टैक्स चोर है परेशान : अरुण जेटली

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टैक्स चोर है परेशान : अरुण जेटली

देशभर में जीएसटी को लेकर बढ़ रही गहमागहमी पर अरुण जेटली ने कहा कि जीएसटी का फायदा गरीबो को मिलेगा । सवा सौ करोड़ कि आबादी वाले देश में महज 80 लाख करदाता है। वही परेशान है, जो टैक्स देने से बचना चाहते है । सेना के लोग जब मेरे सामने अपनी मांगों की सूची रखते है तो मैं चुप हो जाता हूँ । उन्होंने कहा कि जीएसटी सॉफ्टवेयर ऐसा है जो 320 करोड़ वाउचर हर महीने देखेगा और अपने आप तय हो जायेगा कि डीलर और डिस्ट्रीब्यूटर का रिटर्न मैच होगा या नहीं।

जेटली ने वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा आयोजित जीएसटी कार्यशाला में कहा, आजादी के बाद राजनीतिक रूप से तो एक देश बनकर उभरे, लेकिन आर्थिक एकता नहीं बनी। देश और राज्यों को मिलकर कुल 17 तरह के टैक्स थे । इतने सारे टैक्स अदा करने के लिए अलग अलग अफसर व विभाग । जो व्यवस्था बनाई थी, उसके सफल होने की गुंजाइश कम थी। आयकर और कस्टम ड्यूटी को छोड़ दे तो बाकी टैक्स रिग्रेसिव ( गरीब लोगो से वसूले जाने वाले ) टैक्स थे । इनकम टैक्स ऐसा है कि अमीर सबसे ज्यादा देगा, मध्यम वर्ग कुछ कम देगा और गरीब नहीं देगा।

जेटली ने कहा कि परोक्ष टैक्स परगतिशील नहीं होते । यह गरीब-अमीर में भेदभाव नहीं करते । मैं साबुन खरीदूं या गाँव का गरीब आदमी, एक समान टैक्स लगेगा। तीन प्रमुख टैक्स ही ले वैट, एक्साइज और सर्विस टैक्स । इनको भरने कि प्रक्रिया में अलग-अलग दर, नाके से मुद्रास्फीति भी बढ़ती है । जेटली ने कहा कि व्यवस्था ऐसी है कि किसी भी सामान पर शुरू से अंत तक हर स्तर पर टैक्स दें और उसका श्रेय आईटी सुपरपावर है । जो कर देने की श्रेणी मई है वह समाज के उच्च वर्ग है, साधनहीन लोगो को परेशानी हो सकती है। मगर एक प्रतिशत टैक्स देने में कठिनाई होगी ऐसा नहीं लगता ।