Tesla से जुड़े सवाल पर बोले राज्य मंत्री- बाजार भारत का और रोजगार चीन को, यह चलेगा नहीं

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Tesla से जुड़े सवाल पर बोले राज्य मंत्री- बाजार भारत का और रोजगार चीन को, यह चलेगा नहीं

Tesla से जुड़े सवाल पर बोले राज्य मंत्री- बाजार भारत का और रोजगार चीन को, यह चलेगा नहीं

नई दिल्ली: मोदी सरकार में ऐसा नहीं हो सकता कि कोई बाजार भारत का चाहे और रोजगार चीन के लोगों को मिले। भारी उद्योग राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने मंगलवार को लोकसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए यह बात कही। दरअसल, इलेक्ट्रिक वाहन (Electric vehicle) विनिर्माता कंपनी टेस्ला (Tesla) से संबंधित विषय पर कुछ सांसदों ने सवाल पूछे थे। लोकसभा में शिवसेना के विनायक राउत और कांग्रेस सांसद के. सुरेश ने पूछा था कि टेस्ला कंपनी ने भारत के कई राज्यों में उत्पादन करने को लेकर इच्छा व्यक्त की है लेकिन क्या उसे अनुमति नहीं दी गयी है?

इस सवाल के जवाब में गुर्जर ने कहा, “मोदी सरकार में ऐसा नहीं हो सकता कि कोई बाजार भारत का चाहे और रोजगार चीन के लोगों को मिले। ऐसे में उक्त कंपनी को भारत की योजनाओं के तहत यहां उत्पादन करने के लिए आवेदन करना होगा।” गुर्जर ने कहा कि देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए भारी उद्योग मंत्रालय ने तीन योजनाएं लागू की हैं, जिनमें एक उत्पादन से संबंधित और दो आपूर्ति से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि सभी देशी-विदेशी कंपनियों को इन योजनाओं के तहत ही आवेदन करना होता है। गुर्जर ने बताया कि अभी तक 115 कंपनियों ने इन योजनाओं के तहत आवेदन किया है। इनमें से 50 विदेशी और 65 भारत की हैं।
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भारतीयों को मिले रोजगार
गुर्जर ने कहा कि उस कंपनी (टेस्ला) ने हमारी नीति के अनुसार अभी तक आवेदन नहीं किया है। उन्होंने कहा कि वह कंपनी चाहती है कि मजदूर चीन का हो और बाजार भारत का हो, मोदी सरकार में यह नहीं चलेगा। गुर्जर ने कहा कि हमारी सरकार की नीति है कि भारत के बाजार का उपयोग करना है, तो भारतीयों को रोजगार के अवसर देने होंगे।

टेस्ला के लिए खुले हैं भारत के दरवाजे
मंत्री ने यह भी कहा कि कंपनी के लिए भारत के दरवाजे खुले हैं। वह हमारी नीति के तहत आवेदन करे, यहां आए, संयंत्र लगाए और हमारे लोगों को रोजगार दे। उन्होंने कहा, “इसका फायदा होगा कि उन्नत तकनीक भारत में आएगी, कलपुर्जे यहां बनेंगे और वाहन भी यहीं बनेंगे। इससे भारतीयों को रोजगार मिलेगा। इन योजनाओं के माध्यम से जब कंपनियां यहां आएंगी, तो यहां के नौजवानों को रोजगार मिलेगा। हमारे उपभोक्ताओं को वाहन सस्ता मिलेगा और हम निर्यात भी कर सकेंगे। गुर्जर ने कहा कि इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भारत को पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का सपना भी साकार होगा।

कंपनियां भी स्थापित करें चार्जिंग स्टेशन
एम श्रीनिवासुलू रेड्डी के पूरक प्रश्न के उत्तर में भारी उद्योग राज्य मंत्री ने कहा कि भारत में हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों के तीव्र विस्तार और विनिर्माण को लेकर फेम इंडिया चरण-2 को एक अप्रैल 2019 से कुल 10,000 करोड़ रुपये की बजटीय सहायता के साथ 5 वर्ष की अवधि के लिए लागू किया जा रहा है। मंत्री ने आगे कहा, ‘‘यह अवधारणा गलत है कि सरकार ही चार्जिंग स्टेशन स्थापित करे। अमेरिका, यूरोप के देशों में इलेक्ट्रिक वाहन कंपनियां चार्जिंग स्टेशन लगा रहीं हैं।’’ उन्होंने कहा कि हमने फेम इंडिया योजना के द्वितीय चरण के तहत चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए 1,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।

2,877 चार्जिंग स्टेशनों को दी मंजूरी
गुर्जर ने कहा कि मंत्रालय ने 25 राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के 68 शहरों के लिए 2,877 इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशनों को मंजूरी दी है। गुर्जर ने कहा कि फेम इंडिया योजना के दूसरे चरण के तहत 9 एक्सप्रेस-वे और 16 राजमार्गों पर भी 1,576 चार्जिंग स्टेशन स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने बताया कि पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, एक जनवरी 2022 की स्थिति के अनुसार, देश में तेल विपणन कंपनियों (OMC) के खुदरा बिक्री केंद्रों (RO) पर 1,536 इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए गए हैं।

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