रक्षाबंधन सर्फ एक त्योहार ही नहीं बल्कि भाई और बहन के प्यार को हमेशा-हमेशा के लिए संजोकर रखता है. यह त्योहार भाई-बहन के अटूट रिश्ते, बेइंतहां प्यार, त्याग और समर्पण को दर्शाता है. जिसे पूरे देश भर में बड़े ही धूमधाम से और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इस त्योहार की खासियत है कि यह सभी घर्मो में मनाया जाता है.
इतना ही नहीं यह त्योहार इस बार बेहद ही खास होने वाला है. इस बार न ग्रहण की छाया है, न ही भद्रा का झंझट है. इस बार रक्षाबंधन 15 अगस्त के दिन गुरुवार पड़ रहा है. यही नहीं बहनों को अपने भाइयों को राखी बांधने के लिए पूरे दिन का समय है. इस बहने अपने भाई को राखी बांधकर रक्षा का वचन लेती है. वहीं भाई उन्हें उपहार के तोर पर भेंट देते है.
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार रक्षाबंधन का त्योहार हर साल श्रावण या सावन महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है. इस बार रक्षाबंधन और 15 अगस्त साथ में ही पड़ रहा है. इस दिन ही भारत के स्वतंत्रता दिवस की 72वीं वर्षगांठ भी है.
राखी बांधने का मुहूर्त
भद्रा बुधवार 14 अगस्त को दिन में 2 बजकर 27 मिनट से रात के समय 3 बजकर 35 मिनट तक रहेगी, इसलिए गुरुवार 15 अगस्त को सुबह से दिनभर तक रक्षाबंधन का मना सकते है. बता दें कि 15 अगस्त को दिन में 12 बजकर 55 मिनट में सौभाग्य योग है. जिसके बाद शोभन योग है, जो इस वर्ष के रक्षाबंधन में विशेष संयोग बनाता है.
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राखी बांधने की विधि एवं मंत्र
रक्षाबंधन के दिन बहनें सुबह के समय स्नान करके बिना कुछ खायें या फिर यह कहें कि निवृत्त होकर वेदोक्त विधि से रक्षाबंधन, पित्र तर्पण और ऋषि पूजन करें. रक्षा के लिए रेशम आदि उपयोग करें. जिसमें सरसों, सुवर्ण, केसर, चन्दन, अक्षत और दूर्वा रखकर रंगीन सूत के डोरे में बांधें और अपने मकान के शुद्ध स्थान में कलश आदि की स्थापना करें. जिसके बाद उसका विधि विधान से पूजा करें. जिसके बाद बहन अपने भाई के दाहिने हाथ पर मंत्र उच्चारण के साथ बांधे.