Shaheen Bagh Protest : अमानतुल्लाह या बुलडोजर? शाहीन बाग में तीन घंटे की फिल्म का हीरो कौन?

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Shaheen Bagh Protest : अमानतुल्लाह या बुलडोजर? शाहीन बाग में तीन घंटे की फिल्म का हीरो कौन?

नई दिल्ली: बॉलीवुड की फिल्म आमतौर पर 3 घंटे की होती है। दिल्ली के शाहीन बाग में भी आज तीन घंटे की फिल्म बनी। जी हां, यहां भी कैमरा था, सस्पेंस था, MCD के पास स्क्रिप्ट भी थी लेकिन नहीं था तो कोई ऐक्शन। ऐसा लग रहा था जैसे बिना किसी डायरेक्शन के फिल्म बन रही है। CAA-NRC के खिलाफ दिल्ली के जिस इलाके में एक बड़ा आंदोलन चला था, वहां आज बुलडोजर नहीं चल पाया। हुआ यूं कि जहांगीरपुरी के बाद दिल्ली के जिस दूसरे इलाके में बुलडोजर की चर्चा जोर-शोर से हो रही थी वहां आज बुलडोजर पहुंचने वाला था। सुबह 10 बजते-बजते साफ हो गया कि MCD को पर्याप्त सुरक्षाकर्मी मिल जाएंगे। टीवी चैनलों पर सीधा प्रसारण शुरू हो चुका था। 11 बजने से पहले ही बुलडोजर की पहली तस्वीर फ्लैश हो गई। आजकल बुलडोजर का कद ही इतना बढ़ गया है कि वह जहां भी जाता है खलबली मच जाती है। शाहीन बाग में बुलडोजर पहुंचा तो सही लेकिन आज कुछ वैसा ‘पराक्रम’ नहीं दिखा पाया। लोगों की भीड़ जुटी, नारे लगे, गुस्सा फूटा, लोहे के रॉड लोगों ने खुद ही गिरा दिए जिसके लिए बुलडोजर मेहनत करने वाला था। बुलडोजर या कहिए एमसीडी की टीम ही थोड़ा कन्फ्यूजन की स्थिति में दिखाई दे रही थी। जहांगीरपुरी में तो बुलडोजर वाले को पता था कि करना क्या है। यहां सीन अलग था। विरोध और हंगामे के बीच यह साफ ही नहीं हो रहा था कि अतिक्रमण कहां है और कब हटेगा? ऐसा लग रहा था कि बुलडोजर अतिक्रमण ढूंढ रहा हो। इन सबके पीछे एक शख्स था जो दहाड़ रहा था कि उसने सारे अतिक्रमण पहले ही हटवा दिए हैं। शाहीन बाग में अब कोई अतिक्रमण नहीं है। वह प्रदर्शनकारियों के साथ नारे लगाते तो दूसरी तरफ अधिकारियों से भी बात करते दिखे। बुलडोजर लौटा तो उस जगह तिरंगा लहराकर लोगों ने खुशी का इजहार किया। कुछ लोग ऐसा भी कहने लगे कि आज तो बुलडोजर नहीं, अमनातुल्लाह खान हीरो रहे।

महिलाओं को हिरासत में लिया जाने लगा…
बुलडोजर को शाहीन बाद पहुंचे कुछ ही मिनट हुए थे कि ओखला के आम आदमी पार्टी विधायक अमानतुल्लाह खान अपने दलबल के साथ पहुंच गए। अब तक कांग्रेस की एक महिला नेता और कुछ स्थानीय पार्षदों, नेताओं ने मोर्चा खोल रखा था। अमानतुल्लाह के आते ही प्रदर्शनकारियों को जैसे मानसिक रूप से ताकत मिल गई हो। AAP विधायक के आने से पहले तक हाल कुछ ऐसा था कि प्रदर्शन पर अंकुश लगता दिख रहा था क्योंकि महिला और कुछ पुरुष प्रदर्शनकारियों को पुलिसकर्मी हिरासत में लेना शुरू कर चुके थे। ऐसा लगा कि बस कुछ देर में बुलडोजर तोड़फोड़ शुरू कर देगा। लेकिन ऐसा हुआ नहीं।

जब शाहीन बाग से 18KM दूर तुर्कमान गेट पर रुखसाना सुल्ताना ने चलवाया बुलडोजर
और सीन में अमानतुल्लाह की एंट्री
सीएए-एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में महिलाओं की बड़ी भूमिका रही थी। आज बुलडोजर रोकने के लिए भी वे मैदान में उतर चुकी थीं। ऐसे में प्रदर्शनकारियों को हटाने में लगे जवानों को भी अपने कदम पीछे खींचने पड़े। महिला जवानों को आगे किया गया और बुलडोजर के बढ़ने को हरी झंडी दी गई। इसी बीच, सीन में अमानतुल्लाह खान की एंट्री होती है। वही अमानतुल्लाह जिनको लेकर भाजपा और AAP में पहले काफी कुछ कहा और सुना जाता रहा है। वह आते ही भाजपा पर बरस पड़े। उन्होंने मीडिया में जोर-शोर से कहना शुरू कर दिया कि आज की तारीख में शाहीन बाग में कोई अवैध निर्माण है ही नहीं।

navbharat times -
दिखाइए अतिक्रमण कहां है?
अमानतुल्लाह खान ने दावा किया कि मैं तीन दिन पहले आया था। मैंने लोगों से आह्वान किया, लोगों ने अतिक्रमण को हटा लिया। दिखा दीजिए कि अतिक्रमण कहां है? अगर अतिक्रमण है तो मैं खुद तुड़वा दूंगा। उन्होंने कहा कि एक मस्जिद के आगे वजूखाना, दो टॉयलट थे अपनी जेसीबी चलवाकर मैंने खुद तुड़वाया है। जोनल ऑफिसर आए थे उन्होंने जो-जो बताया था वो सब हटवा दिया गया।

जब लोग खुद गिराने लगे लोहे की रॉड
हंगामा बढ़ता रहा। कुछ देर में एक बार फिर बुलडोजर ने जगह बदली। पोजीशन लेने की तैयारी थी तभी कहानी में नया पेच आ गया। दरअसल एक इमारत के आगे कुछ लोहे के रॉड से एक ढांचा खड़ा था। देखने से ऐसा लगता था जैसे यह ढांचा पुताई या निर्माण कार्य के लिए मिस्त्री ने ऊंचाई पर काम करने के लिए बनाया है। बुलडोजर की हलचल देख लोग खुद उस लोहे के ढांचे पर चढ़ गए और उसे गिराने लगे। अधिकारियों के बीच बातचीत भी हुई। पता चला कि लोग खुद ढांचा गिरा रहे हैं तो बुलडोजर की जरूरत क्या है। इस दौरान एमसीडी की टीम ने कुछ बांस-बल्ली जरूर गिराई, जिस पर मजाक भी बना।

एनबीटी ऑनलाइन की टीम ने भी ग्राउंड पर पाया कि एमसीडी की टीम को आज ज्यादा कुछ अतिक्रमण नहीं दिख रहा था। ऐसे में उसे बल्ली-बांस या शटरिंग में ही उलझना पड़ा। एक बुलडोजर आया था वो भी बैक गेयर लगाकर आखिर में लौट गया।



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