तेजी से बढ़ता सोशल मीडिया का इस्तेमाल अपने साथ कई नई परेशानियो का स्वागत कर रहा है. ज्यादा सोशल मीडिया पर ऑनलाइन रहना, फ़ोन के स्क्रीन पर आंखे गड़ाये रखना आपके शारीर पर अति नुकसान पंहुचा रहा है. आलम यह की सोशल मीडिया को हमने ज़िन्दगी का एक एहम हिस्सा बना लिया है. जिससे दूर होना बेहद ही मुश्किल हो गया है.
अपनी जिंदगी से जुड़ी हर छोटी से छोटी बात लोग सोशल मीडिया के जरिए साझा करने लगे हैं. फिर क्या बच्चे और क्या ही बड़े. अधिकतर लोग अपने खाली समय का इस्तेमाल सोशल मीडिया में पोस्ट करने या पोस्ट पढ़ने में करने लगे हैं. नतीजन, व्यक्तिगत जीवन में सोशल मीडिया के बढ़ते हस्तक्षेप ने हमारे शरीर में कुछ कुप्रभाव भी डालना शुरू कर दिए हैं.
नींद का ना आना सबसे बड़ी मुसीबत बनके उभरा है
इस भाग दौड़ भरे जीवन में भी हम किस तरह से सोशल मीडिया के लिए टाइम निकालने लग गए है यह खुद में ही एक सोचने का विषय है. नींद आने पर भी आज कल हम कुछ समय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक, इन्स्ताग्राम पर व्यतीत करने लग गए है. जिसके कारण हमारी रोजमर्रा की आदत दिन भर दिन बिगड़ने लग गयी है.
यह आदत हमारे शरीर मे दो तरह से नकारात्मक प्रभाव डालती है. पहला नकारात्मक प्रभाव सोशल मीडिया में मौजूद कंटेंट की वजह से हमारी नींद पर पड़ता है.
दरसअल, जैसे जैसे हमारा मस्तिष्क शांत और एकाग्र होता है, वैसे वैसे हमे नॉन रेम स्लीप से रेम स्लीप की तरफ जाना शुरू कर देते हैं. नॉन रेम स्लीप को आप आम भाषा में नींद की हल्की झपकी भी बोल सकते हैं. लेकिन, सोशल मीडिया में मौजूद पोस्ट हमारे मस्तिष्क को शांत करने की जगह और तेज से चलाना शुरू कर देते हैं. पोस्ट पढ़ने के बाद, उसके बारे में हम अपनी राय सोंचना शुरू कर देते हैं. जिसके चलते दिमाग के शांत और एकाग्र होने की प्रक्रिया रुक जाती है. जिसका असर हमारी नींद पर पड़ता है.