जाने क्यों मुसीबत में फंसा निर्भया केस का चश्मदीद गवाह

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जाने क्यों मुसीबत में फंसा निर्भया केस का चश्मदीद गवाह

सन 2012 में दूनिया को दहला देने वाला निर्भया हत्याकांड का मामला एक बार फिर से भूचाल ला सकता है. जिसकी वजह होगी दिल्ली पुलिस को की गई शिकायत. दक्षिण पश्चिम दिल्ली जिले के डीसीपी को आर.के. पुरम थाने में ये शिकायत की गई है. निर्भया हत्याकांड में फांसी की सजा दी गई चार अरोपियों में से एक के पिता द्वार यह शिकायत की है. जिसमें दलील दी गई कि निर्भया कांड में जिसे इकलौते गवाह के तौर पर अदालतों में पेश किया गया, दरअसल वह कथित तौर पर झूठा और बिकाऊ है.

बता दें कि मुजरिम के पिता ने निर्भया कांड के गवाह पर आरोप लगाया है जिसके मुताबिक, तमाम अखबारों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में इस गवाह ने अब तक जो भी बयान दिए, वे सब मनगढ़ंत और पैसे के बलबूते लिए-दिए गए हैं. न्यूज एजेंसी IANS के मुताबिक सनसनीखेज आरोपों से भरी यह शिकायत दिल्ली के आर.के. पुरम थाने में दो नवंबर, 2019 को दी गई है. शिकायतकर्ता के पते की जगह आरके पुरम लिखा गया है.

दरअसल आरोपी के पिता का कहना है कि उनका बेटा दिल्ली की मंडोली जेल मे नंबर -14 में बंद है, जोकि निर्भया हत्याकांड में फांसी की सजा पाए चार दोषियों में से एक है. मुजरिम के पिता द्वारा थाने में दी गई शिकायत में कहा गया है, ’12 अक्टूबर, 2019 को सोशल मीडिया के जरिए पता चला कि निर्भया का दोस्त जोकि उस मामले में इकलौता और चश्मदीद गवाह बनाया गया था, पैसे लेकर टीवी न्यूज चैनलों में बयानबाजी करने जाया करता था.’

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अब शिकायत में आगे मुजरिम के पिता ने दिल्ली पुलिस द्वारा की गई उस जांच को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है, एक टीवी चैनल के दो-तीन वरिष्ठों को भी गवाह के बतौर पेश किया गया है. उन दिनों खुद को एक हिंदी न्यूज चैनल का संपादकीय प्रबंधक बताने वाले शख्स ने, कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर कथित दावा किया था कि निर्भया का दोस्त और हत्याकांड का इकलौता चश्मदीद गवाह मोटी रकम वसूलकर ही इंटरव्यू देने चैनलों में जाता था.

इस मामले के बारे में मुजरिम पवन के वकील का कहना है कि ‘अगर स्टिंग ऑपरेशन से निर्भया के हत्यारों को नाजायज फायदा मिल सकता था, तो फिर हम भी अपने बेकसूर मुवक्किलों को फांसी के फंदे पर इतनी आसानी से क्यों चढ़ जाने दें, वो भी एक ऐसे शख्स की गवाही पर जिसने पैसे लेकर बयान दिया है, जिसका स्टिंग ऑपरेशन दुनिया में किसी के पास मौजूद है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘चैनल के जिस मैनेजिंग एडिटर ने संदिग्ध गवाह का स्टिंग किया है, हम उसे ही अब गवाह बनाकर हर अदालत में पेश करेगें. कानूनन न्याय का हकदार सिर्फ एक को ही नहीं बल्कि सबको है.’ शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत के साथ उन ‘क्लिपिंग्स’ को भी लगाया है, जो सोशल मीडिया पर प्रकाशित हुई थी. शिकायत में टीवी चैनल के उस पूर्व संपादकीय अधिकारी का नाम भी खोला गया है.

अब इस मामले पर डॉ. ए.पी. सिंह ने सवाल उठाते हुए कहा कि ‘इसकी क्या और कौन गारंटी देगा-लेगा कि टीवी चैनलों पर मोटी रकम लेकर बयान देने वाले गवाह ने अदालत को गुमराह नहीं किया होगा. झूठी गवाही का खामियाजा भला मेरे मुवक्किल क्यों भोगें? जिस गवाह का चरित्र ही संदेह के घेरे में आ गया हो, अदालत में दिए उसके बयानों पर भला फिर भरोसा कैसे कर लिया जाए? ये चार इंसानों की जिंदगी का सवाल है.

निर्भया कांड का मामला इसी जिले के वसंत विहार थाने में दर्ज था. तो फिर ये शिकायत आर.के.पुरम थाने में दर्ज क्यों हुई? पूछने पर मुजरिम के अधिवक्ता डॉ. ए.पी. सिंह ने कहा, ‘मैं शिकायतकर्ता के साथ पहले शिकायत लेकर वसंत विहार थाने ही गया था. वसंत विहार थाने का एसएचओ दो-तीन घंटे तक टाल-मटोलकर मुझे बहलाता-फुसलाता रहा. उसके बाद वसंत विहार थाने के ऊपर स्थित डीसीपी देवेंद्र आर्या के दफ्तर में मैं शिकायत दाखिल कर आया.’

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इस सिलसिले में IANS ने बुधवार रात वसंत विहार थाने के एसएचओ इंस्पेक्टर रवि शंकर से बात की. उन्होंने कहा, ‘मेरे थाने में वे लोग कंप्लेंट लेकर आए थे. चूंकि शिकायतकर्ता रहता आर.के. पुरम थाने के इलाके में है, इस लिहाजा से वसंत विहार थाने में मैंने शिकायत नहीं ली.’
निर्भया कांड में जैसे- जैसे समय बीतता जा रहा है वैसे-वैस इस केस को लेकर नए-नए खुलासे सामने आते ही जा रहें है.