राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद संभाला, खुश हैं कार्यकर्ता

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आज सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह जैसे दिग्गज कांग्रेस नेताओं की मौजूदगी में राहुल गांधी ने कांग्रेस की कमान संभाल ली है. इस मौके पर राहुल गांधी आकरामाक नज़र आये. उन्होंने कहा कि वह आग लगाते हैं हम बुझाते हैं. राहुल ने कार्यकर्ताओं से कहा कि आप युवा हो बुजुर्ग हो हम आपको दिल से प्यार करेंगे. हम आने वाले समय में अपनी पार्टी को युवाओं की पार्टी बनाएंगे. राहुल ने कहा कि हम बीजेपी में भी अपने भाई और बहन देखते हैं फिरे चाहे उनके और हमारे कितने ही वैचारिक मतभेद रहे हों. इस मौके पर राहुल ने प्रधानमंत्री मोदी पर भी निशाना साधा और कहा कि पीएम देश को पीछे ले जा रहे हैं.

इस ख़ास अवसर पर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा कि यह कांग्रेस के लिए ऐतिहासिक दिन है. उन्होंने कहा कि राहुल ने पूरे देश का दौरा किया है वह देश की समस्याओं को जानते हैं. उम्मीद है कि राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस नई ऊचाइयों को छुएगी.

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इसके बाद भूतपूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी हिंदी में भाषण देते हुए कहा कि आज मैं आखिरी बार कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में बोल रही हूँ. इसके बाद पटाखों की गड़ग़ड़ाहट के बीच उन्होंने अपना भाषण रोक दिया और कहा कि इसको बंद करवाओ .लेकिन इसके बाद भी पटाखों की गड़गड़ाहट होती रही और राहुल गांधी ने उनको समझाया कि यह थोड़ी देर में रुक जाएगा. फिर थोड़ी देर बाद सोनिया गांधी ने कहा कि इसी तरह मैंने भी कांग्रेस की कमान संभाली थी और इस ऐतिहासिक संगठन को संभालने की चुनौती थी. सोनिया ने कहा कि मैं जिस परिवार में आई थी वह एक क्रांतिकारी परिवार था और इंदिरा जी उसी क्रांतिकारी परिवार की बेटी थीं. इस परिवार के हर सदस्य का मकसद सिर्फ देश था. मैंने भारत के संस्कारों को इंदिरा गांधी जी से सीखा है. जब उनकी हत्या हुई तो मुझे लगा कि मेरी मां की हत्या की गई है.

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सोनिया ने राजीव गांधी की याद करते हुए कहा कि फिर मेरे पति की हत्या कर दी गई और मेरा सहारा छीन लिया गया. मैं राजनीति से दूर रहना चाहती थी. मेरे यहां तक कि सफर में कांग्रेस के कार्यकर्ता हमारे हमसफर और मार्गदर्शक बने. हमने 10 सालों तक एक जिम्मेदार और प्रगतीशील सरकार दी. जिसका नेतृ्त्व डॉ. मनमोहन सिंह ने पूरी ईमानदारी से किया. हम 2014 से विपक्ष में हैं. हमारे सामने चुनौती है. हमारे संवैधानिक मूल्यों पर हमला किया गया है. लेकिन हम डरने वाले नही हैं. हम संघर्ष जारी रखेंगे. शोहरत, सत्ता और स्वार्थ हमारा मकसद नहीं है. हमारा मकसद इस देश के मूल्यों की रक्षा करना है. हम सब जानते हैं कि हमारी मिली जुली संंस्कृति पर वार हो रहा है. इस बीच कांग्रेस को भी अपने अंर्तमन से जागकर आगे बढ़ना पड़ेगा. यह एक नैतिक लड़ाई है. जिसमें जीत हासिल करने के लिए तैयार रहना पड़ेगा.

सोनिया गांधी ने कहा कि एक युवा नेतृ्त्व से पार्टी में नया जोश आएगा. उन्होंने कहा कि राहुल मेरा बेटा है उसकी तारीफ करना उचित नहीं है. लेकिन राजनीति में आने पर उसने एक ऐसे भयंकर शख्स का सामना किया जिससे वह निडर बन गया है.

कांग्रेस मुख्यालय के बाहर समर्थकों ने तमाम तरह के पोस्टर और होर्डिंग लगा दिए हैं. इनमें बधाई संदेश दिए जा रहे हैं.  एआईसीसी के दफ्तर के बाहर लोगों में गजब का उत्साह देखा जा रहा है. समर्थक और कार्यकर्ता पटाखे फोड़ रहे हैं और नारे लगा रहे हैं.

सोनिया गांधी ने मार्च 1998 में पार्टी को नियंत्रण में लिया था वह 19 साल अध्यक्ष रहीं.