के रूप में मैं राज्य में कानूनों को लागू करने का पकाम करूंगा। इसमें दो से तीन महीने लगेंगे।”
आपको बता दें कि नियम अनुसार अगर कोई भी नेता दूसरी पार्टी में शामिल होना चाहता है तो पहले उसे अपनी पुरानी पार्टी से इस्तीफा देना होता है और अपना विधायक पद भी छोड़ना होता है। इसी संदर्भ में शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि वह पश्चिम बंगाल नें दलबदल कानून लागू करवाएंगे। अभी तक बंगाल में यह कानून लागू नहीं हुआ है। इसा लागू करवाने में दो से तीन महीने लगेंगे।
बता दें कि मुकुल रॉय ने कृष्णानगर उत्तर निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ा था और टीएमसी उम्मीदवार अभिनेता कौशानी मुखर्जी को हराया था। टीएमसी के संस्थापक सदस्य मुकुल रॉय ने खेमा बदल दिया था और नवंबर 2017 में भाजपा में शामिल हो गए थे।
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इस पर टीएमसी नेता कुनाल घोष ने कहा, “अगर शुभेंदु अधिकारी को दलबदल विरोधी कानून के बारे में पूरी जानकारी है तो उन्हें पहले अपने पिता शिशिर दा (शिशिर अधिकारी) को सिखाना चाहिए क्योंकि वह भी एक टीएमसी सांसद थे जो चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गए थे।”
शुभेंदु अधिकारी की दलबदल विरोधी कानून की टिप्पणी मकुल रॉय के टीएसमी के शामिल होने के बाद आई है। बता दें कि भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय और उनके बेटे सुभ्रांशु रॉय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मौजूदगी में शुक्रवार को कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए शुभेंदु अधिकारी ने कहा, “हमें मुकुल रॉय के पार्टी छोड़कर जाने से कोई फर्क नहीं पड़ा है। चूंकि भाजपा राज्य में एकमात्र विपक्षी दल है, इसलिए टीएमसी अब हमें निशाना बनाएगी। पश्चिम बंगाल में दलबदल विरोधी कानून पहले कभी लागू नहीं किया गया है, लेकिन विपक्ष के नेता के रूप में मैं राज्य में कानूनों को लागू करने का पकाम करूंगा। इसमें दो से तीन महीने लगेंगे।”
आपको बता दें कि नियम अनुसार अगर कोई भी नेता दूसरी पार्टी में शामिल होना चाहता है तो पहले उसे अपनी पुरानी पार्टी से इस्तीफा देना होता है और अपना विधायक पद भी छोड़ना होता है। इसी संदर्भ में शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि वह पश्चिम बंगाल नें दलबदल कानून लागू करवाएंगे। अभी तक बंगाल में यह कानून लागू नहीं हुआ है। इसा लागू करवाने में दो से तीन महीने लगेंगे।
बता दें कि मुकुल रॉय ने कृष्णानगर उत्तर निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ा था और टीएमसी उम्मीदवार अभिनेता कौशानी मुखर्जी को हराया था। टीएमसी के संस्थापक सदस्य मुकुल रॉय ने खेमा बदल दिया था और नवंबर 2017 में भाजपा में शामिल हो गए थे।