Tension: सीमा पर गोलीबारी में बिहार का सपूत बलिदान; BSF जवान इम्तियाज ने सीमा पर दिखाया अदम्य साहस

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Tension: सीमा पर गोलीबारी में बिहार का सपूत बलिदान; BSF जवान इम्तियाज ने सीमा पर दिखाया अदम्य साहस
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Tension: सीमा पर गोलीबारी में बिहार का सपूत बलिदान; BSF जवान इम्तियाज ने सीमा पर दिखाया अदम्य साहस

जम्मू के आरएस पुरा सेक्टर में देश की सीमा की रक्षा करते हुए बिहार के सारण जिले का एक और बेटे ने सर्वोच्च बलिदान देते हुए अपनी जान गंवा दी। बलिदानी की पहचान सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के सब इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज़ के रूप में हुई है। मोहम्मद इम्तियाज़ सारण जिले के गड़खा थाना क्षेत्र के नारायणपुर गांव (जलाल बसंत पंचायत) के रहने वाले थे। वे सीमा पर तैनात थे और देश की सुरक्षा में अपना फर्ज निभा रहे थे। पाकिस्तान की ओर से हुई फायरिंग में वे वीरगति को प्राप्त हुए।

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बीएसएफ ने दी जानकारी

बीएसएफ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि डीजी बीएसएफ और सभी जवान सब इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज़ की राष्ट्र सेवा में दिए गए सर्वोच्च बलिदान को सलाम करते हैं। पूरा प्रहरि परिवार इस कठिन समय में शोकाकुल परिवार के साथ खड़ा है। साथ ही बीएसएफ ने जानकारी दी है कि 11 मई को जम्मू के पलौरा स्थित फ्रंटियर हेडक्वार्टर में शहीद को पूरे राजकीय सम्मान के साथ श्रद्धांजलि दी जाएगी।

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सूचना मिलते ही देशभर में शोक की लहर

इम्तियाज़ के बलिदान की सूचना मिलने पर गांव सहित जिला और राज्य के अलावा पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। सूचना के अनुसार बताया जा रहा है कि जम्मू के आरएस पुरा में पाकिस्तान के साथ सीमा पार गोलीबारी में वीरगति को प्राप्त हो गए है। क्योंकि वह अपनी पोस्ट को बहादुरी के साथ लीड करते हुए पाकिस्तानी सेना को छठी का दूध याद दिला रहे थे। हालांकि बलिदानी मोहम्मद इम्तियाज़ ने साबित कर दिया कि भारत की सरहदों की हिफ़ाज़त के लिए जान भी क़ुर्बान है।

ग्रीमीणों में दोड़ी शोक की लहर

ग्रामीणों ने बताया कि मोहम्मद इम्तियाज काफी नेक दिल और मिलनसार व्यक्ति के रूप में अपनी पहचान बना हर किसी से मिलना जुलना था। एक माह पहले ही ईद के समय अपने घर आए हुए थे। गांव में सुबह- सुबह मॉर्निंग वॉक किया करते थे और गांव के सभी लोगों से मिलते जुलते थे। उनके दो पुत्र और दो पुत्रियां हैं। जिसमें एक पुत्र मोहम्मद इमरान बायोमेडिकल से इंजीनियरिंग कर पटना स्थित पीएमसीएच में कार्यरत हैं। अपने पिता के बलिदान की खबर मिलते ही वह इमरान जम्मू के लिए रवाना हो गए है।

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संघर्ष विराम की हुई थी घोषणा

गौरतलब है कि इससे पहले भारत पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम की पुष्टि विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने की थी। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा था कि पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक (डीजीएमओ) ने शनिवार दोपहर 3:35 बजे भारतीय डीजीएमओ को फोन किया। उनके बीच यह सहमति बनी कि दोनों पक्ष भारतीय मानक समयानुसार 1700 बजे से ज़मीन, हवा और समुद्र में सभी तरह की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई बंद कर देंगे।

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