आपको भी घूमने का शौक़ है और लेह-लद्दाख आपकी फेवरेट डेस्टिनेशन मिओं से एक है तो ये खबर अहम है. दरअसल बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जम्मू कश्मीर में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण जोजिला सुरंग परियोजना को मंजूरी दे दी. इस सुरंग का मकसद कश्मीर घाटी तथा लद्दाख के बीच हर मौसम में संपर्क सुविधा उपलब्ध कराना है. सर्दियों के मौसम में भारी हिमपात के कारण ये जगह दुनिया के शेष हिस्सों से कटी रहती है. इस योजना के लागू हो जाने से ना सिर्फ रणनीतिक रूप से बल्कि टूरिज्म के लेवल पर भी बड़ी मदद मिलेगी.
करोड़ों की लागत से बनेगी सुरंग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने जम्मू कश्मीर में 14.2 किमी. लंबी सुरंग परियोजना को मंजूरी दे दी. इस सुरंग की परियोजना को कुल 6,809 करोड़ रुपये की लागत से पूरा किया जाएगा. आने-जाने के लिये बनने वाली ये सुरंग दुनिया की सबसे लंबी सुरंग होगी. अगर ये परियोजना अमली जामा पहन लेती है तो श्रीनगर और लेह के बीच यात्रा में लगने वाला समय घटकर 15 मिनट रह जाएगा जो फिलहाल 3.5 घंटा है. इससे श्रीनगर, करगिल और लेह के बीच सभी मौसमों में संपर्क सुविधा होगी. जाड़े में दिसंबर से अप्रैल भारी हिमपात और हिमस्खलन के कारण लेह-लद्दाख क्षेत्र कश्मीर से कटा रहता है.
सात साल का समय लगेगा
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि जोजिला सुरंग दोतरफा आने-जाने के लिये सबसे लंबी सुरंग होगी. इसके निर्माण को पूरा होने में सात साल का समय लगेगा. यह सुरंग भौगोलिक रूप से काफी कठिन क्षेत्र में हैं. इस जगह का तापमान शून्य से 45 डिग्री नीचे तक चला जाता है.
गडकरी ने बताया कि यह सुरंग ऐसे भौगोलिक क्षेत्र में इंजीनियरिंग का बेजोड़ नमूना होगी. उन्होंने कहा कि रक्षाबलों को जाड़े में सीमा चौकियों पर वस्तुओं की आपूर्ति के लिये काफी मशक्कत करनी पड़ती है. यह दर्रा पूरे करगिल क्षेत्र में रणनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है.
प्रधानमंत्री रखेंगे आधारशिला
गडकरी ने बताया कि परियोजना की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रखेंगे और इसी साल से इस पर काम शुरू हो जाने की संभावना है. परियोजना से जोजिला दर्रा से गुजरने वाले यात्रियों की सुरक्षा बेहतर होगी और यात्रा समय 3.5 घंटे से कम होकर 15 मिनट हो जाएगा. जोजिला दर्रा श्रीनगर-करगिल-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर 11,578 फुट की ऊंचाई पर है.