यूपी इन्वेस्टर्स समिट 2018: सजावट में खर्च हुए इतने करोड़ रूपये कि यकीन नहीं करेंगे आप

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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजित किए गए इन्वेस्टर्स समिट 2018 का कार्यक्रम काफी रंगारंग रहा. इस कार्यक्रम में न सिर्फ यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने शिरकत की बल्कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इस समारोह की शोभा बढ़ाई. ये भाजपा और मुख्यमंत्री की कोशिशों का ही नतीजा था कि उत्तरप्रदेश में आयोजित इस कार्यक्रम में देश के बड़े-बड़े उद्योगपतियों और बिज़नस घरानों ने शिरकत की.

समापन में भी ख़ास अतिथि

गुरुवार को इस कार्यक्रम के समापन के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की कानून व्यवस्था को बेहतर बताते हुए निवेशकों को आश्वस्त किया कि देश में निवेश के लिए यूपी सबसे उपयुक्त जगह है. मुख्यमंत्री ने बताया कि इस समिट के दौरान राज्य सरकार ने 1045 एमओयू को सहमति के साथ स्वीकार किया है. उन्होंने दावा किया इनके जरिए आने वाले समय में प्रदेश में लगभग 35 लाख नए रोजगार का सृजन होगा.

लेकिन इसके इतर समिट का आखरी दिन किसी और वजह से भी चर्चा में रहा. इस कार्यक्रम के उद्घाटन  के लिए प्रधानमंत्री मोदी आये थे और समिट के समापन में बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शिरकत की. इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि यूपी के पास देश की सबसे बड़ी युवा शक्ति है, इसीलिए यहां निवेशकों के लिए भी अपार संभावनाएं मौजूद हैं.

Summit 2018 -

सजावट में जान झोंक दी

बता दें कि लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित यूपी इनवेस्‍टर्स समिट में मुकेश अंबानी, अडानी और आनंद महिंद्रा सहित कई उद्योगपतियों ने हिस्सा लिया था. पीएम मोदी ने समारोह में कहा कि जब परिवर्तन होता है, तो सामने दिखता है. उत्तर प्रदेश में इतने व्यापक स्तर पर इन्वेस्टर समिट होना, इन्वेस्टर समिट में इतने निवेशकों और उद्यमियों का एकजुट होना, अपने आप में एक बड़ा परिवर्तन है.

लेकिन इसके कार्यक्रम के सामापन के बाद इसकी सजावट का खर्चा चर्चा का विषय बन गया है. जानकारी के मुताबिक सरकार ने 65 करोड़ 15 लाख रुपये सिर्फ़ सजावट के लिए खर्च किए. लखनऊ के डीएम कौशल राज शर्मा ने दो दिन के समारोह के दौरान हुए खर्च का ब्यौरा देते हुए कहा कि सम्मेलन के दौरान सबसे ज़्यादा 24 करोड़ 25 लाख का खर्च नगर निगम ने सजावट में किए हैं. वहीं लखनऊ विकास प्राधिकरण जिसने कुल 13 करोड़ 8 लाख की रकम खर्च की. इसके बाद पीडब्लूडी विभाग करीब साढ़े 12 करोड़ खर्च किए. कुल मिलाकर उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए बुलाए गए इस सम्मेलन में 65 करोड़ 15 लाख का खर्च अलग-अलग विभागों ने किया है.