‘राम की जन्मभूमि’ फ़िल्म की रिलीज़ पर रोक नहीं , दो हफ़्ते बाद सुनवाई : सुप्रीम कोर्ट

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सुप्रीम ने अयोध्या विवाद पर बनी ‘राम की जन्मभूमि’ फिल्म पर रोक लगाने को लेकर दायर याचिकाओं पर तुरंत सुनवाई करने से मना कर दिया है। अदालत ने ये कहते हुए इस फ़िल्म के विरोध में दायर याचिकाओं पर सुनवाई करने से इन्कार कर दिया कि ये फिल्म राम मंदिर-बाबरी मस्ज़िद मसले के निपटारे के लिए बने मध्यस्थता पैनल पर प्रतिकुल असर डाल सकता है। अब मामले की सुनवाई दो हफ़्ते बाद होगी।

राम की जन्मभूमि फ़िल्म पर रोक लगाने को लेकर दायर देश की सबसे बड़ी अदालत ने इन्कारनाम पेश किया है। इस मामले की सुनवाई करने वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच में शामिल न्यायमूर्ति एस.ए. बोबडे और एस.ए. नज़ीर ने कहा कि इस फिल्म और अयोध्या विवाद सुलझाने के लिए बने मध्यस्थता पैनल में क्या संबंध है। हम इतने निराशावादी नहीं है। आगे उन्होंने कहा कि कोई भी फ़िल्म मध्यस्थता के रास्ते में नहीं आ सकती है। अदालत ने इस मामले की सुनवाई दो हफ़्ते बाद रखी है।

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क्या है फ़िल्म में : इस फ़िल्म के निर्माता और निर्देशक उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिज़वी हैं जो अक्सर अयोध्या के विवादित स्थल पर भगवान राम के मंदिर निर्माण की हिमायत करके सुर्खियों में रहते हैं। उनकी यह फ़िल्म ‘राम की जन्मभूमि’ एक फिचर फिल्म है जिसमें उन्होंने एक ऐसे मौलवी का किरदार गढ़ा है जो विदेशों की फंडिंग के ज़रिये देश में साम्प्रदायिक तनाव बढ़ाने की गतिविधियों में लिप्त रहता है। तीन तलाक और हलाला के बहाने अपना स्वार्थ सिद्ध करता है।

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