सोनिया गांधी ने लालकृष्ण आडवाणी से गर्मजोशी से बात की तो स्मृति ने उन्हें नज़रंदाज़ किया

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भारतीय राजनीती की खासियत ही यही है कि यहाँ कोई भी राजनेता लम्बे समय तक एक दूसरे का विरोधी नही रह सकता. कल के दुश्मनों को आज का दोस्त बनने में देर नही लगती. ऐसा ही कुछ नज़ारा सोमवार को संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के संयुक्त बैठक में देखने को मिला. इस बैठक में राहुल गांधी को पहली पंक्ति में स्थान दिया गया था. बल्कि सिर्फ राहुल ही नहीं, कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी भी उनके साथ सबसे आगे की पंक्ति में बैठीं. सोनिया और राहुल दोनों बीजेपी के वरिष्ठ नेता व पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आ़डवाणी के साथ बैठे थे.

दरअसल राष्ट्रपति की अध्यक्षता में ये संयुक्त बैठक बजट सत्र शुरू होने के उपलक्ष्य में बुलाई गई थी. बताते चलें कि अगले साल 2019 में होने वाले आम चुनावों से पहले का ये अंतिम पूर्ण बजट है.

ये बैठक इसलिए भी ख़ास रही क्यूँकी हाल ही में राजधानी दिल्ली के राजपथ पर गणतंत्र दिवस के समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को छठी पंक्ति में बैठाया गया था. ये मुद्दा अभी शांत भी नहीं हुआ है और आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. लेकिन इसी बीच राष्ट्रपति की अध्यक्षता वाली बैठक में राहुल और सोनिया दोनों को ही पहली पंक्ति में बैठाया गया.

कहीं ख़ुशी कहीं चुप्पी

दूसरी तरफ संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित की गयी इस संयुक्त बैठक के दौरान पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी और कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी में काफी गर्मजोशी से मुलाकात हुई. दोनों वरिष्ठ नेताओं ने बहुत देर तक एक-दूसरे से बात चीत की. आडवाणी के अलावा केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रामदास अठावले ने भी सोनिया गांधी का अभिवादन किया और औपचारिक रूप से थोड़ी बात भी की. लेकिन इस बीच कैबिनेट मंत्री स्मृति ईरानी का रवैया थोड़ा रूखा रहा. स्मृति उनके बराबर में बैठे अडवाणी से मिलने आईं उनसे हाथ भी मिलाया लेकिन उन्होंने सोनिया गांधी से किसी तरह से बातचीत नहीं की, ना ही उनका अभिवादन किया.

Smriti irani -

अब भी बरक़रार है कड़वाहट

बता दें कि गणतंत्र दिवस समारोह में राजपथ पर राहुल गांधी को छठी पंक्ति में जगह दिये जाने को कांग्रेस ने अपने अध्यक्ष का अपमान बताया था. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि, ‘राहुल गांधी अब सिर्फ एक सांसद नहीं हैं, वह कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष भी हैं. अगर सत्ताधारी दल को इस पोजिशन का महत्व नहीं पता है तो ये दुर्भाग्यपूर्ण है.

वहीँ भाजपा ने इस विवाद पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सफाई भी दी थी. बीजेपी की तरफ से कहा गया कि जब कांग्रेस सत्ता में थी तब उन्होंने भी हमारे राष्ट्रीय अद्यक्ष के साथ कुछ ऐसा ही व्यवहार किया था. बीजेपी प्रवक्ता जीवीएल नरसिंम्हा राव ने ये भी कहा कि राहुल गांधी VVIP पंक्ति में बैठने लायक ही नहीं हैं, हमने फिर भी उन्हें सम्मान दिया.