उत्तर प्रदेश: होटल के कमरे में गद्दों की तरह बिछी मिली 100 करोड़ की रक़म

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राष्ट्रीय जांच एजेंसी और ईडी से मिले सुराग की मदद से उत्तर प्रदेश के औद्योगिक शहर कानपुर में पुलिस को एक बड़ी सफलता हासिल हुई है. मंगलवार 16 जनवरी को पुलिस ने 4 अलग-अलग ठिकानों पर छापा मरा था. इसके बाद कानपुर पुलिस ने एक होटल से पुराने नोटों का अब तक का सबसे बड़ा ज़खीरा ज़ब्त किया है. छापेमारी के दौरान पुलिस ने नोटों के तीन बिस्तर बरामद किये हैं. नोटों के इन बिस्तरों का इस्तेमाल सोने के लिए किया जाता था. ये बरामदगी बिल्डर आनंद खत्री के स्वरूपनगर स्थित घर से और एक अन्य होटल से हुई है. नामी बिल्डर, कपड़ा कारोबारी और मनी एक्सचेंजर आनंद समेत पुलिस ने 8 लोगों को लगभग 97 करोड़ रुपये के पुराने नोटों के साथ पकड़ा है.

नोटबंदी के बाद सबसे बड़ी सफलता

8 नवम्बर 2016 को हुई नोटबंदी के लगभग 14 महीने बाद इतनी बड़ी रकम का मिलना कई सवाल पैदा करता है. ये पैसे कहां से आये और इन्हें कहां खपाने की तैयारी थी? इन सब सवालों के जवाब को लेकर पुलिस की कई टीम गिरफ्तार किये गए लोगों से लोगो से पूछताछ कर रही है.

बताया जा रहा है कि गुप्त सूचना के आधार पर जब अफसरों ने होटल गगन में छापा मारा तो वहाँ के स्टाफ की आखें फटी रह गई. नोटों के बंडलों को कई कमरों में बिस्तर की तरह छिपा कर रखा गया था. पुलिस ने मौक़े से आनंद खत्री, संतकुमार, संजय सिंह, अनिल और सहारनपुर के विजय प्रकाश और ओमप्रकाश को अरेस्ट किया है.

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इस बारे में एसएसपी ए. के. मीणा ने बताया कि, “हमें सूचना मिली थी कि कानपुर के कुछ बड़े व्यापारी और बिल्डर ने करोड़ों की तादाद में पुराने नोट छिपा रखे हैं. जिसके आधार पर हमने छापा मारा और करोड़ों रुपये के नोट बरामद हुए. इस मामले में कई और लोगों के जुड़े होने के सबूत मिले हैं. जिन्हें जल्द पकड़ लिया जाएगा. इस बारे में रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया और आयकर विभाग के अधिकारियों को सूचित कर दिया गया है.” पुलिस के मुताबिक आनंद नाम के व्यापारी ने दूसरे बिज़नेसमैन से भी एक्सचेंज के लिए नगदी जमा की थी.

सरकारी अधिकारियों के शामिल होने का शक

उत्तर प्रदेश पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार किये गए लोगों में से एक शख्स का रिश्तेदार रिजर्व बैंक में नौकरी करता है. पुलिस सूत्रों का कहना है कि अभी इस बात की भी जांच की जा रही है कि कहीं इस धंधे में सरकारी अधिकारी तो शामिल नहीं है. पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह पता करना है कि क्या ये लोग पुराने नोटों की बदली तो नहीं करते थे. रिज़र्व बैंक के नियमों के मुताबिक अब पुराने नोटों की बदली नहीं की जा सकती है.

मेरठ में बरामद हुए थे पुराने नोट

बता दें कि पिछले दिनों मेरठ के एक बिल्डर संजीव मित्तल के पास से पुलिस ने 25 करोड़ के पुराने नोट बरामद किए थे. इसके बाद एनआईए को जानकारी मिली थी कि यूपी में कानपुर समेत कई जिलों में मनीचेंजर गैंग सक्रिय हैं, जो आधे-पौने दाम पर पुरानी करेंसी को नई करेंसी में बदल रहे हैं.

एनआईए की इसी सूचना के बाद विशेष टीम बनाकर मनी एक्सचेंजर और कुछ संदिग्ध लोगों पर नजर रखी जा रही थी, जिसके बाद यह बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. फिलहाल पुलिस नोटों की गिनती कर रही है. सूत्रों से पता चला है कि है कि यह रकम 100 करोड़ के ऊपर है. बरामद किये गए नोट इतनी बड़ी तादाद मेंम हैं कि उन्हें रखने के लिए बक्से मंगवाने पड़े.