Tejas sale: अटल बिहारी वाजपेयी ने दिया नाम और ‘तेजस’ ने कर दिया अपना काम, खरीदने के लिए लाइन लगाकर खड़ी है दुनिया

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Tejas sale: अटल बिहारी वाजपेयी ने दिया नाम और ‘तेजस’ ने कर दिया अपना काम, खरीदने के लिए लाइन लगाकर खड़ी है दुनिया

Tejas sale: अटल बिहारी वाजपेयी ने दिया नाम और ‘तेजस’ ने कर दिया अपना काम, खरीदने के लिए लाइन लगाकर खड़ी है दुनिया

नई दिल्ली: भारत का स्‍वदेशी जेट विमान तेजस (Tejas) पूरी दुनिया में धूम मचा रहा है। सुपरपावर अमेरिका समेत दुनिया के कई बड़े देशों ने इसमें दिलचस्पी दिखाई है। यह भारत के लिए उत्साह बढ़ाने वाली खबर है। सरकार ने शुक्रवार को संसद में कहा कि अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया और फिलीपींस समेत छह देशों ने भारत के हल्के लड़ाकू विमान तेजस में दिलचस्पी दिखाई है। मलेशिया पहले ही इस विमान को खरीदने की तैयारी में है। भारत ने उसे 18 तेजस बेचने की पेशकश की है। इस विमान के हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने बताया है। यह एक इंजन वाला बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमान है जो किसी भी परिस्थिति में अपने काम को बखूबी अंजाम दे सकता है। इस विमान ने दुनिया को भारतीय टेक्नोलॉजी की खूबियों से परिचित कराया है। यही वजह है कि दुनिया के बड़े-बड़े देश इसमें दिलचस्पी दिखा रहे हैं।

रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने हाल में लोकसभा में बताया कि अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया और फिलीपींस के अलावा अर्जेंटीना और मिस्र ने भी इसमें दिलचस्पी दिखाई है। रक्षा मंत्रालय ने एयरफोर्स के लिए 83 तेजस खरीदने के वास्ते पिछले साल फरवरी में एचएएल के साथ 48,000 करोड़ रुपये का करार किया था। एचएएल को इन विमानों की 2023 से डिलीवरी शुरू करना है। मलेशिया अपने पुराने रूसी मिग-29 लड़ाकू विमानों को बदलने के लिए तेजस विमान खरीद रहा है। तेजस ने इस रेस में रूस, चीन और कोरिया के विमानों को पीछे छोड़ा है। सवाल यह है कि आखिर तेजस में ऐसी क्या खूबी है कि पूरी दुनिया इसकी मुरीद हो गई है।

Tejas sale: पूरी दुनिया में भारत के तेजस की धूम, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया समेत छह देशों ने दिखाई दिलचस्पी
तेजस की खूबी

दरअसल तेजस एल्युमीनियम, लीथियम एलॉय, कार्बन फाइबर कंपोजिट्स और टाइटेनियम एलॉय स्टील से बनाया गया है। इस वजह से तेजस दूसरे लड़ाकू विमानों की तुलना में काफी हल्का है। इसका वजन केवल 6560 किलोग्राम है। साथ ही इसकी ताकत भी अपनी पीढ़ी के दूसरे विमानों से कम नहीं है। तेजस की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसके 50 फीसदी कलपुर्जे भारत में बने हैं। फरवरी 2019 में इसे एयरफोर्स में शामिल किया गया।

तेजस हल्के वजन में बेहद कारगर लड़ाकू विमान है क्योंकि वह 1.6 मैक की स्पीड से उड़ान भरता है। साथ ही इसे लैडिंग और टेक ऑफ के लिए कम जगह की जरूरत पड़ती है। इसकी वजह से इसके लिए हथियार ले जाना न केवल आसान है बल्कि दुर्गम क्षेत्रों में लैंडिंग और टेक ऑफ में आसानी रहती है। इसमें लगे रडार हवा से हवा और हवा से जमीन दोनों में कारगर हैं। साथ ही यह हर तरह के मौसम में काम करने में सक्षम है। ये सारी खूबियां तेजस को एक अनोखा विमान बनाती हैं जो अपनी पीढ़ी के दूसरे विमानों पर भारी पड़ता है। इस खूबियों की वजह से इसने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खींचा है।

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1983 में शुरू हुआ था सफर
इंडियन एयरफोर्स के बेड़े में हल्के फाइटर विमान यानी एलसीए को शामिल करने की तैयारी 1983 में ही शुरू हो गई थी। मकसद था रूसी फाइटर मिग-21 के विकल्प में नया फाइटर जेट तैयार करना और देश में हल्का फाइटर जेट बनाना। करीब 18 साल की कड़ी मेहनत के बाद आखिरकार जनवरी 2001 में इसने पहली बार उड़ान भरी। उस समय देश में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी। साल 2003 में वाजपेयी ने ही एलसीए को ‘तेजस’ नाम दिया था। तब उन्होंने कहा था कि ये संस्कृत शब्द है, जिसका मतलब ‘चमक’ है।

इस समय इंडियन एयर फोर्स के बेड़े में कई फाइटर शामिल हैं। इनमें सुखोई और मिग रूस से हासिल किए गए हैं जबकि मिराज और राफेल फ्रांस से मिले हैं। इसी तरह जगुआर विमान ब्रिटेन से मंगाए गए थे। लेकिन तेजस की बात ही कुछ और है। इसकी सबसे बड़ी खूबी यह है कि इस विमान के 50% कलपुर्जे भारत में ही तैयार हुए हैं। इसकी दूसरी खूबी यह है कि इस विमान में इजराइल के EL/M-2052 रडार को लगाया गया है। इस वजह से तेजस एक साथ 10 लक्ष्यों को ट्रैक कर उन पर निशाना साधने में सक्षम है। इसकी तीसरी खूबी यह है कि यह बेहद कम जगह यानी 460 मीटर के रनवे पर टैकऑफ करने की क्षमता। इसकी चौथी खूबी इसका हल्का वजह है।

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रफ्तार का सौदागर
डिफेंस एक्सपर्ट कमर आगा के मुताबिक सुखोई की तुलना में तेजस काफी हल्का है। यह आठ से नौ टन भार ले जा सकता है। यह सुखोई की तरह कई तरह के हथियार और मिसाइल ले जा सकता है। इसकी सबसे बड़ी खूबी इसकी रफ्तार है। हल्का होने के बावजूद रफ्तार में इसका कोई सानी नहीं है। यह विमान 52,000 फीट की ऊंचाई पर 1.6 मैक की रफ्तार से उड़ान भर सकता है। यह दुश्मन के रडार को चकमा देने में सक्षम है। यह हवा में ईंधन भरकर फिर से दुश्मन के इलाके में जा सकता है।

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