यूपी की बेरहम शिक्षिका!

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यूपी की बेरहम शिक्षिका!
यूपी की बेरहम शिक्षिका!

आमतौर पर टीचर का काम बच्चों के अंदर ज्ञान का दीप जलाना होता है। और यही टीचर का कर्तव्य भी होता है कि वो बच्चों को सही गलत का ज्ञान दें, लेकिन आजकल स्कूलों में पढ़ाई कम, और पिटाई ज्यादा होती है। बच्चों को बेहरमी से पीटते है टीचर, ऐसे कई खबर से आप रूबरू हो चुके है। ऐसा ही एक मामला देश के सबसे बड़े राज्य यूपी से सामने आया है, जहाँ एक शिक्षिका एक बच्चे की बेहरमी से पिटाई करती हुई दिखी, और वजह तो बिल्कुल ही बचकाना है। तो आइये आपको रूबरू कराते है, इस खबर से…

खबर के मुताबिक, यूपी की राजधानी लखनऊ के एक प्राइवेट स्कूल में एक टीचर को इतना गुस्‍सा आ गया कि 2 मिनट के अंदर उसने 8 साल के मासूम बच्‍चे को लगभग 40 थप्पड़ जड़ दिये। आपको बता दें कि पीजीआई क्षेत्र में जॉन विनी स्कूल की एक टीचर की क्लास तीन के छात्र को बेरहमी से पिटाई करने वाला सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। दो मिनट के सीसीटीवी फुटेज में टीचर रेटिका वी जॉन छात्र रितेश गुप्ता पर ताबड़तोड़ 40 थप्पड़ जड़ते हुए कैद हुईं हैं। शिक्षिका का गुस्सा यही नहीं थमा, टीचर ने छात्र का कॉलर पकड़ कर उसे घसीटा, गला दबाया और सिर ब्लैकबोर्ड पर दे मारा।

प्रेजेंट मैम न बोलने से गुस्साई टीचर..

आपको बता दें कि छात्र द्वारा प्रेजेंट मैम न बोलने की वजह से टीचर को इतना गुस्सा आ गया कि उन्होंने मासूम का हाल बेहाल कर दिया।

गुहार लगाता रहा मासूम…
आपको बता दें कि जब शिक्षिका गुस्सें में पिटाई कर रही थी तो मासूम अपनी बेरहम मैम से मदद की गुहार लगा रहा था, लेकिन मैम ने उसकी एक नहीं सुनी। मासूम छात्र रितेश का कसूर सिर्फ इतना था कि उसने अटेंडेंस के दौरान प्रेजेंट मैम नहीं बोला था।

मासूम के पिता ने की पुलिस में शिकायत…
अपने बेटे का यह हाल देखकर पिता से रहा नहीं गया और उसने पुलिस में शिकायत कर दी, फिलहाल पुलिस मामलें की जांच में जुटी है।


स्कूल प्रशासन ने किया कार्रवाई…

मामलें को गंभीरता से लेते हुए स्कूल प्रशासन ने टीचर पर कार्रवाई करते हुए उसे स्कूल से निकाल दिया। हालांकि टीचर माफी मांगती रह, लेकिन स्कूल ने उसकी एक भी नहीं सुनी।

गुस्सें में पिटाई कहां का रूल है..
शिक्षिका महोदया आपसे एक सवाल है कि गुस्से में ये सब करना कहाँ का रूल है, बच्चे ने सिर्फ गलती ही तो की थी, आपका फर्ज था उसे समझाने का लेकिन आपने अपने गुस्से पर काबू नहीं रखा, जिसका खामियाजा अब आप भुगत रही हैं।