कांग्रेस महाधविशेन: राहुल गाँधी और सोनिया ने डूबती हुई कांग्रेस को संभालने की कोशिश तेज़ की

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कांग्रेस के 84वें महाधविशेन के पहले दिन आज देश भर से जमा हुए पार्टी के हज़ारों कार्यकर्ताओं में ज़बरदस्त उत्साह देखने को मिला और साथ ही उनकी आंखों में यह आस भी दिखी कि राहुल गांधी की नुमाइंदगी में पार्टी की​​ किस्मत ​फिर संवरेगी. ध्वजारोहण और राष्ट्रगीत से दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में देश की सबसे पुरानी पार्टी का अधिवेशन शुरू हुआ. पार्टी के एक पदा​धिकारी ने बताया कि इस महाधिवेशन में देश भर से तीन हज़ार प्रतिनिधि और 15 हज़ार से अधिक पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को आमंत्रित किया गया है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सबसे पह​ले ध्वजारोहण किया और फिर राष्ट्रगीत से महाधिवेशन की विधिवत शुरुआत हुई इसके बाद राहुल ने उपस्थित लोगों को संबोधित किया. पिछले साल दिसंबर में राहुल गांधी के पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद उनके नेतृत्व में कांग्रेस का यह पहला महाधिवेशन है.

कांग्रेस ने 2019 के आम चुनाव में भाजपा को हराने के लिए अपनी रणनीति का खुलासा करते हुए कहा कि वह सभी समान विचारधारा वाले दलों के साथ सहयोग करने के लिए ‘साझा व्यावहारिक कार्य प्रणाली विकसित ‘ करेगी. लोकसभा में कांग्रेस के नेता म​ल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा पेश किये गये इस प्रस्ताव को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इसी के माध्यम से पार्टी लोकसभा सहित अगले चुनावों में अन्य विपक्षी दलों के साथ गठबंधन करने की अपनी दिशा निर्धारित करेगी. प्रस्ताव में कहा गया, ‘आज हमारे संवैधानिक मूल्यों की बुनियाद पर खतरा पैदा हो गया है. हमारी आज़ादी खतरे में है. हमारे संस्थानों पर भारी दबाव है और उनकी आजादी से समझौता हो रहा है. हमें, अपने गणराज्य को हर कीमत पर बचाना होगा.’

एक साथ चुनाव हैं एक साज़िश

पार्टी ने इसमें कहा, ‘हमारे संवैधानिक के मूल चरित्र की रक्षा के लिए जिस प्रकार के बलिदान की ज़रूरत होगी, उसे देने के लिए कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से तैयार है. हम भाजपा राज के दौरान पतन के कगार पर पहुंच चुकी इस राजनी​ति की सफाई करेंगे, जो भारत के लोगों से की गयी अपनी प्रतिबद्धताओं को निभाने में नाकाम रही है.’  कांग्रेस के राजनी​तिक प्रस्ताव में लोकसभा एवं राज्य विधानसभाओं के एक साथ चुनाव के प्रस्ताव को ‘भाजपा की चाल’ बताते हुए इस प्रस्ताव को गलत करार दिया गया है. पार्टी ने इसके लिए राष्ट्रीय सहमति बनाने की आवश्यकता पर बल दिया है. कांग्रेस ने आगाह किया ​कि एक साथ चुनाव करवाये जाने के गंभीर परिणाम होंगे. पार्टी ने अपने इस प्रस्ताव में चुनाव प्रक्रिया को लेकर भी कुछ आशंकाएं व्यक्त ​की है. इसमें कहा गया, ‘जनमत के विपरीत परिणामों में हेराफेरी करने के लिए ईवीएम के दुरूपयोग को लेकर राजनीतिक दलों एवं आम लोगों के मन में भारी आशंका है.’

प्रस्ताव में कहा गया कि निर्वाचन प्रक्रिया की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग को मतपत्र के पुराने तरीके को फिर से लागू करना चाहिए क्योंकि अधिकतर दलों एवं आम लोगों के मन में भारी आशंकाएं हैं. कांग्रेस पार्टी ने इस प्रस्ताव के जरिये न्यायिक प्रणाली में तुरंत सुधारों की जरूरत पर भी बल दिया है. इसमें दलबदल को लेकर भी चिंता जतायी गयी हैं. इसमें कहा गया है कि पार्टी राजनीतिक स्थिरता कायम करने के लिए धनबल के खुलेआम दुरूपयोग पर रोक लगाकर दल बदलुओं को छह साल के लिए किसी भी चुनाव से लड़ने से वंचित करेगी. प्रस्ताव में महिला सशक्तिकरण, सामाजिक न्याय, दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों पर अत्याचार, आरएसएस—भाजपा, भ्रष्टाचार, आतंरिक एवं बाह्य सुरक्षा तथा आंध्र प्रदेश एवं मीडिया के मुद्दों पर भी चर्चा की गयी.

राहुल ने किये एक तीर से कई निशाने

वहीं राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि देश में गुस्सा फैलाया जा रहा है, देश को बांटा जा रहा है. उन्होंने कहा देश के एक व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति से लड़ाया जा रहा है. लेकिन हमारा और हमारी पार्टी का काम जोड़ने का काम है. राहुल ने कहा महाधिवेशन भविष्य की बात कर रहा है. हमारी परंपरा में बदलाव किया जाता है लेकिन बीते हुए समय को भूला नहीं जाता. पार्टी में युवाओं की बात होती है. युवा कांग्रेस पार्टी को आगे ले जाएंगे तो वरिष्ठ नेताओं के बिना हमारी पार्टी आगे नहीं बढ़ सकती. मेरा काम वरिष्ठ और युवा नेताओं को जोड़ने का काम है. उन्हें एक साथ लेकर पार्टी को एक नई दिशा दिखाने का काम है. देश के करोड़ों थके युवा, जो मोदी जी की ओर देखते हैं तो उन्हें रास्ता नहीं दिखाई देता है. उन्हें समझ नहीं आता कि उन्हें रोज़गार कहां से मिलेगा. किसानों को सही दाम कब मिलेगा. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा देश एक प्रकार से थका हुआ है. रास्ता खोज रहा है. ऐसे में देश को सिर्फ कांग्रेस पार्टी ही रास्ता दिखा सकती है. कांग्रेस पार्टी और विपक्ष में बहुत बड़ा फर्क है. वो क्रोध और गुस्से का प्रयोग करते हैं और हम प्यार और भाईचारे का प्रयोग करते हैं. ये देश सबका है, हर धर्म का है, हर जात का है हर व्यक्ति का है, जो भी काम कांग्रेस पार्टी करेगी वो पूरे देश के लिए करेगी. देश के हर व्यक्ति के लिए करेगी और किसी को पीछे नहीं छोड़ेगी. राहुल ने कहा इस सेशन का लक्ष्य देश को और कांग्रेस को रास्ता दिखाना है. ये अधिवेशन नेतृत्व का नहीं, कार्यकर्ताओं का है.

सोनिया ने भी दिखायी हिम्मत

इस अधिवेशन पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनि‍या गाँधी ने कहा कि‍ राहुल ने चुनौतीपूर्ण समय में ज़िम्मेदारी संभाली है. हम सभी को निजी अहम और आकांक्षाओं को किनारे रखकर एकजुट होकर राहुल का साथ देना होगा. सोनिया के अनुसार कांग्रेस एक दल नहीं, एक सोच है, आंदोलन है. हमारे जीवन का अंग है कांग्रेस, इसमें सबको जगह है. उन्होंने कहा कि पार्टी नए अध्यक्ष के साथ ऐसी पार्टी बने जो देश दुनिया का एजेंडा तय करे, सभी वर्गों की उम्मीदों को पूरा करे. 40 साल पहले इंदिराजी ने चिकमंगलूर में सब बदल दिया था. कर्नाटक में हमारा प्रदर्शन ऐसा हो, जो देश की राजनीति को नई दिशा प्रदान करे. गुजरात और राजस्थान से साबित हुआ क़ि जो लोग कांग्रेस के अस्तित्व को समाप्त करने की बात करते थे, जनता ने उन्हें बता दिया क़ि, वो कांग्रेस को प्यार करती है.

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सोनिया ने कहा कि परिस्थ‍ितियों ने मुझे ऐसी दुनिया में आने को प्रेरित किया, जबकि मैं इस दुनिया में आना नहीं चाहती थी. 2003 में हमने सामान विचार वाली पार्ट‍ियों के साथ काम करना शुरू किया और 2004 में उसका रि‍जल्ट हमें मिला. पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के नेतृत्व में हमारी 5 सालों की मेह‍नत ने हमें 2009 में और बड़ी जीत दिलाई. यूपीए सरकार के दरम्यान देश की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ी. सोनिया बोलीं कि अब वक्त आ गया है कि‍ कांग्रेस राहुल गांधी के साथ आगे बढ़े.

सोनिया ने कहा कि जब मैं मुड़कर पीछे देखती हूं तो याद आता है कि सबने कितनी मेहनत कर 1998 से 2004 के बीच कई राज्यों में कांग्रेस की सरकार बनाई, जिससे ताक़त मिली. 1998 में पचमढ़ी चिंतन शिविर में आम राय बनी कि एकला चलो. फिर 2003 में वक्त बदला तो गठबंधन का फैसला हुआ. फिर 2004 में हमने सरकार बनाई. पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने बढ़िया सरकार चलायी, अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ी. 2009 में हम और ज़्यादा सीटें लेकर आये. मनरेगा, भूमि अधिग्रहण, आरटीआई , भोजन का अधिकार जैसे कानून लाये गए.

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि‍ आज देखकर बहुत दुख होता है कि हमारी ऐसी सफल योजनाओं को मोदी सरकार बर्बाद कर रही है. सत्ता के नशे में सरकार मदमस्त है. लेकिन कांग्रेस पार्टी न सत्ता के अहंकार के आगे झुकी है और ना झुकेगी. विपक्ष के खिलाफ फर्जी मुकदमे लगाना, मीडिया को सताना जैसे काम ये तानाशाह मोदी सरकार कर रही है, मोदी सरकार विपक्ष की आवाज को दबा रही है.