ये है विश्व की टॉप 10 सबसे ऊंची प्रतिमा

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नई दिल्ली: जब भी विश्व में सबसे बड़ी मूर्तियों की बात होती है तो सबसे पहले ‘स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी’का नाम सब के जेहन में आता है। आपको ये जानकर हैरानी होगी की अब यह 10 विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमाओं की लिस्ट में शामिल नहीं है, क्योंकि इसके बाद विश्वभर में बहुत सी मूर्तियां बनाई गई है जो इससे बहुत बड़ी है। हाल ही में बनी भारत की ‘स्टेचू ऑफ़ यूनिटी’ अब विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा में से एक है।

आपने शायद ही दुनिया के कुछ मेगा मूर्तियों में से कुछ के बारे में सुना होगा और कुछ के बारे में नहीं. लेकिन यहाँ हम आपको बताएंगे की वो 10 विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमाएं कौन-कौन सी है?

Grand Buddha at Ling Shan, चीन

चीन में बुद्ध की यह प्रतिमा, विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमाओं में से एक है, जो लोंगशान पर्वत में स्थित है। इस मूर्ति की ऊँचाई 88 मीटर है, और यह पूरी तरह से कांस्य से बनी हुई है। इसका वजन 700 टन के करीब है।

Statue of Liberty, न्यूयॉर्क

स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी को बनाने में 9 वर्ष से अधिक का समय लगा था। इस प्रतिमा का कुल वजन 225 टन है स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी में कुल 359 घुमावदार सीढ़ियां हैं। इस मूर्ती के ताज में 25 खिडकीयॉ हैं, यह मूर्ती रोमन लोगों की स्‍त्री देवी लिवटिस की है जिसे स्‍वतंत्रता की देवी जानी जाती है, स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी का बाहरी भाग तांबें से बना है।

Peter the Great statue, रूस

यह प्रतिमा एक रूसी सम्राट, पीटर-1 की स्मृति में बनाई गई थी, जिसने 43 वर्षों तक रूस पर राज किया था। मास्को शहर में मोस्कोवा नदी का सामने बनी यह मूर्ति 96 मीटर ऊंची है। इस मूर्ति में 600 टन स्टेनलेस स्टील और कांस्य का इस्तेमाल किया गया था। पीटर-1 की इस मूर्ति का वजन 100 टन है जो की वर्ष 1997 में बनकर तैयार हुई।

Sendai Daikannon, जापान

सेंडाई डाइकानन जापान में स्थित है। यह मूर्ति विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमाओं में से एक है. यह प्रतिमा 100 मीटर लंबी है. जापानी बौद्ध बोधिसत्व की यह मूर्ति सेंडाई में एक पहाड़ी पर स्थित है, जिसे शहर के कई हिस्सों से देखा जा सकता है। लिफ्टों के माध्यम से पर्यटक मूर्ति के शीर्ष तक पहुंच सकते है।

Emperors Yan and Huang, चीन

ये एक नहीं बल्कि दो मूर्तियों का समूह है जो चीनी सम्राट यान और हुआंग को दर्शाती है। इन मूर्तियों का निर्माण वर्ष 1987 में शुरू हुआ जिसे पूरा होने में 20 साल का समय लगा और वर्ष 2007 में बनकर तैयार हुई। इन मूर्तियों की ऊंचाई 106 मीटर है जो चीन का “माउंट रशमोर” झेंग्झौ के पास येलो नदी के अंदर स्थित है।

Guan Yin of the South Sea of Sanya, चीन

करुणा की बौद्ध देवी गुआन यिन की मूर्ति, चीन के हैनान द्वीप के दक्षिण तट पर स्थित है। इस मूर्ति की ऊंचाई 108 मीटर है। इस मूर्ति के तीन अलग-अलग चेहरे हैं जो पूरी दुनिया में देवी से आशीर्वाद का प्रतिनिधित्व करने के लिए है। इस विशाल मूर्ति के पूरा होने में लगभग 6 साल लग गए और 2005 में बनाकर तैयार हुई। यह मूर्ति पांचवी, विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा बन गई है।

Ushiku Daibutsu, जापान

जापान के उशिकू में स्थित गौतम बुद्ध की मूर्ति Ushiku Daibutsu  काफी समय तक दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति होने का खिताब अपने पास रख चुकी है। 110 मीटर की ऊंचाई वाली इस मूर्ति का निर्माण 1993 में पूरा हुआ था। साल 1993 से 2002 तक ये दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति थी। आज ये दुनिया की सबसे ऊंची मूर्तियों में शुमार है। ये मूर्ति ब्रोंज से बनाई गई है।

Laykyun Setkyar, म्यांमार

लेक्युन सेटक्यार, म्यांमार में स्थित तीसरी, विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा है जो 116 मीटर ऊँची है। इसका निर्माण 1996 में शुरू होकर वर्ष 2008 में पूरा हुआ। इसके 13.5 मीटर सिंहासन सहित इसकी कुल ऊंचाई 130 मीटर है। इसके साथ ही यह दुनिया में बुद्ध की सबसे बड़ी प्रतिमा भी है। इसकी खासियत ये है कि इसके अंदर एक लिफ़्ट लगाई गई है. इसकी मदद से टूरिस्ट शहर का शानदार नजारा आराम से देख सकते हैं.

Spring Temple Buddha, चीन

यह विश्व की दूसरी सबसे ऊंची प्रतिमा है, जो हेनान, चीन में स्थित 153 मीटर ऊंचाई मापती है। इस मूर्ति की कुल ऊंचाई 153 मीटर है जिसमें 20 मीटर कमल सिंहासन और 25 मीटर इमारत शामिल है। इस मूर्ति का निर्माण 1997 से शुरू होकर वर्ष 2008 में पूरा हुआ। इस स्मारक के निर्माण योजना, अफगानिस्तान में तालिबान द्वारा बुद्ध की प्रतिमा को ध्वस्त करने के तुरंत बाद बनाई गई थी।

Statue of Unity, इंडिया

अब विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा, स्टेचू ऑफ़ यूनिटी है जिसे सरदार वल्लभभाई पटेल को समर्पित किया गया है । भारत के लौह पुरुष के नाम से जाने-जाने वाले सरदार वल्लभभाई पटेल स्वतंत्र भारत के पहले गृह मंत्री थे। स्वतंत्रता संग्राम में नायक सरदार वल्लभभाई पटेल की यह मूर्ति 182 मीटर ऊँची है। नर्मदा नदी पर राजपिप्ला के पास साधु बेट द्वीप पर स्थित यह प्रतिमा, सतपुरा और विंध्य पर्वत श्रृंखलाओं के बीच स्थित है।

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