शनि देव की कृपा पाने के लिए ये है सही विधि विधान

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शनि देव को न्याय का देवता कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि वह सभी के कर्मों का फल देते हैं. कोई भी बुरा काम उनसे छिपा नहीं, शनिदेव हर एक बुरे काम का फल मनुष्य को ज़रूर देते हैं. जो गलती जानकर की गई उसके लिए भी और जो अंजाने में हुई, दोनों ही गलतियों पर शनिदेव अपनी नज़र रखते हैं. इसीलिए उनकी पूजा का बहुत महत्व है. कहा जाता है कि शनि देव जिससे खुश हो उसका घर अपरंपार खुशियों से भर जाता है और शनि की साड़े साती अच्छे-अच्छों की कमर तोड़ देती है.

माना जता है कि हर शनिवार को शनि देव की पूजा करने से मनवांछित फल मिलता है. बड़े-बुजुर्गों का कहना है कि अगर पूजा सही तरीके से की जाए तो इससे शनिदेव की असीम कृपा मिलती है और ग्रहों की दशा भी सुधरती है. आज हम आपको बताने वाले हैं कि शनिदेव की पूजा करने का सही तरीका क्या है और आपको क्या सावधानियां बरतनी चाहिए.

Shani dham -

  • शनिदेव की पूजा के दौरान ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम: मन्त्र का जाप करें.
  • हर शनिवार मंदिर में सरसों के तेल का दीया जलाएं. इस बात का ख़ास ध्यान रखें कि यह दीया उनकी मूर्ति के आगे नहीं बल्कि मंदिर में रखी उनकी शिला के सामने जलाया जाए और रखा जाए.
  • अगर आस-पास शनि मंदिर ना हो तो पीपल के पेड़ के आगे तेल का दीया जलाएं. अगर वो भी ना हो तो सरसों का तेल गरीब को दान करें.
  • शनिदेव को तेल के साथ ही तिल, काली उदड़ या कोई काली वस्तु भी भेंट करें.
  • भेंट के बाद शनि मंत्र या फिर शनि चालीसा का जाप करे.
  • शनि पूजा के बाद हनुमान जी की पूजा करें. उनकी मूर्ति पर सिन्दूर लगाएं और केला अर्पित करें.