जीएसटी लागू होने के बाद एसबीआई के खाताधारकों के लिए एक अच्छी खबर है। बैंक ने गुरुवार को नेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स एंड फण्ड ट्रांसफर (एनईएफटी) और रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) शुल्क में 75 प्रतिशत तक की कटौती कर दी गई है। नई दरें 15 जुलाई से लागू हो जाएँगी ।
देश के सबसे बड़े बैंक ने कहा है कि शुल्क में यह कटौती उसकी इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग सेवाओं से लेन-देन पर ही लागू होगा। बैंक ने डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए बुधवार को जल्दी भुगतान सेवा (आईएमपीएस ) के तहत एक हजार रूपये तक राशि पर शुल्क को खत्म कर दिया था। बैंक ने एक हजार रूपये तक के आईएमपीएस पर पांच रूपये प्रति लेन-देन के शुल्क के साथ देय सेवा कर भी वसूलता था ।
नोटबंदी और पीओएस टर्मिनल पर डेबिट-क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की पहल से डिजिटल भुगतान सात महीने में ही 70000 करोड़ रूपये के स्तर पर पहुंच गया है। एसबीआई कि रिपोर्ट के अनुसार, अगर नोटबंदी नहीं होती तो पीओएस टर्मिनल के जरिये लेन-देन के 70000 करोड़ रूपये पहुंचने में तीन साल का समय लगता ।
एनईएफटी राशि | शाखा से शुल्क | नेट-मोबाइल पुरानी दर | बैंकिंग से शुल्क
नई दर |
10 हजार तक | 2.50 रूपये | 2 रूपये | 1 रुपया |
10 हजार से एक लाख तक | 5 रूपये | 4 रूपये | 2 रूपये |
एक लाख से दो लाख तक | 15 रूपये | 12 रूपये | 3 रूपये |
दो लाख से अधिक | 25 रूपये | 20 रूपये | 5 रूपये |
आरटीजीएस | |||
दो लाख से पांच लाख तक | 25 रूपये | 20 रूपये | 5 रूपये |
पांच लाख से अधिक | 50 रूपये | 40 रूपये | 10 रूपये |