Tiger State में खतरे में हैं 'टाइगर', ब्रिजिंग द गैप 2024 रिपोर्ट का खुलासा कर देगा हैरान | tigers in danger in tiger state mp top tiger reserve in MP India Bridging the Gap 2024 Report protection guidelines | News 4 Social h3>
पन्ना टाइगर रिजर्व पार्क की प्रबंधकीय क्षमता को और अधिक प्रभावी बनाने, आधुनिक उपकरणों और प्रौद्योगिकी में निवेश बढ़ाकर निगरानी की सटीकता और उसकी प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए कहा है। बाघों की बढ़ती आबादी को देखते हुए इंसान और वन्यप्राणियों में द्वंद्व रोकने के उपायों को करने, कॉरिडोर संरक्षित करने और कोर जोन के प्रस्तावित गांवों के विस्थापन कार्य को प्राथमिकता से करने के सुझाव दिए गए हैं।
कमजोर हो गया संचार नेटवर्क
हाल में ही खजाने की खोज में आधा दर्जन लोगों के चार पहिया वाहन, मेटल डिटेक्टर और बाइक के साथ कोर जोन में कई किमी अंदर तक घुसने और कोर जोन में ही गोली मारकर शिकार किए जाने के मामले सामने आने के बाद यहां के निगरानी तंत्र और संचार नेटवर्क पर गंभीर सवाल उठे थे।
इसी को देखते हुए एनटीसीए ने भी अपनी रिपोर्ट में सुझाव दिए हैं कि आवश्यक उपकरणों की खरीदी का काम प्राथमिकता के साथ करें। बुनियादी ढांचे सहित संचार नेटवर्क को बढ़ाने की जरूरी है। समुचित संसाधनों की उपलब्धता को बढ़ाकर भी निगरानी तंत्र को मजबूत किया जा सकता है।
मानव-वन्याप्राणी द्वंद्व रोकना जरूरी
पन्ना टाइगर रिजर्व (Panna tiger Reserve) में बाघों (Tiger) की संख्या 90 से 100 के बीच है। यह पार्क के इतिहास की अब तक की सर्वोच्च संख्या है। इतने अधिक बाघों के कारण बाघों में आपसी द्वंद्व के हालात पैदा होने और मानव-वन्यप्राणी द्वंद्व के खतरे की आशंका रहती है। इसे देखते हुए कोर जोन में प्रस्तावित 13 गांवों के विस्थापन कार्य को प्राथमिकता के साथ करने का सुझाव दिया गया है। इससे बाघों के सुरक्षित आवास के लिए और अधिक स्थान मिलेगा। कॉरिडोर का संरक्षण किया जाना जरूरी है ताकि वन्यप्राणी एक स्थान से दूसरे स्थान तक सुगमता पूर्वक आवागमन कर सकें। बफर जोन के जंगलों में भी लोगों की निर्भरता कम करने के लिए उन्हें आय के वैकल्पिक स्रोतों से जोडऩे की जरूरत है। इससे जंगलों पर जनसंख्या का दबाव कम होगा।
विशेष बाघ सुरक्षा बलों का गठन
बाघों और वन्यप्राणियों की सुरक्षा को प्रभावी बनाने के लिए स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स के गठन की जरूरत है। स्थानीय सलाहकार समितियों को भी सक्रिय करने की जरूरत है। वन ग्रामों में रह रहे लोगों की सुविधा के लिए निवेश बढ़ाए जाने की जरूरत है। साथ ही संरक्षण गतिविधियों में स्थानीय लोगों की सक्रिय भूमिका को बढ़ाया जाना जरूरी है। खनन गतिविधियों पर सख्ती के साथ प्रभावी रोक लगाए जाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया है।
यह भी दिए गए सुझाव
– बफर क्षेत्र में रह रहे लोगों के लिए अजीविका के वैकल्पिक अवसर प्रदान करना।
– भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाकर कर्मचारियों की कमी को दूर करें। कर्मचारियों के प्रशिक्षण के स्तर को बढ़ाकर भी स्टॉफ की कमी को कुछ हद तक पूरा किया जा सकता है।
– कर्मचारियों को आधुनिक सुरक्षा उपकरण जैसे थर्मल इमेजिंग ड्रोन आदि के संचालन का प्रशिक्षण दिलाना।
– सडक़ हादसे रोकने के लिए वाहनों की गति सीमित करने के उपाय करना, वन्यजीव क्राॅसिंग प्वाइंट बनाना। इसके लिए जिला प्रशासन का सहयोग लिया जाए।
– शिकार की प्रथाओं को रोकने के लिए पुनर्वास गतिविधियों को बढ़ावा देना।
– वैकल्पिक जल प्रबंधन समाधान तलाशना व जैव विविधता को होने वाले संभावित नुकसान के प्रति लोगों को जागरूक करना
– बफरजोन के जंगलों में एकीकृत नियंत्रण प्राप्त करने के लिए अधिकारियों के साथ मिलकर काम करना जरूरी है।
अभी एनटीसीए की रिपोर्ट (NTCA Report) का विस्तृत अध्ययन नहीं किया है। अध्ययन करने के बाद जो सुझाव दिए गए हैं और स्ट्रेटजी है उन पर काम करेंगे। – अंजना सुचिता तिर्की, फील्ड डायरेक्टर, पन्ना टाइगर रिजर्व
पन्ना टाइगर रिजर्व पार्क की प्रबंधकीय क्षमता को और अधिक प्रभावी बनाने, आधुनिक उपकरणों और प्रौद्योगिकी में निवेश बढ़ाकर निगरानी की सटीकता और उसकी प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए कहा है। बाघों की बढ़ती आबादी को देखते हुए इंसान और वन्यप्राणियों में द्वंद्व रोकने के उपायों को करने, कॉरिडोर संरक्षित करने और कोर जोन के प्रस्तावित गांवों के विस्थापन कार्य को प्राथमिकता से करने के सुझाव दिए गए हैं।
कमजोर हो गया संचार नेटवर्क
हाल में ही खजाने की खोज में आधा दर्जन लोगों के चार पहिया वाहन, मेटल डिटेक्टर और बाइक के साथ कोर जोन में कई किमी अंदर तक घुसने और कोर जोन में ही गोली मारकर शिकार किए जाने के मामले सामने आने के बाद यहां के निगरानी तंत्र और संचार नेटवर्क पर गंभीर सवाल उठे थे।
मानव-वन्याप्राणी द्वंद्व रोकना जरूरी
पन्ना टाइगर रिजर्व (Panna tiger Reserve) में बाघों (Tiger) की संख्या 90 से 100 के बीच है। यह पार्क के इतिहास की अब तक की सर्वोच्च संख्या है। इतने अधिक बाघों के कारण बाघों में आपसी द्वंद्व के हालात पैदा होने और मानव-वन्यप्राणी द्वंद्व के खतरे की आशंका रहती है। इसे देखते हुए कोर जोन में प्रस्तावित 13 गांवों के विस्थापन कार्य को प्राथमिकता के साथ करने का सुझाव दिया गया है। इससे बाघों के सुरक्षित आवास के लिए और अधिक स्थान मिलेगा। कॉरिडोर का संरक्षण किया जाना जरूरी है ताकि वन्यप्राणी एक स्थान से दूसरे स्थान तक सुगमता पूर्वक आवागमन कर सकें। बफर जोन के जंगलों में भी लोगों की निर्भरता कम करने के लिए उन्हें आय के वैकल्पिक स्रोतों से जोडऩे की जरूरत है। इससे जंगलों पर जनसंख्या का दबाव कम होगा।
विशेष बाघ सुरक्षा बलों का गठन
बाघों और वन्यप्राणियों की सुरक्षा को प्रभावी बनाने के लिए स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स के गठन की जरूरत है। स्थानीय सलाहकार समितियों को भी सक्रिय करने की जरूरत है। वन ग्रामों में रह रहे लोगों की सुविधा के लिए निवेश बढ़ाए जाने की जरूरत है। साथ ही संरक्षण गतिविधियों में स्थानीय लोगों की सक्रिय भूमिका को बढ़ाया जाना जरूरी है। खनन गतिविधियों पर सख्ती के साथ प्रभावी रोक लगाए जाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया है।
यह भी दिए गए सुझाव
– बफर क्षेत्र में रह रहे लोगों के लिए अजीविका के वैकल्पिक अवसर प्रदान करना।
– भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाकर कर्मचारियों की कमी को दूर करें। कर्मचारियों के प्रशिक्षण के स्तर को बढ़ाकर भी स्टॉफ की कमी को कुछ हद तक पूरा किया जा सकता है।
– कर्मचारियों को आधुनिक सुरक्षा उपकरण जैसे थर्मल इमेजिंग ड्रोन आदि के संचालन का प्रशिक्षण दिलाना।
– सडक़ हादसे रोकने के लिए वाहनों की गति सीमित करने के उपाय करना, वन्यजीव क्राॅसिंग प्वाइंट बनाना। इसके लिए जिला प्रशासन का सहयोग लिया जाए।
– शिकार की प्रथाओं को रोकने के लिए पुनर्वास गतिविधियों को बढ़ावा देना।
– वैकल्पिक जल प्रबंधन समाधान तलाशना व जैव विविधता को होने वाले संभावित नुकसान के प्रति लोगों को जागरूक करना
– बफरजोन के जंगलों में एकीकृत नियंत्रण प्राप्त करने के लिए अधिकारियों के साथ मिलकर काम करना जरूरी है।
अभी एनटीसीए की रिपोर्ट (NTCA Report) का विस्तृत अध्ययन नहीं किया है। अध्ययन करने के बाद जो सुझाव दिए गए हैं और स्ट्रेटजी है उन पर काम करेंगे। – अंजना सुचिता तिर्की, फील्ड डायरेक्टर, पन्ना टाइगर रिजर्व