Traffic Challan के लिए अब नहीं काटने होंगे चक्कर, घर बैठे वर्चुअल कोर्ट में हो जाएगा निस्तारण

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Traffic Challan के लिए अब नहीं काटने होंगे चक्कर, घर बैठे वर्चुअल कोर्ट में हो जाएगा निस्तारण

शुक्रवार को हाइकोर्ट के जजों ने किया वर्चुअल कोर्ट का शुभारंभ। लोगों को कोर्ट-कचहरी के नहीं काटने होंगे चक्कर।

नोएडा। Virtual Traffic Court in Noida. उत्तर प्रदेश के हाइटेक शहर नोएडा (Noida) में रहने वालों को अब वाहनों का चालान (traffic challan) कटने के बाद कोर्ट-कचहरी के चक्कर नहीं काटने होंगे। अब वाहन चालक कहीं पर भी बैठकर अपने ट्रैफिक चालान का निस्तारण करवा सकेंगे। कारण, शुक्रवार को गौतमबुद्ध नगर में प्रदेश की पहली वर्चुअल ट्रैफिक कोर्ट (virtual traffic court) का शुभारंभ किया गया है। इसके चलते अब लोगों को चालानी मुकदमों के निस्तारण को कोर्ट-कचहरी के फेर में नहीं पड़ना होगा। वह अपने फोन के माध्यम से चालान का निस्तारण वर्चुअल ट्रैफिक कोर्ट में करा सकेंगे। इतना ही नहीं, इसके लिए उन्हें किसी अधिवक्ता अथवा न्यायालय के कर्मचारी से भी संपर्क करने की जरूरत नहीं है।

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बता दें कि इलाहाबाद हाइकोर्ट में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएन भण्डारी, हाईकोर्ट इलाहाबाद के प्रशासनिक न्यायमूर्ति के साथ अध्यक्ष कम्प्यूटराइजेशन कमेटी के न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी की उपस्थिति में गौतमबुद्ध नगर दीवानी न्यायालय में इस वर्चुअल ट्रैफिक कोर्ट एंव ईपे भुगतान का अनावरण किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से उच्च न्यायालय इलाहाबाद के न्यायाधीश, अपर मुख्य सचिव गृह उप्र शासन अवनीश अवस्थी, नोएडा के पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह, डीसीपी ट्रैफिक गणेश साहा के साथ साथ पूरे प्रदेश के जनपद न्यायाधीश वर्चुअल माध्यम से जुड़े रहे।

लोगों को मिलेंगे ये दो फायदे

जस्टिस मुनीश्वर नाथ भंडारी (इलाहाबाद हाई कोर्ट, एक्टिंग चीफ जस्टिस) ने उद्घाटन करते हुए जानकारी दी कि नोएडा के निवासी vcourts.gov.in पर लॉगिन कर अब अपना ट्रैफिक चालान भर सकते हैं। इसका दूसरा फायदा ये भी है कि ट्रैफिक का अपराध दोहराने वालों का आसानी से पता चल सकेगा। कारण चालान भरते समय नियमों का उल्लंघन करने वालों का डेटा कंप्यूटर सिस्टम में पहले से ही होगा। इस दौरान ई-चालान भरने के लिए 90 दिन का समय वाहन चालकों को मिलेगा। देश भर में कहीं से भी अपने चालानी मुकदमों का निस्तारण घर बैठे कर सकते हैं।

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भाषा हिंदी में होनी चाहिए

कार्यक्रम के दौरान न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी ने बताया कि वर्चुअल ट्रैफिक कोर्ट से संबंधित पोर्टल की कार्यवाही जो है वह मुख्य रूप से हिन्दी भाषा के माध्यम से ही होनी चाहिए। कारण, अधीनस्थ न्यायालयों की अधिकांश कार्यवाही हिन्दी भाषा में ही की जाती है। संबंधित कोर्ट की पीठासीन अधिकारी नितिका महाजन से अपेक्षा की गई कि वह वर्चुअल ट्रैफिक कोर्ट की अपेक्षाओं को पूर्ण रूप से पूरा करने का प्रत्येक स्तर पर प्रयास करेंगी। साथ ही लोगों को इसका अधिक लाभ मिलेगा।











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