Videos: अजय देवगन की कविता सुन छलक पड़े सुनील शेट्टी के आंसू, अक्षय बोले- किस किस पात पे दिल जीतोगे यार?

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Videos: अजय देवगन की कविता सुन छलक पड़े सुनील शेट्टी के आंसू, अक्षय बोले- किस किस पात पे दिल जीतोगे यार?

अजय देवगन (Ajay Devgn) ने देश के लिए जान गंवाने वाले बहादुर सिपाही (Sipahi) की बहादुरी पर एक दिल छू जाने वाली कविता शेयर की है। देश के सिपाहियों को समर्पित अजय देवगन की इस कविता ‘सिपाही’ को सुनकर अक्षय कुमार से लेकर सुनील शेट्टी तक जैसे फिल्मी कलाकार दिल हार रहे हैं।

सुनील शेट्टी ने अजय देवगन के इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, ‘जब एक प्यारा दोस्त देश और सिपाही की बात करता है। एक भाई का दूसरे भाई के लिए दिल को छू जाने वाला प्यार। आंखों में आंसू भर आए, सीने में गर्व और दिल मजबूत हो गया। शानदार अजय देवगन, बेहतरीन प्रस्तुति।’

अजय देवगन ने यह पोस्ट कारगिल विजय दिवस (26 जुलाई) के ठीक एक दिन बाद शेयर किया है। यहां बता दें कि अजय देवगन अपनी आवाज में जो यह भावुक कविता सुना रहे हैं वह मशहूर इंडियन लिरिसिस्ट, कवि और स्क्रीन राइटर मनोज मुंतशिर के लिखे हैं।

अजय देवगन ने सुनील शेट्टी को जवाब देते हुए एक ट्वीट भी किया है। उन्होंने लिखा है, ‘अन्ना, आपके सेंसिटिव मेसेज के लिए शुक्रिया। मेरे दिल को छू गया। अपने सिपाहियों के साथ इस कविता को शेयर कर गर्व महसूस करता हूं। हमारे भारतीय सिपाही शानदार हैं।’

दरअसल अजय देवगन की आनेवाली फिल्म ‘भुज: द प्राइड ऑफ इंडिया’ के टीजर में इसी कविता की कुछ पंक्तियां हैं, जिसमें कहा गया है, ‘मेरे मरने का मातम मत करना, मैंने खुद ये शहादत चुनी है। मैं जीता हूं मरने के लिए, मेरा नाम है सिपाही।’ अब अजय देवगन ने पूरी कविता वीडियो में शेयर की है।

अक्षय कुमार ने भी अजय देवगन के इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, ‘मैं रियल लाइफ में अपनी भावनाएं आसानी से व्यक्त नहीं कर पाता, लेकिन यह देखकर मेरी आंखों में आंसू आ गए। अजय देवगन मुझे नहीं पता था कि तुम इतनी अच्छे कवि हो। किस-किस पात पे दिल जीतोगे यार?’

हालांकि, अक्षय कुमार ने एक और पोस्ट कर यह क्लियर किया कि उन्हें कवि को लेकर गलतफहमी हो गई थी। उन्हें पता चल गया है कि यह कविता मनोज मुंतशिर, जो अजय देवगन की आवाज में तैयार किया गया है।

इस वीडियो में देश के एक जांबाज सिपाही की पूरी कहानी है, जिसे सुनकर आंखें से आंसू बह निकलेंगे। ये पंक्तियां कुछ इस तरह से हैं-

सरहद पर गोली खाकर जब टूट जाए मेरी सांस, मुझे भेज देना यारों मेरी बूढी मां के पास।
बड़ा शौक था उसे, मैं घोड़ी चढूं।ढम -ढम ढोल बजे तो ऐसा ही करना।

मुझे घोड़ी पर ले जाना, ढोल बजाना और पूरे गांव में घुमाना और मेरी मां से कहना, बेटा दूल्हा बन कर आया है।
बहू नहीं ला पाया तो क्या बारात तो लाया है।

मेरे बाबूजी पुराने फौजी हैं, बड़े मनमौजी हैं कहते थे ,बच्चे तिरंगा लहरा के आना या तिरंगे में लिपट कर आना
कह देना उनसे मैंने उनकी बात रख ली।दुश्मन को पीठ नहीं दिखाई, आखिरी गोली भी सीने पे खाई।

मेरा छोटा भाई उससे पूछना क्या मेरा वादा निभाएगा! मैं सरहद से बोल के आया था एक बेटा जाएगा तो दूसरा आएगा।
मेरी छोटी बहना उससे कहना, मुझे याद था उसका तोहफा लेकिन अजीब इत्तेफाक हो गया,राखी से पहले भाई राख हो गया।

वो कुएं के सामने वाला घर, दो घड़ी के लिए वहां जरूर ठहरना।यहीं तो रहती है, जिसके साथ जीने मरने का वादा किया था।
उससे कहना भारत मां का साथ निभाने में उसका साथ छूट गया। एक वादे के लिए दूसरा वादा टूट गया।

बस एक आखिरी गुजारिश, मेरी आखिरी ख्वाहिश, मेरी मौत का मातम मत करना ।
मैंने खुद ये शहादत चाही है। मैं जीता हूं मरने के लिए मेरा नाम सिपाही हैं।’

बता दें कि अजय देवगन की अगली फिल्म ‘भुज: द प्राइड ऑफ इंडिया’ सच्‍ची घटना पर आधारित एक फिल्‍‍म है, जिसकी कहानी 1971 के भारत-पाकिस्‍तान युद्ध पर बेस्‍ड है। इस फिल्म में अजय देवगन तत्‍कालीन भुज एयरपोर्ट के इंचार्ज विजय कार्णिक के किरदार में हैं। इसमें अजय देवगन के अलावा संजय दत्त, सोनाक्षी सिन्‍हा, नोरा फतेही और एमी विर्क सीड लीड रोल में हैं।



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