Wine in Haryana : तस्करी के रास्ते बंद, आयात शुल्क और वैट घटा… जानें हरियाणा में कितनी सस्ती हुई शराब

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Wine in Haryana : तस्करी के रास्ते बंद, आयात शुल्क और वैट घटा… जानें हरियाणा में कितनी सस्ती हुई शराब

चंडीगढ़ : हरियाणा में शराब के रेट महंगे होने के अनुमान लगाए जा रहे थे लेकिन सरकार ने शराब मंहगी करने की बजाए सस्ता कर दी है। कहा जा रहा है कि दिल्ली में शराब ज्यादा सस्ती होने से अवैध शराब की तस्करी बढ़ गई थी, इससे सरकार को नुकसान भी हो रहा था, जिसके चलते यह फैसला लिया गया है। देशी और अंग्रेजी शराब के रेट में सरकार ने कमी की है। हालांकि देशी शराब की कैटेगरी में शामिल मेटो-65 डिग्री शराब की बोतल के रेट में बढ़ोतरी की है। अभी तक यह बोतल 180 रुपये की थी, जो अब बढ़कर 210 रुपये हो जाएगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में शुक्रवार को यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में 2022-23 की नई एक्साइज पॉलिसी को मंजूरी दी गई।

आबकारी और कराधान मंत्री होने के नाते उपमुख्यमंत्री दुष्यंत सिंह चौटाला ने कैबिनेट में यह पॉलिसी रखी। अवैध शराब की बिक्री रोकने, टैक्स चोरी बंद करने के साथ ही डिस्टलरी पर भी शिकंजा कसा जाएगा। अब सभी डिस्टलरी में सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य हैं। जिस भी डिस्टलरी में फ्लो-मीटर नहीं होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

7938 करोड़ 8 लाख रुपये राजस्व

2020-21 की एक्साइज पॉलिसी ने प्रदेश को 7345 करोड़ 92 लाख रुपये का रेवन्यू प्रदेश को मिला था। वहीं, चालू एक्साइज पॉलिसी से 2021-22 में 7938 करोड़ 8 लाख रुपये राजस्व मिलने का अनुमान है। यह पिछले साल के मुकाबले लगभग 17 प्रतिशत अधिक है। अहम बात यह है कि दो वर्षों तक कोविड की वजह से राजस्व पर ओवरआल असर भी पड़ा है। इससे पहले 2018-19 में 5566 करोड़ 22 लाख रुपये और 2019-20 में 5794 करोड़ 90 लाख रुपये राजस्व एक्साइज पॉलिसी से आया था।

एक जोन में ठेकों की संख्या 2 से बढ़ाकर की गई 4
पॉलिसी में एक जोन में शराब ठेकों की संख्या को 2 से बढ़ाकर अधिकतम 4 किया गया है। बड़ी बात यह है कि इसके बाद भी ठेकों की संख्या बढ़ने की बजाय 100 के करीब कम होगी। अब राज्य में 2500 से अधिक शराब ठेके नहीं होंगे। पहले से चल रहे शराब के ब्रांड/लेबल की मंजूरी के अधिकार अब डीईटीसी को दिए हैं। नए ब्रांड और लेबल की ऑनलाइन इजाजत मुख्यालय से ही लेनी होगी। शराब पर इंपोर्ट शुल्क 7 रुपये से घटाकर 2 रुपये प्रति बीएल (ब्लॉक लीटर) किया गया है। शराब कारखाना स्थापित करने के लिए आशय पत्र का शुल्क 15 लाख रुपये से घटाकर एक लाख रुपये किया गया है।

मोरनी में भी खुल सकेंगे बार
प्रदेश सरकार मोरनी हिल्स को टूरिस्ट स्पॉट के रूप में विकसित कर रही है। अभी तक यहां बार लाइसेंस की मंजूरी नहीं थी। मोरनी में देशी व विदेशी पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार ने मोरनी में भी बार लाइसेंस देने का निर्णय लिया है। वहीं प्रदेशभर में बार लाइसेंस की फीस में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी। पिछली साल वाली फीस ही जारी रहेगी। राज्य में कहीं भी स्थित बार और क्लब अब बार लाइसेंस प्राप्त कर सकेंगे। बार और खुदरा विक्रेता अब अतिरिक्त शुल्क का भुगतान करके लंबे समय तक अपना संचालन कर सकेंगे।

शराब के कोटे में बढ़ोतरी
देशी शराब के कोटे को पिछले साल के 1050 के मुकाबले बढ़ाकर 11 लाख प्रूफ लीटर किया है। वहीं अंग्रेजी शराब का कोटा 625 से बढ़ाकर 650 लाख प्रूफ लीटर किया है। यहां बता दें कि चालू एक्साइज पॉलिसी के अंतर्गत अंग्रेजी शराब की 1 करोड़ पेटी यानी लगभग 12 करोड़ बोतल की खपत हुई। वहीं देशी शराब की 2 करोड़ 88 लाख 88 हजार से अधिक पेटियां प्रदेश में लगी हैं। विदेशी शराब (वाइन, बीयर, वोदका व स्कॉप आदि शामिल) की 75 लाख के लगभग बोतल की खपत राज्य में हुई है।

अब नहीं बिक सकेगी घटिया शराब
प्रदेश में घटिया क्वालिटी की शराब बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए डिस्टलरी से शराब की पेटी 1050 रुपये से कम के रेट पर बाहर नहीं निकलेगी। सबसे बड़ी बात यह है कि डिस्टलरी को आवंटित देशी शराब का कोटा पूरी तरह से खत्म कर दिया है। अब इस तरह की बाध्यता नहीं रहेगी कि फलां डिस्टलरी से कितनी शराब लेनी है। यानी अब लाइसेंसधारक किसी भी डिस्टिलरी के ब्रांड चुनने के लिए स्वतंत्र होंगे। देशी शराब (सीएल) और आईएमएफएल के थोक लाइसेंसों के लाइसेंस शुल्क में मामूली वृद्धि होगी।

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