Srinagar News: साजिद यूसुफ शाह और साहिल बशीर कौन, जिन्होंने लाल चौक पर फहराया देश की आन-बान और शान तिरंगा
हाइलाइट्स
- गणतंत्र दिवस पर कश्मीर के श्रीनगर में लाल चौक स्थित घंटाघर पर तिरंगा फहराया गया
- कश्मीर के दो युवाओं की वजह से देश 30 साल बाद इस ऐतिहासिक पल का गवाह बना
- लाल चौक पर ध्वजारोहण के बाद से ही साजिद यूसुफ शाह और साहिल बशीर भट की चर्चा है
श्रीनगर
73वें गणतंत्र दिवस के मौके पर जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में लाल चौक पर मौजूद घंटाघर पर तिरंगा फहराया गया। कश्मीर के दो युवाओं की वजह से देश 30 साल बाद इस ऐतिहासिक पल का गवाह बना। लाल चौक पर ध्वजारोहण के बाद से ही साजिद यूसुफ शाह और साहिल बशीर भट की चर्चा है। हर कोई इनके बारे में जानना में चाहता है। लेकिन पहले जानिए कि लाल चौक पर तिरंगा फहराना क्यों खास है?
लाल चौक पर घंटाघर का निर्माण 1980 में हुआ था। हर बार कश्मीर में राष्ट्रीय पर्व के दौरान आतंकी हमलों की धमकी दी जाती थी और अलर्ट जारी कर दिया जाता था। इस वजह से लाल चौक पर तिरंगा फहराने के लिए युवा आगे नहीं आ पाते थे।
30 साल बाद आया गौरवशाली पल
लाल चौक पर तिरंगा फहराने का यह मौका 30 साल बाद आया है। इससे पहले 26 जनवरी 1992 में बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने घंटाघर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया था। उस वक्त उनके साथ नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे।
अब जानते हैं उन युवाओं के बारे में जिनकी वजह से यह गौरवशाली क्षण देखने को मिला। साजिद यूसुफ शाह लाल चौक में ध्वजारोहण का वीडियो शेयर करते हुए लिखते हैं, ‘हम कई बार फेल हुए लेकिन 73वें गणतंत्र दिवस पर हमने कर दिखाया। श्रीनगर के लाल चौक स्थित घंटाघर के टॉप पर ध्वजारोहण किया।’
मां को आतंकी हमले में खोया
साजिद सामाजिक कार्यकर्ता के साथ-साथ, यूथ आइकन, वकील और स्थानीय न्यूज वेबसाइट के संस्थापक हैं। कुपवाड़ा में पैदा हुए साजिद ने बहुत छोटी उम्र में अपनी मां को आतंकी हमले में खो दिया था। तबसे लेकर अब तक का उनका सफर घाटी में आतंकी पीड़ितों के लिए प्रेरणादायक है।
एलजेपी के प्रवक्ता हैं साहिल बशीर
साजिद ने अपने एनजीओ के जरिए कश्मीर के ऐसे कई परिवारों की मदद की जो आतंकी हमलों के शिकार बने। उन्हें उनकी नि:स्वार्थ सेवा, सामाजिक कार्य के लिए कई अवॉर्ड मिल चुके हैं। उन्होंने कश्मीरियों और बाकी भारत के बीच की खाई को पाटने के लिए कई लेख भी लिखे हैं। साजिद के साथ साहिल बशीर भट ने भी लाल चौक पर झंडा फहराया। साहिल लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के राष्ट्रीय प्रवक्ता और उपाध्यक्ष हैं।
लाल चौक पर ध्वजारोहण करने के बाद साजिद यूसुफ शाह और साहिल बशीर भट्ट ने कहा कि यह नए कश्मीर की एक झलक है। अभी आगे बहुत कुछ करना बाकी है। यूसुफ ने बताया कि लाल चौक पर तिरंगा फहराया सपना सच होने जैसा है।
साजिद यूसुफ शाह और साहिल बशीर भट
हाइलाइट्स
- गणतंत्र दिवस पर कश्मीर के श्रीनगर में लाल चौक स्थित घंटाघर पर तिरंगा फहराया गया
- कश्मीर के दो युवाओं की वजह से देश 30 साल बाद इस ऐतिहासिक पल का गवाह बना
- लाल चौक पर ध्वजारोहण के बाद से ही साजिद यूसुफ शाह और साहिल बशीर भट की चर्चा है
73वें गणतंत्र दिवस के मौके पर जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में लाल चौक पर मौजूद घंटाघर पर तिरंगा फहराया गया। कश्मीर के दो युवाओं की वजह से देश 30 साल बाद इस ऐतिहासिक पल का गवाह बना। लाल चौक पर ध्वजारोहण के बाद से ही साजिद यूसुफ शाह और साहिल बशीर भट की चर्चा है। हर कोई इनके बारे में जानना में चाहता है। लेकिन पहले जानिए कि लाल चौक पर तिरंगा फहराना क्यों खास है?
लाल चौक पर घंटाघर का निर्माण 1980 में हुआ था। हर बार कश्मीर में राष्ट्रीय पर्व के दौरान आतंकी हमलों की धमकी दी जाती थी और अलर्ट जारी कर दिया जाता था। इस वजह से लाल चौक पर तिरंगा फहराने के लिए युवा आगे नहीं आ पाते थे।
30 साल बाद आया गौरवशाली पल
लाल चौक पर तिरंगा फहराने का यह मौका 30 साल बाद आया है। इससे पहले 26 जनवरी 1992 में बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने घंटाघर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया था। उस वक्त उनके साथ नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे।
अब जानते हैं उन युवाओं के बारे में जिनकी वजह से यह गौरवशाली क्षण देखने को मिला। साजिद यूसुफ शाह लाल चौक में ध्वजारोहण का वीडियो शेयर करते हुए लिखते हैं, ‘हम कई बार फेल हुए लेकिन 73वें गणतंत्र दिवस पर हमने कर दिखाया। श्रीनगर के लाल चौक स्थित घंटाघर के टॉप पर ध्वजारोहण किया।’
मां को आतंकी हमले में खोया
साजिद सामाजिक कार्यकर्ता के साथ-साथ, यूथ आइकन, वकील और स्थानीय न्यूज वेबसाइट के संस्थापक हैं। कुपवाड़ा में पैदा हुए साजिद ने बहुत छोटी उम्र में अपनी मां को आतंकी हमले में खो दिया था। तबसे लेकर अब तक का उनका सफर घाटी में आतंकी पीड़ितों के लिए प्रेरणादायक है।
एलजेपी के प्रवक्ता हैं साहिल बशीर
साजिद ने अपने एनजीओ के जरिए कश्मीर के ऐसे कई परिवारों की मदद की जो आतंकी हमलों के शिकार बने। उन्हें उनकी नि:स्वार्थ सेवा, सामाजिक कार्य के लिए कई अवॉर्ड मिल चुके हैं। उन्होंने कश्मीरियों और बाकी भारत के बीच की खाई को पाटने के लिए कई लेख भी लिखे हैं। साजिद के साथ साहिल बशीर भट ने भी लाल चौक पर झंडा फहराया। साहिल लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के राष्ट्रीय प्रवक्ता और उपाध्यक्ष हैं।
लाल चौक पर ध्वजारोहण करने के बाद साजिद यूसुफ शाह और साहिल बशीर भट्ट ने कहा कि यह नए कश्मीर की एक झलक है। अभी आगे बहुत कुछ करना बाकी है। यूसुफ ने बताया कि लाल चौक पर तिरंगा फहराया सपना सच होने जैसा है।
साजिद यूसुफ शाह और साहिल बशीर भट